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गर्व का पल: चुनौतियों से लिया लोहा, 100 करोड़ टीकाकरण का सपना हुआ साकार

डीएम के नेतृत्व में टीकाकरण रफ्तार हुई तेज
• कोरोना मुक्त समाज की परिकल्पना को किया जायेगा साकार
• नई-नई पहल से अधूरे टीका में रंग भर रहें स्वास्थ्य कर्मी
Chhapra: आज देश के लिए गर्व की बात है कि 100 करोड़ टीकाकरण का लक्ष्य हासिल कर लिया गया है। लेकिन यह सफर काफी चुनौतियों से भरा रहा। लेकिन इन चुनौतियों को पार कर आज 100 करोड़ टीकाकरण का लक्ष्य पूरा हो गया है। टीकाकरण के सफर की चर्चा करते हुए जिलाधिकारी डॉ. नीलेश रामचंद्र देवरे ने कहा कि यह सफर काफी चुनौतियो से भरा था। शुरूआती दौर टीकाकरण के प्रति लोगों के मन में कई तरह की भ्रांतियां थी। जिसके वजह से टीका लेने के लिए आग नहीं आ रहे थे। लेकिन जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के तमाम कर्मियों के अथक प्रयास से लोगों में टीकाकरण के प्रति जागरूकता बढ़ी। इस कार्य में स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सक, नर्स, आशा, आंगनबाड़ी, जीविका, शिक्षा विभाग, जनप्रतिनिधि और सहयोगी संस्थाओं का योगदान भी काफी महत्वपूर्ण रहा। डीएम ने कहा कि हम जिस रास्ते पर चले थे उस रास्ते काफी परेशानी थी, सड़क उबर-खाबड़ थी। लेकिन सफलता के पथ पर अगर आप निरंतर आगे बढ़ते हैं तो सफलता जरूर मिलती है। आज जिले में भी टीकाकरण की रफ्तार बढ़ी है। जिले में अब 24 लाख 40 हजार से अधिक लोगों का टीकाकरण किया जा चुका है। अब वो दिन दूर नहीं है जब कोरोना मुक्त समाज की परिकल्पना को पूरा किया जायेगा।

डीएम ने खुद संभाली थी जागरूकता की कमान:
महामारी के उस दौर में जब लोग कोविड का टीका लेने से कतरा रहें थे। तब जिलाधिकारी डॉ. नीलेश रामचंद्र देवरे ने खुद जागरूकता की कमान संभाल रखी थी। जिलाधिकारी के द्वारा विशेष समुदाय के साथ बैठक कर टीकाकरण के प्रति जागरूक किया गया। उनके मन फैली भ्रांतियों को खुद जिलाधिकारी ने अपने संदेश से दूर किया था। इसके साथ हीं भ्रांतियों को दूर करने के लिए कम्युनिकेशन टास्क फोर्स का भी गठन किया गया था। इस टास्क फोर्स के अध्यक्ष खुद डीएम थे। सभी सदस्यों को अलग-अलग जिम्मेदारी सौंपी गयी थी। तब जाकर लोगों में टीकाकरण प्रति जागरूकता बढ़ी और आज यह उपलब्धि हासिल हुई है।

सिविल सर्जन ने भी अपने कर्तव्यों को बखूबी निभायी:
किसी भी अभियान की सफलता के लिए उसकी निगरानी आवश्यक होती है। ऐसे में सारण के सिविल सर्जन डॉ जेपी सुकुमार के द्वारा दिन-रात टीकाकरण अभियान की मॉनिटरिंग की गयी। जिलास्तर पर कर्मियों को प्रशिक्षित किया गया तथा सीमित संसाधानों का बेहतर उपयोग कर जिले को कोरोना मुक्त करने में सिविल सर्जन अपने कर्तव्यों का बखूबी निवर्हन किया। सीएस ने बताया कि टीकाकरण के लक्ष्य को हर हाल में हासिल करने के लिए नयी-नयी पहल की गयी। जिले में 9 टू 9 टीकाकरण, टीका एक्सप्रेस, विशेष टीकाकरण अभियान, महिलाओं के लिए विशेष व्यवस्था, सेकेंड डोज के लिए अलग से टीकाकरण की व्यवस्था सुनिश्चित की गयी। इसके साथ हीं पोलिया अभियान के तर्ज पर डोर-टू-डोर टीकाकरण अभियान भी चलाया गया। सिविल सर्जन ने बताया कि टीकाकरण की रफ्तार इसी तरह से चलता रहे यह विभाग का संकल्प है। इन चुनौतियों के बीच स्वास्थ्य की अन्य सेवाओं को सुनिश्चित कराना भी हमारी जिम्मेदारी है।

डीपीएम की पैनी नजर, अधूरा टीकाकरण को कर रहे पूरा:
जिला स्वास्थ्य समिति के जिला कार्यक्रम प्रबंधक अरविन्द कुमार ने टीकाकरण के प्रति समुदाय को किस तरह से जागरूक किया जाये। इस पर रणनीति बनायी गयी। आशा कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया गया। टीकाकरण को लेकर लोगों के मन में शंका थी। उन क्षेत्रों की पहचान कर विशेष रूप से जागरूक किया गया। सिविल सर्जन और मैं खुद टीम बनाकर कई ऐसे विशेष समुदाय वाले क्षेत्रों में घर-घर जाकर लोगों को जागरूक किये जहां पर लोग टीका लेने से इनकार कर रहे थे। सभी के मेहनत और प्रयास रंग लायी और आज टीकाकरण के लिए प्रत्येक केंद्रों पर लंबी-लंबी लाइन लग रही है। लोग अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक हो चुके है।

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