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आम बजट को किसी ने सराहा तो किसी ने बताया छलावा

छपरा: देश के लिये बजट बहुत मायने रखता है क्योंकि इससे ही देश की तरक्की की दिशा और दशा दोनों तय होती है.

बुधवार को भारत सरकार के वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा पेश किये गए आम बजट पर पूरे देश के लोगों के साथ साथ विदेशियों की भी नजर टिकी थी. व्यावसायिक जगत के जानकार तो बजट सत्र के प्रारंभ से ही टीवी के साथ चिपके रहें.

2017 का आम बजट दो मायनो में खास था. पहली बार एक फरवरी को आम बजट पेश हुआ वही आम बजट में रेल बजट भी पेश किया गया. संसद में अरुण जेटली ने देश के बजट में सरकार के लिए गए निर्णय का जिक्र करते हुए उसके लाभ को बताया.

बजट को लेकर आम से खास तक की अपनी अपनी राय है. एक पक्ष जहाँ इसे सराह रहा है वही दूसरी और कुछ इसे छलावा बता रहे है. बजट को लेकर राजनितिक दलों की राय भी अलग अलग है.

आम बजट को बीजेपी के जिलाध्यक्ष रमेश प्रसाद ने देश के विकास और गरीबों के हित के प्रति समर्पित बताया.

रेल में बायो टॉयलेट, स्वचालित सीढ़ी और दिव्यांगों के लिये की गयी घोषणाओं को प्रवक्ता धर्मेंद्र कुमार ने बेहतर निर्णय करार दिया है. उन्होंने स्वच्छता की लिए इसे बेहतर विकल्प बताया.

वही श्याम बिहारी अग्रवाल ने बताया कि आम बजट टैक्स में छूट, डिजिटल पेमेंट में रियायत तथा देश के विकास में किये गए नीति निर्धारण को बेहतर बताया.

डिजिटल क्रांति के लिए ग्रामीण इलाकों में wi-fi और किसानों के लिए तैयार नीति देश की GDP को बढ़ावा देगी.

हालांकि आम बजट के साथ पेश किये गए रेल बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए जैद अहमद ने कहा कि आम बजट की तरह रेल बजट से लोगो की उम्मीद रहती है लेकिन इस बजट में यह पता ही नही चला की कब रेल बजट पेश किया गया. नई ट्रेन की घोषणा, रूट विस्तार और यात्री सुविधाओं की घोषणा की आस लगी रहती है लेकिन इस बार ऐसा कुछ नही होने से लोगों को निराशा हाथ लगी.

पश्चिमोत्तर बिहार चेंबर ऑफ़ कॉमर्स के सचिव पवन कुमार अग्रवाल ने बताया बजट को संतुलित बताते हुए कहा कि बजट में व्यापारियों को कोई खास लाभ नहीं है. हालांकि टैक्स में छूट मिलने से थोड़ी राहत मिलेगी.

भाजपा केंद्रीय अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के सदस्य साहेब रजा खान ने बजट को लेकर वित्त मंत्री को धन्यवाद दिया है. उन्होंने अल्पसंख्यक कल्याण के लिए बजट में 4195 करोड़ दिए जाने को लेकर कहा कि इससे अल्पसंख्यकों में सरकार के प्रति विश्वाश बढ़ा है.

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