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जिला प्रशासन ने तय किया खाद्यान्न का रेट, दुकानदारों ने कहा आपूर्ति है ठप्प, कैसे बेचें

Chhapra: लॉक डाउन की घोषणा के बाद शहर के लोग अचानक से बाजारों में निकल पड़े, हर तरफ सिर्फ जनता खरीददारी में जुटी थी. देखते ही देखते बाजारों में खाद्य सामग्री के दाम आसमान छूने लगे. एक दिन पहले जो आटे, दाल, आलू, चावल का भाव था उसपर दुकानदारों द्वारा अचानक 10 से 50 रुपये तक भाव बढ़ा दिया गया. जिला प्रशासन से जनता ने इसकी शिकायत की और प्रशासन द्वारा कालाबाजारी पर बंदिश लगाते हुए कई दुकानदारों के ऊपर कार्रवाई की गई.

बाजारों में कालाबाजारी को देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा खाद्य सामग्री का रेट तय किया गया. बुधवार को जारी किए जिला प्रशासन के खाद्य सामग्री रेट चार्ट में सभी तरह के खाद्य पदार्थो का रेट तय किया गया है. रेट चार्ट में आटा, चावल, दाल, आलू, दूध, तेल सभी के दाम खुदरा एवं थोक दर भी निर्धारित किये गए है. जिसपर आम जनता को खरीददारी करने तथा इस तय रेट से ज्यादा राशि लेने पर प्रशासन को सूचित करने का निर्देश जारी किया गया है. जिला प्रशासन ने तो अपना काम कर दिया लेकिन मार्केट कुछ और ही कह रहा है.

बुधवार को इस संदर्भ में मौना चौक के कई किराना दुकानदारों से बात की गई. दुकानदारों ने अपनी व्यथा बताते हुए कहा कि खाद्य सामग्री का रेट निर्धारण जनता के हित के लिए है. लेकिन समस्या यह है कि दुकानदार थोक भाव मे जो खरीद रहा है उसपर अपना खर्च निर्धारित कर बेच रहा है. जिसका रेट तय रेट से ज्यादा हो रहा है. छपरा की मंडी में फिलहाल खाद्य सामग्री आ नही रही है. मुख्य समान सरसों तेल, आटा, दाल, चावल आपूर्ति मंडी में पूरी तरफ ठप्प है. खाद्य समानों से लदे ट्रक रास्तों में फसें पड़े है.

दुकानदारों का कहना है कि जब समान आएगा ही नही तो निश्चित तौर पर थोक बाजार में समान का दाम चढ़ेगा. खरीददारी के अनुसार ही समानों की बिक्री त रेट निर्धारित होगा.

दुकानदारों का कहना है कि वह आपदा की घड़ी में जनता के साथ है, सरकार और प्रशासन खाद्य सामग्री का आयात सुनिश्चित करें. थोक बाजार में निर्धारित रेट के अनुसार दुकानदारों को समान मुहैया कराए वह लागत मूल्य पर जनता को समान बेचने के लिए तैयार है.

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