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आम खाने से पहले करें सेहत की चिंता, क्योंकि यह आम केमिकल से पके है

Chhapra: शहर में इन दिनों सभी चौक चौराहों पर फलों के राजा आम भरपूर मात्रा में बिक रहे है. दुकानों और ठेलों से आम की खरीददारी लोग जमकर कर रहे है. लेकिन जाने अनजाने कही वह अपने स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ तो नही कर रहे है. क्योंकि बाजारों में मिल रही आम को जबरन केमिकल डालकर पकाया जा रहा है जो हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक है. थोड़े पैसों की लालच में यह खेल धड़ल्ले से चल रहा है और प्रशासन इस पर लगाम लगाने में विफल साबित हो रहा है.

200 से 500 क्विंटल प्रतिदिन आम की हो रही है खपत

आम फलों का राजा है और जब इसकी बिक्री प्रारम्भ होती है तो कोई इसे खाने से चूक नही सकता यही कारण है कि प्रतिदिन 2 से 5 सौ क्विंटल आम की खपत रोज हो रही है. आम के थोक विक्रेताओं के अनुसार दूसरे राज्यों से प्रतिदिन ट्रकों के जरिये कच्चे आम छपरा पहुंच रहे है. थोक बाजार में आने के पहले ही इन आम पर केमिकल का छिड़काव कर दिया जाता है जिससे इसका पकना शुरू हो जाता है. छपरा आने के बाद इन आम को एक बार फिर से केमिकल लगाने की प्रक्रिया दोहराई जाती है, जिससे कि यह आम बाजार में जाने के पूर्व पूरी तरह से पके आम की तरह दिखते है. पका हुआ देख ग्राहक आसानी से इसे खरीद भी लेते है. कार्बाइट का प्रयोग कर इन आम को समय से पूर्व ही पका दिया जाता है जिसे खाने के बाद मानव शरीर के पेट मे बीमारी शुरू हो सकती है.

बाजार समिति और सरकारी बाजार में धड़ल्ले से होता है यह कार्य

दूसरे राज्यो से आने वाले आम को कार्बाइट लगाने का काम बाजार समिति और सरकारी बाजार में धड़ल्ले से होता है. दर्जनों की संख्या में दुकानदार इस काम को प्रशिक्षित मजदूरों से करवाते है जिससे कि प्रतिदिन बाजार की मांग को पूरा किया जा सकें. केमिकल के कारण दुकानदार किसी भी आम को पका देते हैं और बाजारों में वह आसानी से बिक जाता हैं.

केमिकल से पके आम खाने से सबसे ज्यादा परेशानी पेट मे होती है. पेट से ही अन्य बीमारियों की शुरूआत होती है. जिला प्रशासन इस मामले में सुस्त दिखाई दे रहा है. खाद्य विभाग की सुस्ती से लोग खुलेआम जहर खा रहे है.

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