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नवरात्र शुरू होते ही हड़ताल पर चले गये छपरा नगर निगम के सफाईकर्मी

छपरा: बिहार लोकल बॉडीज इंप्लाइज फेडरेशन के बैनर तले छपरा नगर निगम कर्मचारी संघ के सफाई कर्मी दोबारा से अनिश्चितकालीन पर चले गए हैं. यह कर्मी कई महीनों से छपरा नगर निगम से मानदेय बढ़ाने व पिछले 3 महीने से बकाये वेतन के भुगतान की मांग कर रहे हैं. इन कर्मियों के हड़ताल पर जाने के बाद शहर में एक बार फिर से विभिन्न वार्डों में सफाई व्यवस्था ठप हो गयी है. साथ ही साथ बुधवार को नगर निगम कार्यालय में भी टाला लटका रहा और सभी कार्य ठप हो गए.

त्योहारों में शहर में बढ़ेगी गंदगी:

नवरात्रि की शुरआत होते ही नगर निगम कर्मचारी संघ के हड़ताल पर चले जाने से शहर में नालों की सफाई, वार्डों में कचड़े का उठाव का कार्य लगभग ठप्प हो गया है. जिससे कुछ दिनों शहर में गन्दगी भी बढ़ने की आशंका है. त्योहारों के मौसम में कर्मियों के हड़ताल से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा. बीते 8 अक्टूबर को निगम स्टैंडिंग कमिटी की बैठक के दौरान नवरात्रि में शहर में विशेष सफाई को लेकर नगर आयुक्त अजय सिन्हा द्वारा विशेष नीति बनाई गई थी. जो अब बेअसर साबित हो रहा है.

ये हैं मांगे:

गौरतलब है कि बिहार लोकल बॉडीज इंप्लाइज फेडरेशन के क्षेत्रीय मंत्री सियाराम सिंह के निर्देश पर कर्मियों ने यह अनिश्चित हड़ताल की है. सियाराम सिंह ने बताया कि निगम ने विभिन्न कर्मियों की मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया था. लेकिन उसे पूरा नहीं किया गया. जिससे अब सभी सफाई कर्मी अनिश्चित हड़ताल पर जाने का फैसला किया है.

इससे पूर्व पिछले माह में निगम सफाईकर्मी महासंघ के आह्वाहन पर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए थे. लेकिन 2 दिन बाद मेहर प्रिया सिंह के आश्वासन के बाद हड़ताल को खत्म कर दिया गया था. महासंघ के क्षेत्रीय मंत्री सियाराम सिंह का कहना है कि उन्होंने निगम से 42 सफाईकर्मियों के बकाया वेतन के भुगतान की मांग की थी. लेकिन 3 महीने का बकाया वेतन अभी तक निगम द्वारा भुगतान नहीं किया जा सका है. साथ ही साथ दैनिक मजदूरों को जूता, कपड़े तथा सफाई उपकरण भी नहीं दिए गए हैं. जिससे कर्मी खुद के स्वास्थ्य को जोखिम में डालकर कार्य करते हैं. निगम ने अभी तक इन्हें न तो कपड़े उपलब्ध कराय है और ना ही कोई उपकरण.

सियाराम सिंह ने अपनी मांग रखते हुए कहा कि निगम में कई महीनों से अनुकम्पा पर बहाली लंबित है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि सफाई कर्मियों के लिए भी सातवां वेतन लागू होना चाहिए जो अब तक लंबित है. साथ ही साथ उन्होंने निगम पर आरोप लगाया कि नगर निगम में पेंशन धारियों को 5 वर्ष बाद पारिवारिक पेंशन बंद कर दिया जाता है. 10 वर्ष बाद उनके भी पेंशन बंद कर दिए जाते हैं जबकि आसपास के नगर में निगम आजीवन पेंशन मिलने का प्रावधान है.

क्या बोलीं मेयर:
सफाई कर्मियों को वापस काम पर बुलाने की कोशिश की जा रही है. बकाये वेतन भी कल तक भुगतान कर दिए जाएंगे. मानदेय बढ़ोत्तरी को लेकर भी बोर्ड में फैसला पास कराया जाएगा. सफाई उपकरण व सफाई के लिए ड्रेस जल्द उपलब्ध करा दिए जाएंगे. अन्य मांगे विभाग से ही पूरी की जा सकती हैं.

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