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सोनपुर मेले में पशु-पक्षियो की बिक्री पर प्रतिबंध, मेले को नई पहचान देने में जुटी बिहार सरकार

Sonpur: विश्व प्रसिद्ध हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेले को लेकर तैयारियां जोरों पर है. 10 नवंबर को सोनपुर का उद्घाटन होगा. ऐसे में मेले को भव्य रूप देने की पूरी कोशिश में बिहार सरकार लगी है. इसी बीच मेले को लेकर लोगों को एक बात समझ नहीं आ रही है. मेले में पशु पक्षियों की बिक्री पर ही रोक रहेगी. लोगों का कहना है कि पशु मेला के नाम से विख्यात सोनपुर मेला में पशु पक्षियों की ही बिक्री नहीं होगी. इससे मेले की पहचान पर असर पड़ेगा.

क्यो लगी है रोक

दरअसल सरकार ने पशुओं की तस्करी उनके ऊपर हो रहे क्रूरता को लेकर पिछले कुछ सालों से मेले में कई पशु पक्षियों की बिक्री पर रोक लगा दी है. मेले में हाथियों की भी खरीद बिक्री नहीं हो सकती. हालांकि मेले में प्रदर्शनी के लिए पशुओं को लाया जा सकता है.एक समय था जब विदेशों से यहां पशुओं के खरीदार आते थे और मेले से मनपसंद पशुओं को खरीद अपने देश ले जाते हैं. घोड़े गाय हाथी आदि की खूब बिक्री होती थी.धीरे धीरे मेले में अवैध रूप से पशुओं का कारोबार शुरू हुआ और तस्करी भी की जाने की शिकायतें मिलने लगीं. वन्य जीव संरक्षण व्यापार से जुड़े संगठन ने इसको लेकर आरोप भी लगाया था. इसके बाद से सराकर ने धीरे धीरे पशुओं की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया. हर साल चर्चाओं में रहने वाला चिड़िया बाजार भी पिछले साल नहीं लगा.

हालांकि पशुओं की बिक्री पर रोक के बाद कहीं कही लोग सरकार पर सवाल भी खड़े कर रहे हैं. तो दूसरी तरफ सरकार पशुओं की तस्करी रोकने की बात दोहरा रही है. इसे मेले पर फर्क भी पड़ा है. पशु व्यापारियों में भी निराशा है.

पशु मेले को ट्रेड फेयर का रूप देने में लगी है सरकार

पशुओं के लिए जाने जाने वाला मेला अब पहचान बदल रहा है.सरकार एशिया के सबसे प्रसिद्ध सोनपुर के हरिहर हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेला को अब ट्रेड फेर में बदलने में लगी है. पिछले साल भी उद्घाटन के दौरान उप मुख्यमंत्री ने अपने भाषण में कहा था कि सोनपुर मेले को ट्रेड फेयर के तौर पर बढ़ावा दिया जा रहा है. इस बार भी मेले को ट्रेड फेयर ट्रेड के रूप में विकसित किया गया है. जगह-जगह विभिन्न ट्रेड्स के स्टॉल लगाए गए हैं. आने वाले दिनों में यह मेला व्यापार मेला के रूप में अपनी नई पहचान बनाएगा.

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