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अपनी मखमली व रूमानी आवाज से इंडियन आइडल में धूम मचा रहा है छपरहिया शिवम

Chhapra:  गुजरात के बड़ोदरा में पला बढ़ा सारण का शिवम सिंह अपनी मखमली व रूमानी आवाज से इंडियन आइडल में धूम मचा रहा है। गुजरात तथा महाराष्ट्र में अपनी अदायगी से लाखों प्रशंसकों पर अपनी गायकी का छाप छोड़ने वाला गायक शिवम मूल रूप से सारण जिले के खैरा थाना क्षेत्र अंतर्गत ककढिया गांव निवासी डॉ अश्विनी कुमार सिंह एवम डॉ माधुरी सिंह का पुत्र है। डॉ सिंह बड़ोदरा के महाराजा सियाजी राव विश्वविद्यालय के परफॉर्मिंग आर्ट विभाग में संगीत के प्रोफेसर के रूप में कार्यरत हैं। अपनी दिलकश व सुरीली आवाज से शिवम सिंह लाखों प्रशंसकों के साथ साथ संगीत के उस्तादों के दिल में मुकाम बनाने में सफल रहा है। गायक शिवम इंडियन आइडल के टॉप 12 में अपनी गायकी का जलवा बिखेर कर सारण सहित बिहार का नाम रौशन कर रहा हैं। अपनी दमदार गायकी के कारण शो में शिवम को स्टेंडिंग ओवेशन भी मिल रहा है। शिवम के पिता प्रो अश्विनी कुमार सिंह बचपन से ही संगीत सीखना शुरू कर चुके थे। संगीत के प्रति गहरा लगाव का एक कारण यह भी था कि उन्हें भी संगीत विरासत में ही मिला था। शिवम के दादा स्व रामजी सिंह अपने जमाने के सुप्रसिद्ध तबला वादक थे तथा गंवई स्तर पर आयोजित कार्यक्रमों में तबला वादन के लिए उनकी काफी पूछ परख थी। गायक शिवम अपने संगीतज्ञ पिता के अलावा डॉ राजेश किल्लर से भी संगीत की शिक्षा ग्रहण कर रहा हैं। बचपन से ही नियमित रियाज और मिहनत की बदौलत सारण का शिवम राष्ट्रीय फलक पर अपनी उत्कृष्ट पहचान बनाने में सफल रहा है। इंडियन आइडल से पहले भी शिवम ने द ब्यास किड सीजन वन तथा लव मी इंडिया किड्स व आईएम द नेक्स्ट सुपरस्टार 2020 और ओ रंगरेज टीवी शो में अपना जलवा बिखेर चुका हैं। यही नही 13 मई 2020 को 337 नर्तकों ने फेसबुक के माध्यम से एक साथ एक समय पर अपनी प्रस्तुति दी जिसपर गायक शिवम द्वारा कोरोना संक्रमण पर स्वरचित कविता की संगीत मय प्रस्तुति की गई थी जिसका देश विदेश में लाइव प्रसारण किया गया था।शिवम के पिता डॉ अश्विनी कुमार सिंह बड़ोदरा प्रवास से पूर्व मुजफ्फरपुर में वित्तरहित जगन्नाथ मिश्र कॉलेज में वर्ष 1991 से वर्ष 2000 तक बतौर संगीत के विभागाध्यक्ष भी रह चुके हैं। इससे पहले उन्हें सुप्रसिद्ध प्रयोगधर्मी गायक उदय नारायण सिंह का सानिध्य प्राप्त हुआ जिनसे उन्हें बहुत कुछ सीखने समझने को मिला था। हालाँकि उस दौर में उन्हें अनेक चुनौतियों का सामना करना पड़ा। बावजूद उन्होंने हिम्मत नही हारी तथा तमाम झंझावातों का सामना करते हुए उन्होंने अपना मुकाम हासिल किया। मौका दर मौका गायक शिवम अपने माता पिता के साथ शादी समारोह अथवा छठ पर्व आदि मौकों पर अपने गांव खैरा के ककढिया आते रहा है। तीन साल की उम्र के शिवम को परिवार के जिन लोगों ने चौकी पर खड़ा होकर गीत गाते देखा व सुना था उसे अब इंटरनेशनल चैनल के सबसे बड़े मंच पर देख कर अपार खुशी का अहसास हो रहा है। शिवम ने फोन पर बातचीत के क्रम में बताया कि इंडियन आइडल द्वारा आयोजित ऑडिशन में परचम लहराने के बाद वह फिर अपने गांव आएगा तथा अपनी मातृभूमि सारण के अपने शुभचिंतकों से सदेह रूबरू होगा। इंडियन आइडल के शो में अपने लाल को जलवा बिखेरते देखकर शिवम के गांव के लोग रोमांचित हो उठते हैं। गांव पर रहने वाले शिवम के चाचा सुरेश सिंह लक्ष्मी सिंह कृष्णा सिंह कमल किशोर सिंह रंजीत कुमार सिंह प्रदीप कुमार सिंह।शिक्षक। तथा चन्दन कुमार सिंह के अलावा अवकाश प्राप्त सेना के जवान व रिश्ते में शिवम के दादा प्रेम कुमार सिंह गांव के अन्य लोगों की मौजूदगी में अपने दरवाजे पर चौपाल लगाकर इंडियन आइडल का शो देखते व सुनते फुले नही समाते हैं। इतना ही नही शिवम के ननिहाल कोपा के बगही गांव में भी इंडियल आइडल शो के दौरान युवकों की खूब महफ़िल सजती हैं। सोशल मीडिया पर भी सारण के लोग गायक शिवम की उपलब्धियों पर इतराते हैं। सारण से जुड़े तथा देश विदेश में रहने वाले लोग अपने अपने पोस्ट के माध्यम से हजारों की संख्या में अनवरत उसके सफलता की शुभकामनाएं कर रहे हैं।

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