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‘ईश्वर’ के सौदागर हुए गिरफ्तार, 11 मूर्तियां बरामद

Chhapra: सारण पुलिस ने अंतरराज्यीय मूर्ति चोर गिरोह का उद्भेदन किया है. पुलिस ने धातु की 11 मूर्तियां के साथ धातु के ही आसन बरामद किये है. वही इस मामले में 6 मूर्ति तस्करों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार लोगों के पास से 2 देसी कट्टा, 9 मोबाइल, दो ज़िंदा कारतूस बरामद किया गया है.

पुलिस कप्तान हर किशोर राय ने बताया कि जिले में विगत दो माह से मूर्ति चोरी की कई घटनाएं हुई. जिसको देखते हुए SIT का गठन कर जांच शुरू की गई. जिसके तहत गुप्त सूचना और टेक्निकल सर्विलांस के आधार पर मूर्ति चोरी और लूट पाट करने वाले एक गिरोह का उद्घेदन किया गया. पुलिस ने मढ़ौरा थाना अंतर्गत सिल्हौड़ी से भगवान की धातु की मूर्तियां बरामद किए है. वही रिविलगंज थाना से अपराध की योजना बनाते अपराध कर्मियों को देसी कट्टा, दो ज़िंदा कारतूस के साथ गिरफ्तार किया है.

पुलिस कप्तान ने बताया कि सभी आरोपित हाल ही में जेल से छूटे है तथा छपरा मंडल कारा से ही सिवान के भगवानपुर थाना के पिपरहियां गांव के मंदिर से तथा छपरा के अमनौर थाना से धरहरा गांव के मंदिर से गणेश जी की मूर्ति चोरी करने की योजना बनाए थे. उन्होंने बताया कि पकड़े गए अपराध कर्मी लूटपाट भी करते है. अपराधकर्मियों के संपर्क राष्ट्रीय स्तर के मूर्ति तस्करों से भी है. जिसके संबंध में एसपी ने बताया कि छपरा शहर और इसुआपुर थाना के स्वर्ण स्वयवसायी से लूट की योजना थी जिसे पुलिस ने विफल कर दिया गया है.

VIDEO: यहाँ देखे क्या कहा एसपी ने 

उन्होंने बताया कि इस मामले में मढ़ौरा थाना क्षेत्र के सिहौरिया गांव के जवाहर राय, दरियापुर थाना के अकबरपुर गांव के मुन्ना सिंह, अमनौर थाना क्षेत्र रसूलपुर के अमिस कुमार उर्फ दीपक, तरैया थाना क्षेत्र के नारायणपुर गांव के रितेश कुमार, इसुआपुर थाना क्षेत्र के सहमा बाजार के दीपक पासवान और गरखा थाना क्षेत्र के मनीष कुमार को गिरफ्तार किया है.

गिरफ्तार जवाहर राय हत्या के मामले में 8 वर्ष जेल में रह चुका है. उसी के निशानदेही पर जमीन में गाड़कर रखी गयी भगवान की 9 धातु की मूर्तियों को बरामद किया गया है. वही मुन्ना राय और दीपक कुमार के पास से भी एक-एक मूर्ति बरामद किए गए है. उन्होंने बताया कि पकड़े गए सभी का आपराधिक इतिहास रहा है.

पुलिस कप्तान ने बताया कि अपराधकर्मियों का एक संगठित गिरोह है, जो मंदिरों में चोरी के साथ लूटपाट की घटना को अंजाम देता है. मंदिरों में पूजा पाठ के बहाने पहुंचकर इन लोगों द्वारा मूर्ति के धातु की पहचान की जाती है. इसके बाद गिरोह को सूचना देकर चोरी को अंजाम दिया जाता है.

उन्होंने बताया कि बरामद मूर्तियां कहा से चोरी की गई है और इन धातु की मूर्तियों का क्या मूल्य है इसका आकलन किया जा रहा है.

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