छपरा: कृषि विकास और पशुपालन, अर्थव्यवस्था के सशक्तिकरण के मुख्य साधन होते है. स्वावलंबी मानव जीवन का भी मुख्य आधार है पशुपालन. एक समय था, जब गांवों में किसानों के घरों में गायें होती थीं और गौ-पालन को महत्व दिया जाता था.
लेकिन आधुनिक युग में शहरीकरण ने धीरे-धीरे घरों से गाय को दूर किया और अब यांत्रिक खेती ने गाय को किसान से भी दूर कर दिया है.
आयुर्वेद शास्त्र में भी गौदुग्ध का ही प्रतिपादन है. धर्म ग्रन्थों में जहाँ कहीं दूध, घी की आवश्यकता का वर्णन है, वहाँ गौरस का ही उल्लेख होता है.
दूरदर्शी ऋषियों को शारीरिक दृष्टि से गोरस की शारीरिक उपयोगिता विदित ही थी, इसके अतिरिक्त वे उसके मानसिक और आध्यात्मिक गुणों से भी परिचित थे.
सोमवार को करिंगा मुसेहरी टोला, छपरा में गौशाला के परिभ्रमण पर आये स्थानीय सांसद राजीव प्रताप रुडी ने उक्त बातों को कहते हुए गौसंरक्षण के लिए अभियान की शुरूआत की.
साथ ही गौशाला की देख-रेख के लिए अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की.
विदित हो कि 08 से 14 अक्टूबर तक अमनौर में वृहद भागवत कथा का आयोजन किया गया है जिसका वाचन करने महामंडलेश्वर जुनापिठाधिश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी छपरा आ रहे है.
अपने प्रवास के दौरान स्वामी जी छपरा के इसी गौशाला में गौदर्शन व गौपूजन करेंगे.
अपने परिभ्रमण के दौरान श्री रुडी ने गौशाला संचालन अधिकारियों के साथ बैठक भी की जिसमें सभी अधिकारियों को संचालन की जिम्मेदारी तय करते हुए जवाबदेही भी तय की गई.
बैठक में श्री रुडी के साथ गौशाला संचालन समिति के सचिव सत्यनाराण जी, अमनौर के पूर्व विधायक कृष्ण कुमार उर्फ मंटू सिंह, स्थानीय पूर्व मुखिया लाल बाबु प्रसाद, ई॰ सत्येन्द्र कुमार व अन्य अधिकारी मौजूद थे.
गौशाला सचिव सत्यनाराण जी से श्री रुडी ने वहां की समस्याओं को जाना और उसके निदान पर चर्चा की.गौशाला में साफ सफाई, बिजली, चिकित्सकीय व्यवस्था आदि पर विस्तार से चर्चा की और समस्या के निदान का आश्वासन दिया. श्री रुडी ने गौशाला को पूरी तरह व्यवस्थित बनाये जाने की पहल करते हुए यहां मवेशियों के लिए पर्याप्त कमरे और खानपान की बेहतर व्यवस्था करने को कहा.
गायों के लिए दाना, भूसा, कटिया व आटा चोकर की पर्याप्त व्यवस्था करने की भी बात कही.