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सारण: DM के आदेशों की उड़ी धज्जियां, निर्देश के बाद भी शहर में खराब चापाकलों की नहीं हुई मरम्मती

Chhapra: ज़िले में जल संकट बढ़ता जा रहा है. हर तरफ लोग पेयजल की समस्या से जूझ रहे है. बढ़ती गर्मी ने लोगों के लिए समस्या और भी बढ़ा दी है. ग्रामीण से लेकर शहरी क्षेत्र के भू जल स्तर में आये गिरावट ने पानी की बड़ी समस्या उत्पन्न कर दी है. छपरा नगर निगम क्षेत्र के विभिन्न वार्डों में कई चापाकल अभी भी खराब पड़े हैं. नगर निगम द्वारा इनकी ना तो मरम्मत कराया जा रही है. ना ही इन इलाकों में लोगों तक पानी की कोई वैकल्पिक व्यवस्था कराई जा रही है.

डीएम ने दिए थे मरम्मती के निर्देश

बीते 16 मई को जिलाधिकारी द्वारा विभिन्न विभागों को निर्देश दिया गया था और पानी की समस्या को लेकर वैकल्पिक व्यवस्था करने को कहा गया था.जिलाधिकारी ने नगर निगम को शहर के खराब चापाकल का का युद्ध स्तर पर मरम्मती करने का निर्देश दिया था. साथ ही निगम क्षेत्र में अवस्थित आश्रय स्थलों में स्लम निवासी हेतु पेयजल एवं आकस्मिक दवाओं की भी व्यवस्था किए जाने की बात कही गई थी.

प्याऊ की भी व्यवस्था उचित नहीं

जिलाधिकारी के निर्देश के बाद छपरा नगर निगम ने निगम परिसर में कुछ दिनों के लिए प्याऊ जरूर लगाया था. प्याऊ कहीं नजर नहीं आया. वहीं अन्य सार्वजनिक स्थानों पर निगम ने लोगों की प्यास बुझाने के लिए प्याऊ भी नहीं लगाये. दूसरी तरफ निगम को सार्वजनिक स्थानों पर गरम हवा से बचाव के लिए संबंधित सूचनाओं का प्रदर्शन करने का निर्देश दिया गया था. लेकिन शहर में ऐसा कोई बचाव व जागरूकता सन्देश नज़र नहीं आ रहा.

शहर के कई इलाकों में खराब पड़े हैं चापाकल

शहर के ऐसे कई इलाके हैं जहां लोग पानी के लिए इधर-उधर भटक रहे. शहर के विभिन्न वार्डों में स्थिति और बदतर हो गई है. जो लोग पानी के लिए चापाकलों पर आश्रित हैं उनके लिए खराब पड़े चापाकलों ने समस्या बढ़ा दी है.


निगम परिसर के प्रवेश द्वार पर 1साल से खराब है चापाकल

शहर के नगरपालिका चौक पर लगा हैण्ड पम्प पिछले 1 साल से खराब है. आसपास के दुकानदारों ने बनाया बताया कि गर्मी में यहां लोग पानी के लिए भटकते रहते हैं. लेकिन हैंडपंप खराब होने की वजह से लोगों को पानी नसीब नहीं हो पाता है. वहीं दूसरी तरफ हैंडपंप बनवाने की बजाए यहां सप्लाई वाला नल फिट कर दिया गया है. उस नाल में मोटर चलने के बाद पानी आता है. यदि मोटर बंद तो पानी भी नहीं आता. निगम परिसर प्रवेश द्वार के बिल्कुल सटे होने के बाद भी इसे ठीक नहीं कराया जा सका है.


धर्मनाथ मन्दिर के पास भी स्थिति बदतर

शहर के वार्ड नंबर 12 में धर्मनाथ मन्दिर के ठीक सामने स्थित हैंडपंप भी पिछले 1 साल से अधिक समय से खराब पड़ा है. इसे बनवाने वाला भी कोई नही है. निगम में बार बार शिकायत के बाद भी जब इसे ठीक नहीं कराया गया तो लोगों ने खुद के पैसे लागकर इसे ठीक कराया. लेकिन कुछ ही दिन बाद यह फिर खराब हो गया. तब से इसे कोई बनवाने नहीं आया है. आसपास के लोगों ने बताया लोग इस रास्ते से गुजरते रहते हैं. पानी की कमी के कारण लोगों को बहुत दिक्कत होती है. इधर-उधर लोग प्यास के लिए भटकते फिरते हैं. कोई सुनने वाला नहीं है.

इसी वार्ड में कई और हैंडपंप हैं जो करीब 1 साल से अधिक समय से खराब पड़ें है. कुल मिलाकर कहा जाए तो एक हैंडपंप लगवाने में लगभग 50 हज़ार से अधिक खर्च होते हैं. इसके बावजूद लोगों को पानी नसीब नहीं हो रहा. शहर से लेकर गांव तक यही स्थित बनी हुई है.

चापाकल की मरम्मती को लेकर नगर निगम का कहना है कि निगम की ओर से खराब चापाकलों की लिस्ट पीएचईडी को भेज दी गई है. आगे की कार्रवाई पीएचईडी विभाग द्वारा ही की जाएगी. फरभी शहर के कई चापाकल जैसे के तैसे खराब पड़े हैं. जिलाधिकारी के निर्देश के बाद भी नगर निगम, पी एच ई दी डी, व अन्य विभागों का रवैया उनकी कार्यशैली पर सवाल खड़े करता है. निर्देश के बाद भी शहर में पानी के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं हो रही.

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