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जिला परिषद परिसर में बम मिलना बड़ी साजिश की ओर कर रहा इशारा

(कबीर अहमद की रिपोर्ट)

Chhapra: छपरा जिला परिषद को दहलाने की एक बड़ी साजिश नाकाम हुई है. परिसर में सात देसी बम बरामद होने के बाद चर्चाओं का बाज़ार गर्म है.

शहर के बीचों-बीच स्थित जिला परिषद परिसर में बम मिलना बहुत सारे सवाल खड़े कर रहा है. हाई सिक्युरिटी जोन में स्थित यह परिसर समाहरणालय से महज पांच सौ मीटर की दूरी पर है. वही दूसरी ओर जिला परिषद परिसर में शिक्षा विभाग के कई दफ्तर मौजूद है. जहां दिन भर शिक्षकों का जुटान अपने अपने कामों के लिए होता है. गहमागहमी का माहौल रहता है. हांलांकि शाम में बच्चे क्रिकेट भी खेलते है. अगर एक भी बम फट जाता तो अंदाज़ लगाना मुश्किल है कि कई जिंदगियों को ये निगल सकता था. हालांकि संजोग अच्छा था कि कोई अप्रिय घटना नही हुई और समय रहते सभी बम को निष्क्रिय कर दिया गया.

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जिला परिषद अध्यक्ष ने बताया मारने की साजिश
जिला परिषद में बम की सूचना आग की तरह फैल गई और देखने वालों की भीड़ लग गई. विगत दिनों से अवश्वास प्रस्ताव को लेकर जिला परिषद चर्चाओं में था. उधर जिला परिषद अध्यक्ष मीना अरुण ने अपनी जान पर खतरा बताते हुए विरोधियों की साजिश करार दिया है. उन्होंने कहा है कि अविश्वास खारिज होने के बाद दुश्मनों ने मुझे मारने की कोशिश की है. हमने किसी का कुछ नही बिगाड़ा है. भगवान ने मेरी रक्षा की है. उन्होंने कहा कि प्रशासन पर पूरा भरोसा है. जल्द से जल्द इस मामले से संलिप्त व्यक्ति पकड़े जाएंगे.

जाम जोखिम में डाल कर पुलिस कर्मियों ने बम को किया निष्क्रिय

नगर थाना पुलिस के द्वारा सभी जिंदा बम को निष्क्रिय तो कर दिया गया। लेकिन पुलिस द्वारा बिना किसी उपकरण के घटना स्थल पर पहुंच कर अपनी जान की बिना परवाह किये बम को निष्क्रिय करना भी कई सवाल खड़े करता है. सारण पुलिस के पास ऐसी स्थिति से निपटने के लिए कोई व्यवस्था नही है जिससे जवानों ने अपनी जान जोखिम में डालकर बम को निष्क्रिय किया.

झोले में छिपा कर रखें गए थे बम

मिली जानकारी के अनुसार जिला परिषद के पार्क में एक झोले में झाड़ियों के बीच छिपा कर इन बमों को रखा गया था. जिला परिषद के माली ने बम की सूचना पुलिस को दी जिसके बाद नगर थानाध्यक्ष के नेतृत्व में पहुंची पुलिस टीम ने बम को अपने कब्जे में लेकर इसे निष्क्रिय किया.

दो दिन पूर्व अविश्वास प्रस्ताव पर हुई थी चर्चा
जिला परिषद की मौजूदा अध्यक्ष मीणा अरुण पर अविश्वास प्रस्ताव के बाद दो दिन पूर्व 27 जुलाई को चर्चा के लिए तारीख तय थी हालांकि अविश्वास प्रस्ताव खारिज हो गया है. इस दौरान पुलिस ने सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध होने के दावे किए थे. बावजूद इसके अति महत्वपूर्ण स्थान पर बम मिलना सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोलता दिख रहा है. बहरहाल देखने वाली बात होगी कि पुलिस कब तक इस मामले का उद्भेदन करती है.

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