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छपरा के रेलकर्मियों को जल्द मिलेगी खुशियों की सौग़ात

छपरा: छपरा जंक्शन पर कार्यरत रेल कर्मियों को जल्द ही खुशियों की सौग़ात मिलने वाली हैं. रेल विभाग द्वारा सौग़ात में कर्मियों को नया आशियाना मिलने जा रहा है जो पूरी तरह बनकर तैयार है.

पहले चरण में कर्मियों को 40 नये आवास दिए जाएंगे जो बन कर तैयार हो गया है. इसके बाद चरणबध्द तरीके से 500 नये आवास का निर्माण कराकर विभाग कर्मियों को आवंटित करेगी.

दूसरे चरण का कार्य शुरू कराने की तैयारी चल रही है. परित्यक्त घोषित आवासो को खाली कराकर तोड़ने का कार्य भी शुरू कर दिया गया है. करीब पचास वर्ष बाद छपरा जंक्शन पर रेल कर्मियों के लिए बड़े पैमाने पर नये आवासो का निर्माण कार्य शुरू किया गया.

पहले चरण का कार्य पूर्ण हो चुका है और ठेकेदार ने 24 आवास रेलवे को हस्तगत करा दिया है और 16 नये आवास चार पांच दिनों में सौंप दिया जाएगा.

छपरा जंक्शन पर कार्यरत रेल कर्मियों के लिए स्टेशन के नजदीक 500 नये आवास का निर्माण कराया जा रहा है.  पहले चरण के 40 नये आवास का निर्माण कार्य पूरा हो जाने के बाद रेल कर्मचारियों ने राहत की सांस ली है. छपरा जंक्शन पर आवास की कमी के कारण रेल कर्मियों को निजी आवास में रहने को विवश होना पड़ रहा है जिसके कारण प्रतिदिन उन्हें मुसीबतों से दो चार होना पड़ रहा हैं.

वर्षो पूर्व छपरा  जंक्शन पर निर्मित सभी रेलवे आवास जर्जर हो चुके हैं जिसमें से अधिकांश आवासों को परित्यक्त घोषित कर दिया गया है. कुछ बचे आवासो को मरम्मति कर रहने के लायक बनाया गया है. पुराने और जर्जर आवासो में रेलवे कर्मचारी जान जोखिम में डालकर रह रहे हैं. नये आवासो का निर्माण कार्य पूरा हो जाने से रेलकर्मियों को निजी आवासों से जहाँ एक ओर मुक्ति मिल जाने की आशा है वही खासकर परिचालन और संरक्षा से जुड़े रेल कर्मियों के लिए स्टेशन के नजदीक आवास का होना सबसे अधिक जरूरी है.

लेकिन आवास की कमी के कारण दूर दराज के इलाके में निजी आवास में किराये के मकान में उन्हें रहना पड़ रहा है. रात की डयूटी पर आने और रात की डयूटी समाप्त कर वापस लौटने के दौरान उन्हें हमेशा असुरक्षा का सामना करना पड़ता है. रास्ते में अपराधियों- उच्चकों का शिकार होने की आशंका बनी रहती है.

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