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रेलवे के निजीकरण में मान्यता प्राप्त यूनियन है भागीदार: रेलवे मेन्स कांग्रेस छपरा

Chhapra: रेलवे के निजीकरण में मान्यता प्राप्त यूनियन की अहम भागीदारी है, जिसे रेलकर्मी तथा देश की जनता बर्दाश्त नहीं करेगी और आने वाले समय में इसका हिसाब लेगी. उक्त बातें एनई रेलवे मेंस कांग्रेस के नेता प्यारेलाल ने रविवार को कही. उन्होंने कहा कि मान्यता प्राप्त यूनियन एआईआरएफ तथा एनएफआईआर की संलिप्तता रेलवे के निजीकरण में है, जिसके कारण धड़ल्ले से रेलवे का निजीकरण हो रहा है और दोनों मान्यता प्राप्त यूनियन चुप्पी साधे बैठी है.

उन्होंने कहा कि इसके खिलाफ एनई रेलवे मेंस कांग्रेस की ओर से स्टॉप प्राइवेटाइजेशन तथा गो बैक एआईआरएफ एवं एनएफआईआर अभियान चलाया जा रहा है. इसका मुख्य उद्देश्य देश की लोकतांत्रिक संपदा भारतीय रेल को निजी कंपनियों और पूंजीपतियों के हाथों में जाने से रोकना है. उन्होंने कहा कि जानबूझकर रेलवे को घाटे में डाला जा रहा है और धीरे-धीरे निजी करण किया जा रहा है. हाल ही में 109 पैसेंजर ट्रेनों को निजी हाथों में सौंपने के लिए निकाले गए टेंडर का विरोध करते हुए उन्होंने कहा कि देश की जनता को यात्री सुविधाओं में वृद्धि के नाम पर दिग्भ्रमित किया जा रहा है तथा गुमराह किया जा रहा है. लॉक डाउन में रेलवे को निजी हाथों में सौंपने की पूरी योजना बनाई गई है और योजनाबद्ध तरीके से बेवजह पार्षद ट्रेनों का परिचालन किया गया, जिससे रेलवे को काफी आर्थिक क्षति पहुंची है. अब माल ढुलाई से राजस्व बढ़ाने के नाम पर सभी माल गोदाम को निजी हाथों में सौंपने के लिए मंडल तथा जोनल स्तर पर बहुउद्देशीय व्यवसायिक विकास इकाई का गठन किया गया है.

उन्होंने रेलवे के इस निर्णय का विरोध करते हुए रेल कर्मियों से एकजुट होकर निजीकरण का प्रतिकार करने का आह्वान किया है. इस मौके पर चंद्रकांत शर्मा, अभिनव गौरव, शशि भूषण प्रियदर्शी, मुन्ना कुमार राय, मिथुन रायपुत्रा, रविंद्र सिंह, राकेश कुमार, सर्वेश कुमार, नीलेश यादव, धर्मेंद्र कुमार आदि मौजूद थे.

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