Chhapra: सूबे में प्लाटिक बैग पर पाबंदी है. लेकिन इस प्रतिबंध की हालत अन्य समानो पर लगे प्रतिबंध की तरह हो गयी है, जो बिकती कही नही है लेकिन दिखती और मिलती हर जगह है.
शहर से लेकर गांव तक जितनी तेजी के साथ प्लास्टिक कैरी बैग पर लगा प्रतिबंध का प्रभाव सकारात्मक दिखा, उतनी ही तेजी के साथ इस प्रतिबंध की हवा निकलती दिख रही है.
शहर में अब प्रायः लोग समानो की खरीददारी के लिए झोला का प्रयोग करते दिख रहे है. पर्यावरण के प्रति उनकी सजगता दिख रही है. लेकिन ग्रामीण इलाकों में ऐसा कुछ नही दिख रहा. कुछेक हाथों को छोड़ सभी जगहों पर सामानों की खरीद बिक्री में प्लास्टिक बैग का भरपूर प्रयोग हो रहा है.
शहरों में भी मुख्य चौक चौराहों पर गुपचुप तरीके से तथा फल और सब्जी के ठेलों, दुकानों पर खुलेआम पॉलीथिन बैग का प्रयोग हो रहा है.
पॉलीथीन बैग बैन के बाद दुकानदारों द्वारा छिपाकर रखे गए पॉलीथीन को थोक बाजार में धीरे धीरे कर बेचा जा रहा है. हालांकि इनकी कीमतों में काफी उछाल है बावजूद इसके अन्य कैरी बैग से सस्ती होने के कारण आराम से बिक जा रही है.
विगत दिनों शहर के कई स्थानों पर छापेमारी कर पॉलीथीन बैग बेचने वालों के खिलाफ अभियान चलाया गया. कई दुकानों पर चालान काटकर जुर्माना भी वसूला गया.
इसके बावजूद भी पॉलीथीन बैग की बिक्री जोरों पर है. हालात ऐसे है कि पॉलीथीन बिकते हुए कही नही दिखती लेकिन मिलती हर जगह है.