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एनसीसी द्वारा शारीरिक बलवर्धन तथा मानसिक ज्ञानवर्धन प्रतियोगिता का हुआ आयोजन

Chhapra: एन.सी.सी, राजेंद्र कॉलेज, छपरा के तत्वावधान में एन.सी.सी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष में शारीरिक बलवर्धन तथा मानसिक ज्ञानवर्धन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।

विदित है कि इस बार उस वर्ष एन.सी.सी अपना अमृत महोत्सव मना रहा है और नवम्बर के हर चौथे सप्ताह भी यानी इस वर्ष 26 नवंबर को एन.सी.सी दिवस मनाया जाएगा। इसी तथ्य को ध्यान में रखकर यह कार्यक्रम तथा प्रतियोगिता आयोजित की गई है । अतिथियों के स्वागत के उपरांत बैलून उड़ाकर मार्च पास्ट को रवाना किया गया और कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ।

उसके उपरांत कैप्टन संजय कुमार ने संबोधित करते हुए बताया कि एन.सी.सी का 75 वर्ष पूरा हो चुका है, वहीं यह कॉलेज 85 वर्ष पुराना है तथा राजेंद्र कॉलेज की 1/7 एन.सी.सी कंपनी 65 वर्ष पुरानी है । राजेंद्र कॉलेज के लिए यह गौरव की बात है अतः सभी कैडेटों से यह उम्मीद है कि वे बेहतर कार्य करेंगे । प्राचार्य प्रो. सुशील कुमार श्रीवास्तव ने कैडेटों को संबोधित करते हुए कहा कि अनुशासन एन.सी.सी की पहचान है जो जीवन में कामयाबी के लिए बहूत आवश्यक है।

उन्होंने कैडेटों का आने वाले प्रतियोगिता हेतु शुभकामना दी। प्रशासनिक पदाधिकारी कर्नल नबी अहमद ने कैडेटों को संबोधित करते हुए कहा कि लक्ष्य के प्रति ध्यान और एकाग्रता मंज़िल को क़रीब पहुँचाती है। समादेसी पदाधिकारी कर्नल एन एस नेगी ने छात्रों का उत्साहवर्धन करते हुए एन.सी.सी के गौरवशाली इतिहास का ज़िक्र किया और कहा कि आप जैसे होनहार कैडेट ही इस इतिहास को और प्रखर बनाते हैं, अतः एन.सी.सी के दौरान जो आपने सीखा उसे जीवन में ढालना आवश्यक है।यह आपके लिए कामयाबी का रास्ता बनाएगी।

एन.सी.सी आधिकारिक कैप्टन संजय कुमार ने बताया कि दौड़, लंबी कूद, ऊँची कूद तथा प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन इन दो दिनों में किया जाएगा। कल दौड़ प्रतियोगिता का फ़ाइनल होगा और विजेता सभी प्रतिभागियों को सम्मानित और पुरस्कृत किया जाएगा । इस दौरान सुबेदार मेजर जुबराज गुरुंग, हवालदार लाल हुसैन आदि समेत सैकड़ों की संख्या में कैडेट उपस्थित थे । शिक्षकों में प्रो. पूनम, प्रो. अशोक कुमार सिन्हा, डॉ. रवि प्रकाश नाथ त्रिपाठी, डॉ. शादाब हाशमी,

डॉ. प्रशांत कुमार, डॉ. देवेश रंजन, डॉ. विशाल कुमार, जा. सुनील कुमार पाण्डेय और हरिहर मोहन आदि ने प्रतियोगिता के सुचारु संचालन में अपना सकारात्मक योगदान दिया।

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