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सांसद की पहल पर पहलेजा में DMU ट्रेनों के रखरखाव के लिए होगा शेड का निर्माण, 100 करोड़ का होगा निवेश

Chhapra: सारण सांसद सह भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री राजीव प्रताप रुडी की पहल पर शीघ्र ही पहलेजा में डीएमयू गाड़ियों के रखरखाव शेड का निर्माण किया जायेगा. इसके लिए सांसद श्री रुडी ने पूर्व मध्य रेल, हाजीपुर के उप महाप्रबंधक को पत्र लिखकर मांग की थी. साथ ही रेल मंत्री पीयूष गोयल से इस संदर्भ में मिलकर चर्चा की और बताया कि राज्य की राजधानी पटना से सटे पहलेजा में खाली पड़ी रेलवे की जमीन पर इसका निर्माण होना चाहिए. रेलवे ने सांसद की मांग पर अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी है. और इसके लिए 100 करोड़ के निवेश का प्रस्ताव है.

इस संबंध में सांसद श्री रूडी ने बताया कि योजना के द्वारा उपनगरीय रेलवे के विकास का भी प्रस्ताव है. विदित हो कि महात्मा गांधी सेतु के निर्माण के पूर्व पटना के महेंद्रु घाट से पानी वाले जहाज और स्टीमर पहलेजा घाट के लिए संचालित किया जाता था और फिर वहां से लोग रेलगाड़ी से आगे की यात्रा करते थे. पानी वाले जहाज रेलवे द्वारा संचालित होता था. जो अपने समय में काफी लोकप्रिय था और लोगों की यात्रा का प्रमुख साधन था. यह रेलवे की कनेक्टिविटी को उत्तर बिहार में बढ़ाता था. जहाज के अपने गंतव्य पर पहुंचने के बाद ही ट्रेन खुलती थी और जहाज के यात्री ट्रेन पर सवार होकर उत्तर बिहार तक जाते थे. महात्मा गांधी सेतु बनने के बाद धीरे-धीरे जहाज का परिचालन बंद कर दिया गया. इसके उपरांत रेलवे की जमीन यूँ ही पड़ी रही.

जिसके लिए इसके लिए उन्होंने रेल मंत्रालय, प्रधानमंत्री और वर्तमान रेलमंत्री को सारण की जनता की तरफ से धन्यवाद दिया है. सांसद श्री रुडी ने बताया कि अपने भ्रमण के दौरान उन्होंने पहलेजा में रेलवे की खाली पड़ी जमीन देखी थी. जिसके सदुपयोग के लिए उन्होंने पत्र लिखा था और सवारी गाड़ियों के लिए तकनीकी शेड के निर्माण का सुझाव दिया था. पत्र में उन्होंने सरकार को बताया कि पूर्वी और उत्तर बिहार के पटना जाने वाली सवारी गाड़ियों के रखरखाव और मरम्मत के लिए यहां तकनीकी शेड का निर्माण किया जाना चाहिए. श्री रूडी ने इसके लिए केंद्रीय रेल मंत्री श्री पीयूष गोयल से मुलाकात भी की और रेलवे को इससे होने वाले फायदे के संदर्भ में समझाया.

श्री रुडी ने कहा कि इसके निर्माण से उस रूट की ट्रेनों का सही परिचालन तो होगा ही जमीन का भी सदुपयोग हो जायेगा. इससे स्थानीय स्तर पर रोजगार व स्वरोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे. कुशल युवाओं को रोजगार प्राप्त करने में आसानी होगी. जिससे वे सामाजिक आर्थिक रूप से प्रगति करेंगे. उन्होंने कहा कि योजना के पूरा होने से सोनपुर क्षेत्र का ही नहीं बल्कि उसके निकटवर्ती क्षेत्रों का भी कायाकल्प हो जायेगा.

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