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गरीबों और स्त्रियों की अवहेलना सबसे बड़ा पाप: स्वामी वरिष्ठानंद

छपरा: जय प्रकाश विश्वविद्यालय के सीनेट हॉल में राष्ट्रीय सेवा योजना द्वारा पुरस्कार वितरण सह संगोष्ठी का आयोजन किया गया.

राष्ट्र के निर्माण में युवा वर्ग की भूमिका विषय पर आयोजित इस संगोष्ठी का विधिवत उद्घाटन प्रमंडलीय आयुक्त नर्मदेश्वर लाल, विवि के कुलपति डॉ हरिकेश सिंह, रामकृष्ण मिशन आश्रम वाराणसी के स्वामी वरिष्ठानंद जी महाराज ने दीप प्रज्वलित कर तथा महान विभूतियों के चित्र पर पुष्प अर्पित कर किया. 

राष्ट्रवादी धारा को बढाने की जरुरत

समारोह को संबोधित करते हुए आयुक्त नर्मदेश्वर लाल ने कहा कि युवा देश की रीढ़ होते हैं और इस रीढ़ को स्वस्थ रहने की जरुरत हैं.

उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में देश को संगठित और सुसज्जित रखने की कई योजनाएं चलाई जा रही है. जिसमे मुख्यतः दो नामों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि NSS और NYK युवाओं को बेहतर बनाकर राष्ट्र निर्माण में सहयोग कर रही है लेकिन वास्तव में इन दोनों का उद्देश्य धरातल पर नही पहुँच रहा है. 

उन्होंने कहा कि जाति वाद, धर्मवाद, क्षेत्रवाद के कारण देश पर प्रश्रचिन्ह खड़ा लगता है लेकिन युवाओं की यह जिम्मेवारी बनती है कि वह समाज को बांटने वाली, देश को बांटने वाली विचार धारा को नही बल्कि राष्ट्रवादी धारा को बढ़ावा दें.इसके लिए सबों का दायित्व है कि युवाओं को सही रास्ते पर लाएं.

उन्होंने कहा कि युवाओं को सही रास्ते पर लाना, उनके मूल कर्तव्यों को बताना होगा. युवा अपने को नियंत्रित रखें, स्वस्थ रहें, अपने आप को बेहतर बनावें.युवाओं में अच्छा विचार,अच्छा आहार और अच्छा व्यवहार ही बेहतर देश का निर्माण करेगा.

गरीबों और स्त्रियों की अवहेलना सबसे बड़ा पाप

वही स्वामी वरिष्ठानंद महाराज ने अपने संबोधन में स्वामी विवेकानंद के जीवन के अनछुए पलों को जीवन चरित्र को सबों के बीच साझा करते हुए कहा कि स्वामी जी ग़रीबो और स्त्रियों की अवहेलना को सबसे बड़ा पाप समझते थे.

उन्होंने कहा कि स्वामी जी ने कहा है देश के उत्थान के लिए गरीबों के उत्थान को जरुरी कहा है.जो अपने आप पर विस्वास नहीं करता वह नास्तिक है.इसलिए अपने आप पर विस्वास रखें. अपना आदर्श बनाये और मन में हमेशा सेवा, त्याग और समर्पण का भाव रखें.

समाज को देने की जरुरत

दीपक कुमार ने कहा कि हम सभी का दायित्व है कि हम समाज को कुछ दें. राष्ट्रीय सेवा योजना के माध्यम से शहर के महाविद्यालयों की अपेक्षा ग्रामीण क्षेत्र के महाविद्यालयों में बेहतर कार्य किये जा सकते है.

काम करने का ललक रखने वाले स्वयंसेवकों का चुनाव करना चाहिये. प्रकाश विश्वविद्यालय के सबसे ज्यादा छात्र NSS के माध्यम से विभिन्न राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय कार्यक्रम में भाग ले चुके है. 

अपने उद्घाटन संबोधन में विवि कुलपति डॉ हरिकेश ने सभी अतिथियों के संदर्भ में व्यक्तिगत चरित्र पर प्रकाश डाला. साथ ही स्वामी विवेकानंद, माता शारदा और राम कृष्ण परमहंस के जीवन आदर्शो को बताया.

समारोह में प्रमंडलीय आयुक्त नर्मदेश्वर लाल, स्वामी वरिष्ठानंद महाराज, डॉ धर्मशीला देवी और डॉ विद्यावाचस्पति त्रिपाठी को अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया गया. 

इसके अलावे इस अवसर पर वर्ष 2015-2016 में बेहतर कार्य करने वाले जय प्रकाश महिला महाविद्यालय को प्रथम पुरस्कार के तहत 35,000 रूपये का पुरस्कार प्राचार्य शशि श्रीवास्तव को, द्वितीय पुरस्कार के तहत जगदम महाविद्यालय के प्राचार्य को 30,000 रुपये और तृतीय पुरस्कार राजेंद्र महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ राम श्रेष्ठ राय को 25 हजार का पुरस्कार प्रदान किया गया. 

वही राष्ट्रपति पुरस्कार से पुरस्कृत कैडेट रितु राज, मंटू कुमार यादव और प्रीति कुमारी को भी सम्मानित किया गया. 

समारोह का सञ्चालन डॉ विद्या वाचस्पति त्रिपाठी और धन्यवाद ज्ञापन डॉ प्रमेन्द्र रंजन ने किया.

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