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रोजगार का महत्वपूर्ण साधन बनेगा नीरा: जिलाधिकारी

छपरा: नीरा उत्पाद से संबंधित उच्च स्तरीय बैठक में जिलाधिकारी हरिहर प्रसाद ने जिला उद्योग केन्द्र, जीविका एवं उत्पाद विभाग के अधिकारियों एवं जिले के हर क्षेत्र से आये हुये नीरा उत्पादको को संबोधित किया.

जिलाधिकारी ने कहा कि नीरा रोजगार का महत्वपूर्ण साधन बनने जा रहा है. यह स्वास्थ्य के लिए भी उतम है. ताड़ी की जगह नीरा आ जाने से रोजगार की दिशा बदल गयी है, परंतु इससे जुड़े समुदाय को किसी प्रकार की आर्थिक क्षति नहीं हुयी है बल्कि ताड़ एवं इसके विभिन्न उत्पाद के प्रयोग से उनके आर्थिक स्तर को और भी ऊँचा किया जा रहा है. इसलिए आवश्यक है कि यह समुदाय नीरा की बिक्री जिविका के माध्यम से ही करें.

उन्होंने कहा कि जिले में प्रतिदिन 10 हजार लीटर नीरा उत्पादन की संभावनाएं है, जबकि बहुत कम नीरा का उत्पादन हो रहा है. सरकार द्वारा नीरा का मूल्य प्रति लीटर 25 रूपया निर्धारित किया गया है, जबकि जिविका द्वारा सारण जिले में प्रति लीटर 30 रूपया नीरा का मूल्य उपलब्ध कराया जा रहा है. नीरा से बने गुड़ का मूल्य 150 रूपया प्रति किलो है.

जिलाधिकारी ने सभी नीरा उत्पादको को चेतावनी दी कि ताड़ी का उत्पादन, बिक्रय एवं सेवन तीनो अवैध है, साथ ही इससे सामाजिक समस्या के साथ-साथ कानूनी समस्या भी उत्पन्न होती है. इसलिए जरूरी है कि इस समुदाय से जुड़े लोग अपने हित के साथ-साथ ऐसा कोई काम न करें, जिससे प्रशासन को उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करनी पड़े. जिला प्रशासन द्वारा अवैध ताड़ी बिक्री के विरूद्ध अभियान जारी है तथा उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग को लगातार छापेमारी करने का आदेश दिया गया है.

बैठक में जिला जनसम्पर्क पदाधिकारी अनिल कुमार चौधरी, कम्फेड के पदाधिकारी एम०के० चौरसिया सहित संबंधित पदाधिकारी उपस्थित थे.

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