छपरा: लोक आस्था के महापर्व छठ की शुरुआत हो चुकी हैं.चार दिवसीय अनुष्ठान के पहले दिन आज व्रती नहाय खाय के साथ इस व्रत को प्रारम्भ करेंगी. शुक्रवार को व्रतियों ने नदी और सरोवरों में स्नान किया. जिंसके बाद पूजा अर्चना कर चना दाल और अरवा चावल और लौकी से बने भोजन को ग्रहण किया.
चैत्र मास के इस छठ पर्व में 01 अप्रैल यानि शनिवार को व्रती खरना करेंगी. जिसमे गुड़ से बने प्रसाद को ग्रहण करती है. खरना के बाद से ही छठ व्रत के लिये व्रतियों का निर्जला उपवास शुरू हो जाता है.
2 अप्रैल की संध्या अस्तचलगामी भगवान सूर्य को अर्ध्य देने के साथ तीसरे दिन की पूजा समाप्त होती है.3 अप्रैल की सुबह उदयीमान भगवान भास्कर को अर्ध्य देने के पश्चात् छठी मईया की कथा सुन तुलसी जलग्रहण करने के बाद चार दिवसीय अनुष्ठान समपन्न होगा. छठ महापर्व से लोगों की गहरी आस्था जुडी होती हैं.पुरे वर्ष में यह दो बार यानि कार्तिक मास और चैत्र मास में मनाया जाता है.
हालांकि कार्तिक मास की अपेक्षा चैत्र मास का छठ काफ़ी कठिन होता है.बावजूद इसके इस पर्व को करने वाले व्रतियों की आस्था छठी मईया के प्रति बनी रहती हैं.