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गोताखोरी के लिए नहीं है पर्याप्त संसाधन, हादसों के बाद बुलानी पड़ती है NDRF की टीम

Chhapra: विगत कुछ दिनों में जिले में डूबने से मौत की कई घटनाएँ हुई है. इन घटनाओं में कई लोगों ने अपनी जान गवाई है. डूबने से मौत के बाद सबसे पहली प्राथमिकता शव की तलाश की होती है. कई बार प्रशासन स्थानीय गोताखोरों की मदद से शवों की तलाश करने का प्रयास करती है. स्थानीय गोताखोर संसाधन के आभाव में कई मामलों में अपने हाथ खड़े कर देते है और फिर प्रशासन को NDRF या SDRF की टीम को बुलानी पड़ती है.

ताजा मामले में नगर थाना क्षेत्र के रूपगंज में एक युवक डूब गया. युवक के शव को ढूढने के लिए प्रशासन ने स्थानीय गोताखोर अशोक कुमार से मदद मांगी. अशोक कुमार ने भी अपनी क्षमता के अनुसार प्रयास किये अंत में उन्होंने यह कह कर और प्रयास करने से मना कर दिया कि बिना Scuba Diving Equipments के शव को नहीं खोजा जा सकता. जिसके बाद अगले दिन NDRF की टीम को बुलाया गया. हालांकि शव को अशोक कुमार की टीम ने ही खोज निकाला. इससे जिला प्रशासन के पास संसाधनों की कमी साफ़ झलकती है.

गोताखोर अशोक कुमार बताते है कि प्रशासन के पास छोटी मोटरबोट भी है. जो फिलहाल ख़राब है. जिससे कोई मदद नहीं मिलती और तो और पर्याप्त संसाधन उपलब्ध नहीं है. उन्होंने बताया कि अगर इस सब सामानों को प्रशासन उपलब्ध करा दे तो किसी भी डूबे हुए व्यक्ति को खोजना आसान हो जायेगा. फिलहाल स्थानीय लोगों की मदद से नाव आदि का जुगाड़ होता है.

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