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मेरे जुनूं का नतीजा ज़रूर निकलेगा… इसी स्याह समंदर से नूर निकलेगा

(कबीर की रिपोर्ट) इन्सान अगर जो ठान ले तो ऐसा कहा गया है कि दुनिया की कोई ताकत उसे अपनी मंजिल तक पहुँचने से रोक नही सकती. दिल में ज़ज्बा, जुनून और दोस्तों का साथ हो तो अपने सपनो की उड़ान उड़ी जा सकती है. आज हम आपको छपरा के एक ऐसे युवक से मिलाने जा रहे है जिन्होंने अपनी शुरुआत छपरा शहर के एक छोटे से गाँव शेरपुर से शुरू की और आज बॉलीवुड में अपनी पहचान बना रहा है.

इस युवा कलाकार ने ये साबित कर दिया है कि शहर छोटा हो सकता है लेकिन हुनर नही. हुनर ऐसा की आप सुन कर दंग रह जायेंगे. छपरा के एक गाँव का युवा कलाकार गानों को लिखता भी है, अपने ऊपर फिल्माता भी है, वीडियो को एडिटिंग भी करता है और अपनी सुरीली आवाज़ से उस गाने को सजाता भी है. आज इसकी एल्बम सोशल साइटों पर धमाल मचा रही है.

छपरा शेरपुर के रहने वाले कामरान आलम ने छपरा टुडे डॉट कॉम से बात करते हुए बताया कि मैंने सोंचा भी नही था कि 2 नवम्बर को रिलीज हुई मेरी एल्बम को कम समय में लाखों लोग देखेंगे. अब तीन एल्बम को मैंने जारी किया लेकिन ये एल्बम ‘पहली दफा’ ज्यादा पसंद किया गया. इससे पहले एल्बम ‘ज़िन्दगी’ और ‘तेरी यादें’ जारी हुई है.

कामरान आलम ने बताया कि मै बचपन से मोहम्मद रफ़ी और किशोर दा के गाने सुना करता था और आज भी पसंद करता हूँ. बचपन में मुझे स्केचिंग का बहुत शौक था. घर का माहौल वैसा नही था जिससे मै अपने सपनो की उड़ान भरूं, लेकिन माता-पिता का पूर्ण सहयोग, दोस्तों का साथ और दर्शकों का प्यार और स्नेह ने मुझे यहाँ ला खड़ा किया है.

कामरान राज्य के विभिन्न जिलों जैसे- कटिहार, अररिया, पुरनिया, गया, मुंगेर, गोपालगंज, पटना इत्यादि में अपना परफोर्मेंस दे चुके है और एक बार देश से बाहर नेपाल के काठमांडू में भी अपने गायिकी का जलवा बिखेरा है.

बताते चलें कि कामरान का जन्म उड़ीसा के राजगंगपुर में हुआ. लेकिन बचपन से ही अपने ननिहाल छपरा के शेरपुर रहे. प्रारंभिक शिक्षा ज्ञान गंगा पब्लिक स्कूल शेरपुर, छपरा से पूरी कि और अभी विद्या बिहार कॉलेज से BCA कर रहे है.

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