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नकलचियों की उड़ी नींद कैसे लिखे उत्तर पुस्तिका

छपरा: इन्टरमिडिएट परीक्षा को लेकर जिला प्रशासन द्वारा किये गए इंतेजामात से नकलचियों की नींद उड़ गयी है. इन्टर परीक्षा के पहले ही दिन कदाचार के आरोप में 86 परीक्षार्थियों के निष्कासन की खबर ने उनकी बेचैनी को और बढ़ा दिया है. परीक्षा केंद्र के प्रवेश द्वारा पर सघन तलाशी और प्रवेश के बाद कक्ष में वीक्षकों की सक्रियता और बीच में गश्ती दल का आना मानो उनके सिर पर एक के बाद एक पहाड़ टूट रहा है. बुधवार को परीक्षार्थियों की संख्या परीक्षा केंद्र पर सामान्य थी लेकिन केंद्र के बाहर और सड़कों पर पूर्णरूप से थे. पिछले कई दिनों से अख़बार की सुर्ख़ियों के कारण परीक्षार्थी परीक्षा संचालन का आंकलन करते देखे गये. सीसीटीवी लगाने की खबर, निष्कासन सहित अन्य घोषनाओ की पड़ताल के लिए परीक्षार्थी खुद ही केन्द्रों के पास मंडरा रहे थे.

प्रथम पाली की समाप्ति के बाद जिले में 86 परिक्षार्थियो के निष्कासन ने परीक्षार्थी से अभिभावन तक हडकंप मचा दिया. चुस्त-दुरुस्त व्यवस्था से किसी के चेहरे पर हंसी नही थीं. इसके बावजूद भी शिक्षा माफिया प्रशासन पर भाड़ी पड़े. प्रथम पाली के प्रारंभ होने के पूर्व ही प्रश्न पत्र बाहर मिलने लगे थे. जिसके कारण 9:40 मिनट में परीक्षार्थियों को उत्तर उपलब्ध हो गये. लेकिन इसके लिए उन्हें पैसे देने पड़े. वहीँ कई केन्द्रों पर मोबाइल sms के जरिये वस्तुनिष्ट उत्तर परीक्षार्थियों को भेजा गया. कुल मिलाकर 2015 की परीक्षाओं में सरकार की हुई फजीहत को रोकने में सरकार एवं प्रशासन काफी हद तक अब तक सफल रही है लेकिन परीक्षा कक्षों के अंदर चुस्त-दुरुस्त व्यवस्था को भी ध्यान में रखना होगा.

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