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छपरा टुडे की खबर का असर: स्ट्रीट वेंडरों का दिखाया था दर्द, अब DM ने कचहरी स्टेशन के पास दुकान लगाने की दी अनुमति

Chhapra: छपरा शहर स्तरीय फुटपाथ विक्रेता संघ ने शनिवार को जिलाधिकारी से मुलाकात करके अपनी मांगों को सौंपा. स्ट्रीट वेंडरों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश अनुसार दुकानदारों को तभी हटाया जा सकता है जब जब तक उनको  दूसरी जगह विस्थापित किए नहीं किया जाय. छपरा जिला प्रशासन अभी तक स्ट्रीट वेंडरों के लिए कोई जगह या स्थान उपलब्ध नहीं करा पाई है, ऐसे में स्ट्रीट वेंडरों की दुकानों को उजाड़ना सही नहीं है.

छपरा टुडे ने पिछले दिनो फुटपाथ विक्रेताओं का दर्द दिखाया था. स्ट्रीट वेंडरों का कहना था वो छपरा के रहने वाले है. कोरोना काल मे घर की आर्थिक स्थिति भी बिगड़ गयी है. सड़क किनारे दुकान चला कर घर चला रहे है.

वेंडरों के दल ने कहा कि बिना जगह उपलब्ध कराए जिला प्रशासन द्वारा 24 दिसंबर को  थाना चौक से मौना चौक तक हम वेंडरों की दुकानें उजाड़ दी थी. जिसके बाद दुकानदारों ने जमकर प्रदर्शन किया था. इसके बाद शनिवार को वेंडरों का एक दल के जिला अधिकारी से मिलकर अपनी समस्या को रखा और जिलाधिकारी से उचित जगह उपलब्ध कराने के लिए अपील की.

वेंडरों ने कहा कि एक और केंद्र सरकार ₹10000 देकर हमारे जीवन उत्थान के लिए व्यवसाय करने में सहयोग कर रही है .वहीं दूसरी तरफ से स्वरोजगार हो रहे वेंडरों को अतिक्रमणकारी बताकर जिला प्रशासन हिटलर शाही दिख रही है. जब तक वेंडरों को जगह उपलब्ध नहीं करा दी जाती है. तब तक इन्हें उनकी दुकानों को ना उजाड़ा जाय.

जिलाधिकारी ने वेंडरों के समस्या को सुनते हुए उन्हें मौखिक रूप से कचहरी स्टेशन रोड में दुकानें लगाने के लिए कहा. उन्होंने कहा कि कचहरी स्टेशन की ओर आप सभी अपनी दुकानें लगाएं वहां से आपको नहीं हटाया जाएगा. वहीं दुकानदारों का कहना है कि पूर्व डीएम हरिहर प्रसाद ने बैठक कर कहा था कि थाना चौक रोड में बैरिकेडिंग  कर वेंडरों के लिए जगह की व्यवस्था की जाएगी. लेकिन आज तक जिला प्रशासन ने वेंडिंग जोन नहीं बनवाया जिससे हम वेंडरों को हर कुछ दिनों पर प्रशासन की हिटलर शाही का सामना करना पड़ता है.

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