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अस्पताल कर्मियों की लापरवाही, मुर्दों के साथ मरीज को गुजारनी पड़ी रात

Chhapra: सोचिये! वह मंजर कैसा होगा जब एक जिंदा इंसान को दो मुदों के साथ रात गुजारनी पड़े. जी हाँ, यह मामला है छपरा सदर अस्पताल का जहाँ कर्मियों की लापरवाही से एक मरीज को रात भर दो मुर्दों के साथ गुजारनी पड़ी.

सदर अस्पताल में यह बड़ी लापरवाही प्रकाश में आई है. अस्पताल के कर्मियों की लापरवाही के कारण एक जिंदा मरीज को दो मुर्दों के साथ बंद कमरे में रात गुजारनी पड़ी. यह मरीज लावारिस हालत में भर्ती कराया गया था. जिसे अस्पताल कर्मियों ने इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया था. इस बीच बीती रात सड़क हादसे में मुजफ्फरपुर के बैंक कर्मी की मौत हो गई. जिनके शव को लाकर उसी कमरे में रख दिया गया जिस कमरे में वह लावारिस मरीज सोया हुआ था.

शव के दुर्गंध और लावारिस मरीज के शौच से फैली गंदगी के बीच मरीज रात भर उसी वार्ड में सोया रहा जिस वार्ड में दो लाशें भी रखी हुई थी. रविवार सुबह जब मामले की जानकारी मीडिया कर्मियों को हुई तो डॉक्टरों को जानकारी दी गई. जिसके बाद ऑन ड्यूटी डॉ सुभाष तिवारी ने अस्पताल कर्मियों को मरीज को अलग वार्ड में शिफ्ट करने का निर्देश दिया. हालांकि उन्होंने माना की ऐसा नहीं होना चाहिए था.

 

छपरा सदर अस्पताल में कर्मियों की लापरवाही का यह कोई पहला वाक्या नहीं था. इससे पूर्व भी अस्पताल कर्मियों की लापरवाही सामने आती रही है. इसके पूर्व भी सदर अस्पताल में भर्ती घायल मरीज के सिर के नीचे डिब्बा लगाकर खून रोकने की कोशिश की तस्वीर मीडिया ने दिखाई थी. जिस पर काफी हंगामा हुआ था और स्वास्थ्य मंत्री खुद भी सदर अस्पताल पहुंचे थे.

सदर अस्पताल की यह हालात तब है जब सूबे के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे सारण जिले के प्रभारी मंत्री भी है. बावजूद इसके सदर अस्पताल की हालत में सुधार दिखाई नहीं पड़ती

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