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कंपनी की लापरवाही से हाई सिक्युरिटी नंबर प्लेट बना जंजाल

Chhapra: सरकारी निर्देशो के अनुसार अगले वर्ष 1 अप्रैल से सभी तरह के वाहनों पर हाई सिक्युरिटी नंबर प्लेट लगाना अनिवार्य है. नम्बर प्लेट लगाने को लेकर सभी वाहन मालिक जागरूक भी दिख रहे है लेकिन इस काम का जिम्मा लेने वाली कंपनी की लापरवाही और गैरजिम्मेदारी से वाहन मालिकों के लिए यह नम्बर प्लेट लगाना जी का जंजाल बन गया है.

शहर में वाहनों की खरीद बिक्री के बाद हो रहे रजिस्ट्रेशन के आधार पर प्रत्येक दिन एक हजार के करीब वाहन मालिक हाई सिक्युरिटी नम्बर प्लेट के लिए पंजीयन कराते है. आवंटित कंपनी का कार्य इतना धीमा है कि नम्बर प्लेट बनने का मैसेज उन्हें तीन से चार महीनों के बाद मिल रहा है. हालांकि बात इतने पर ही नही सिमट रही है. कंपनी के द्वारा मैसेज भेज कर नम्बर प्लेट लेने का भले ही सूचना दे दी जाती है लेकिन बस स्टैंड के समीप बने छपरा क्लब मार्किट स्थित नम्बर प्लेट वितरण स्टॉल पर कर्मियों के गैर जिम्मेदारी और कुव्यवस्था के कारण वाहन मालिकों को नम्बर प्लेट तक नही मिल रहा. कई दिनों तक लगातार नम्बर प्लेट के लिए चक्कर लगाने के बाद भी प्लेट का न मिलना वाहन मालिकों की व्यथा को दर्शाता है.

नम्बर प्लेट के लिए मशरख, बनियापुर, पानापुर, अमनौर सहित कई दूर दराज क्षेत्रों से आये लोगों का कहना है कि सरकार ने हाई सिक्युरिटी नम्बर प्लेट लगाने के लिए कह दिया है लेकिन लोगों में जागरूकता के बाद भी कंपनी की लापरवाही से नम्बर प्लेट लगाना मुश्किल है. उनका कहना है कि एक माह पहले मैसेज आया था तब से अब तक लगातार आने के बाद भी नम्बर प्लेट नही मिला. कुव्यवस्था और गैर जिम्मेवारी से लोग अपने से नम्बर प्लेट खोजते है. जिससे नम्बर प्लेट नही मिल पाता है.

वही मशरख से आये मिंटू कुमार का कहना है कि कई दिन के प्रयास के बावजूद एक नम्बर प्लेट मिला है. जबकि दूसरे के लिए कंप्लेन करने के बाद भी अब तक दूसरा नम्बर प्लेट नही मिला पाया. दोनों नम्बर प्लेट नही मिलने के कारण उनकी गाड़ी पर नम्बर नही लग पा रहा है.

बताते चले कि इसी वर्ष जुलाई 2018 तक सभी वाहनों पर अनिवार्य रूप से हाई सिक्युरिटी नम्बर प्लेट लगाने का निर्देश जारी किया गया था. साथ ही हाई सिक्युरिटी नम्बर प्लेट नही लगाने वाले को कड़े कानून के तहत जुर्माना और जेल जाने तक की कार्रवाई की बात कही गयी थी.हालांकि इसमें राहत देते हुए सरकार ने इसे अगले वर्ष 1 अप्रैल से लागू करने का निर्देश जारी किया गया है.

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