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गंडामन हादसे की 7वीं बरसी, 23 बच्चों की मौत से दहल उठा था सारण

Chhapra: विद्यालय के मध्यान भोजन को खाने के बाद 23 बच्चों के काल के गाल में समा जाने की घटना ने सभी को झकझोर दिया था.

ठीक 7 वर्ष पूर्व 16 जुलाई 2013 को सारण जिले के मशरक प्रखण्ड के धर्मासती गंडामन गांव के नवसृजित प्राथमिक विद्यालय में विषाक्त मध्यान भोजन खाने से 23 बच्चों की दर्दनाक मौत हो गयी थी.

इस घटना ने सारण के साथ साथ विदेशों में रह रहे लोगों को झकझोर दिया था. विश्व की सबसे बड़ी मध्यान भोजन योजना में एक लापरवाही ने मासूमों की जान ले ली थी.

इस घटना के बाद विद्यालय की प्रधान शिक्षिका मीना देवी और उनके पति अर्जुन राय को आरोपित किया गया था. न्यायालय ने शिक्षिका के पति को बरी कर दिया था वही मीना देवी को दोषी मानते हुए 10 साल की सश्रम सजा और ढाई लाख रुपये जुर्माना एवम सात वर्ष की सश्रम सजा और सवा लाख रुपये जुर्माना की सजा सुनाई. कोर्ट ने दोनों सजा को अलग अलग काटने का फैसला सुनाया था. फिलहाल मीना देवी जमानत पर है.

इस हृदर विदारक घटना को याद करते ही गांव के लोग आज भी सिहर उठते है. बच्चों के एक के बाद एक बीमार पड़ने और इलाज के लिए अस्पताल लेकर पहुंचने की घटना याद करते ही लोगों के कहीं से आंसू छलक पड़ते है.

सारण की इस घटना के बाद सरकार प्राथमिक विद्यालयों के मध्यान भोजन के व्यवस्था पर संवेदनशील हुई और कई जरूरी प्रयास किये. साथ ही मशरक के गंडामन गांव में बच्चों की याद में स्मारक, नया स्कूल भवन, स्वास्थ्य उपकेंद्र समेत विकास के कई कार्य किये गए. प्रत्येक वर्ष अधिकारी गंडामन पहुंचते है और बच्चों को श्रद्धांजलि दी जाती है.

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