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बंद रहने वाले आंगनबाड़ी केन्द्रों पर कार्रवाई के डीएम ने दिए निर्देश

छपरा: साप्ताहिक समीक्षा बैठक में डीएम दीपक आनंद ने सभी विभागों के कार्यकलापों की समीक्षा के क्रम में डीपीओ, ICDS को निर्देश दिया कि ऐसी बहुत शिकायतें प्राप्त हो रही हैं कि सूदूर क्षेत्रों में आंगनबाड़ी केन्द्र नहीं खुलते है और यदि खुलते हैं तो वहां बच्चे नहीं आते है. डीएम ने ऐसे सभी केन्द्रों को चिन्ह्ति कर प्रभावकारी कार्रवाई अविलम्ब करने का निदेश डीपीओ को दिया.

डीएम ने कहा कि ऐसा नहीं है कि सबकुछ ठीक-ठाक है. बाल विकास परियोजना पदाधिकारियों का और न ही महिला पर्यवेक्षिकाओं का प्रतिवेदन आंगनबाड़ी केन्द्रों के विरूद्ध प्राप्त होता है. इससे यह स्पष्ट होता है कि उनके द्वारा रूटीन निरीक्षण किया जाता है. इससे काम नहीं चलेगा. उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि यदि उनकी ओर से निरीक्षण में अनियमितता मिली तो सिर्फ सेविका, सहायिका पर कार्रवाई नहीं होगी बल्कि संबंधित महिला पर्यवेक्षिका, सीडीपीओ और डीपीओ पर भी कार्रवाई होगी. डीएम ने कहा कि स्वास्थ्य, मध्याह्न भोजन योजना, आंगनबाड़ी केन्द्रों तथा छात्रवृति वितरण में किसी भी प्रकार की अनियमितताएं और शिकायतें वर्दाश्त नही की जाएगी,

डीएम ने कन्या सुरक्षा योजना के तहत फरवरी माह में कैम्प लगाकर 1500 वाॅण्ड बांटने का लक्ष्य निर्धारित किया. साथ ही हर महीने 1000 बांड बांटने का लक्ष्य निर्धारित करते हुए कहा कि इससे बेहतर योजना और क्या हो सकती है कि लड़की की उम्र 18 वर्ष होने पर उसे 10,000 रू की राशि प्राप्त होगी.

डीएम ने “जनता के दरबार में मुख्यमंत्री“ कार्यक्रम के लंबित मामलों की समीक्षा के क्रम में पाया कि जिला शिक्षा पदाधिकारी के पास 74, अग्रणी बैंक प्रबंधक के समक्ष 22, कार्यपालक विद्युत अभियंता पूर्वी के यहां 24, ग्रामीण कार्य प्रमंडल- 2 के समक्ष 28, डीपीओ, आईसीडीएस के समक्ष 48, जिला कृषि पदा0 के समक्ष 20 मामले लंबित है. उन्होंने इसके निष्पादन की अंतिम तारीख 7 फरवरी निर्धारित करते हुए कहा कि यदि 7 फरवरी तक. Action taken Report प्राप्त नहीं हुआ तो संबंधित पदाधिकारी पर कार्रवाई होगी.

उत्पाद अधीक्षक को उन्होंने नयी उत्पाद नीति के आलोक में सभी ऐहतियाती तैयारियां अभी से पूर्ण करने तथा छापेमारी की संख्या बढ़ाने का निर्देश दिया. एस.एफ.सी. के जिला प्रबंधक को निर्देश दिया कि वे सहायक गोदाम प्रबंधकों की उपस्थिति मुख्यालय में सुनिश्चित कराएं तथा वाहनों के जीपीएस ट्रैकिंग की रिर्पोट उपलब्ध कराएं.

डीएम ने सभी विभागीय प्रधानों को निर्देश दिया कि वे अपने कार्यालय का निरीक्षण करें और आवंटन एवं व्यय की समीक्षा कर प्रतिवेदन अविलम्ब उपलब्ध कराएं. बैठक में सभी जिला स्तरीय पदाधिकारी उपस्थित थे.

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