Chhapra: स्वच्छ भारत अभियान के तहत देश में स्वच्छता को लेकर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. वहीं नए-नए तरकीब को अपनाकर स्वच्छता को बढ़ावा दिया जा रहा है. स्वच्छता को लेकर नगर निगम द्वारा घर-घर सूखे एवं गीले कचड़ें के लिए कचड़ा पात्र का नि शुल्क वितरण किया गया. वहीं इनके द्वारा चिन्हित स्थानों पर कचरा पात्र भी लगाया गया. इसके अलावा कई स्थानों पर चलंत शौचालय भी रखा गया है. जिससे कि गंदगी से सड़क के साथ शहर और गांव को भी स्वच्छ रखा जा सकें.
इन सबके बीच दिघवारा नगर परिषद क्षेत्र में स्वच्छता को लेकर अलग ही तरकीब अपनाई गई है.
कम लागत और ज्यादा उपयोगी को लेकर दिघवारा नगर परिषद एवं आमजन के सहयोग से छपरा पटना मुख्य मार्ग पर दिघवारा ढाला के समीप मूत्रालय बनाया गया है.
इस मूत्रालय के लिए स्थानीय लोगों द्वारा पीने वाले पानी के 20 लीटर के जार का प्रयोग किया गया है. जार को आधा काट कर उसे यूरिनल की शक्ल दी गई है. साथी उसमें पानी के लिए पाइप भी लगाया गया है जिससे कि वह आसानी से साफ और स्वच्छ दिखे, वहीं यूरीन भी निकल जाए.
स्थानीय लोगों द्वारा अपनाई गई यह तरकीब चर्चा का विषय है. मुख्य मार्ग पर होने के कारण यह जहां लोगों के आकर्षण का केंद्र है. वही कम लागत में स्वच्छता का अनूठा प्रयोग पेश कर रहा है.
अस्थायी तौर पर ही सही लेकिन यह तरकीब एक सीख दी रही है जिससे हम स्वच्छता को बढ़ावा दे सकते हैं.
स्थानीय लोगों का कहना है कि पूर्व में यहां दुकानें लगती थी. रेलवे प्रशासन द्वारा इस अतिक्रमण को हटाकर इस जगह को साफ किया गया. लेकिन रेल ढाला पर गाड़ियां रुकने के दौरान यहां राहगीरों द्वारा पेशाब किया जाता था, जिससे कि एक तो गंदगी फैलती थी, दूसरी उसके दुर्गंध से यहां रहना मुहाल हो गया था.
इस स्थान पर मूत्रालय को लेकर पहल भी की गई लेकिन बात नहीं बनी. जिस कारण कम खर्च में प्रभावी तकनीक का निर्माण कर अस्थाई तौर पर इसकी व्यवस्था की गई है. पानी के जार का यूरिनल के तौर पर प्रयोग करना कारगर साबित हुआ और इस में पाइप लगाकर उसे नाली में पहुंचा दिया गया. अब यहां पेशाब की दुर्गंध भी नहीं आती है और यह स्थान पूरी तरह से साफ सुथरा भी रहता है.