Chhapra: अंतराष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर सेहत केंद्र, राजेंद्र कॉलेज, छपरा के तत्वावधान में संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसका शीर्षक हरित कौशल के विशेष संदर्भ में लैंगिक समानता की अवधारणा थी।
राजेंद्र कॉलेज के प्राचार्य प्रो. सुशील कुमार श्रीवास्तव ने अपने मंतव्य में कहा की भारत प्राचीन काल से ही भौगोलिक, सामाजिक सांस्कृतिक एवम पर्यावरणीय विविधताओं तथा समृद्धि के लिए विश्व विख्यात रहा हैं। आज के इस आधुनिक दौर में हरित कौशल काफी प्रासंगिक हैं, जिससे युवा वर्ग हरित अर्थव्यवस्था सहित लैंगिक समानता की संकल्पना को विविध क्षेत्रों में साकार कर सके।
डॉ. जया कुमारी पांडेय, नोडल पदाधिकारी सेहत केन्द्र ने विषय प्रवेश कराते हुए हरित कौशल की आवश्यकता सतत विकास के लक्ष्यों के संदर्भ में करते हुए, भारत सरकार द्वारा प्रायोजित योजनाओं की जानकरी दी, साथ ही इंजीनियरिंग एवम तकनीकी कौशल, विज्ञान कौशल, संचालन प्रबंधन कौशल एवम निगरानी कौशल के विशेष संदर्भ में रोजगार के अवसरों से छात्र-छात्राओं को अवगत कराया।
मुख्य वक्ता डॉ. इकबाल जफर अंसारी ने हरित अर्थव्यवस्था के विविध आयामों सहित विश्व स्तरीय प्रयासों की भारत से तुलना करते हुए, भविष्य में इस दिशा में सार्थक कदमों से सभी को अवगत कराया साथ ही उन्होंने हरित कौशल कार्यक्रमों में महिला सहभागिता की कमी पर प्रकाश डाला।
अनुप्रिया, निखिल, अरुणिमा, अंशु, रोहित सहित कई छात्रों ने इस संवाद कार्यक्रम में अपना मत प्रस्तुत किया।
धन्यवाद ज्ञापन डॉ. अनुपम कुमार सिंह ने करते हुए, पर्यावरणीय समस्याओं के समाधान के रूप हरित कौशल की व्याख्या करते हुए लैंगिक समानता में इसकी भूमिका पर प्रकाश डाला।
इस अवसर पर डॉ. देवेश रंजन, डॉ. कन्हैया प्रसाद , डॉ. प्रशांत कुमार सिंह समेत दर्जनों छात्र छात्राओं ने अपने सक्रिय सहभागिता दर्ज की।