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खानुआ नाले पर बनी दुकानों की डेड लाइन 4 दिसम्बर

छपरा: खानुआ नाले पर बनी दुकानो की डेड लाइन 4 दिसम्बर निर्धारित हो चुकी है.

4 दिसम्बर के पूर्व ही खानुआ नाला को अतिक्रमण मुक्त कराने का आदेश NGT द्वारा दिया गया है. जिंसके बाद से खानुआ नाले पर बनी दुकानों के दुकानदारों में खलबली मच गई है.

दुकानदार अंदर ही अंदर अपने नए दुकान की तलाश में जुटे है वही बाहर से वह आंदोलन की तैयारी में भी है.

करीम चक खानुआ से लेकर साढ़ा ढाला तक खानुआ नाले के ऊपर करीब सौ से अधिक दुकाने है. इन दुकानों से लाखों लोगों के घरों में रोजी रोटी का जुगाड़ होता है.

करीब एक किलोंमीटर की दूरी तक खानुआ नाले के ऊपर बने दुकानों से शहर की सबसे बड़ी जल निकासी की समस्या उत्पन्न है.

पानी निकासी के लिए बने इस खानुआ नाले के ऊपर वर्षो पूर्व नगर परिषद द्वारा दुकान बना कर अतिक्रमण कर दिया गया.

जिससे इस नाले की सफाई 20 वर्षो में आज तक नही हो पाई है.नाला पूरी तरह जाम है और शहर के कई इलाकों में जल जमाव की स्थिति उत्पन्न हो जा रही है. साथ ही साथ जल जमाव से बीमारियां भी फैल रही है.

खानुआ नाले से अतिक्रमण मुक्त और पर्यावरणीय सुरक्षा के दृष्टिकोण से वेटरन्स फोरम द्वारा NGT में याचिका दायर की गई थी.जिसपर लंबी सुनवाई के बाद नाले पर बनी दुकानों को अविलंब तोड़ने के निर्देश NGT द्वारा जिला प्रशासन को दिया गया है.

NGT के द्वारा जारी आदेश के अनुसार 4 नवम्बर से 4 दिसंबर तक दुकानों को तोड़ते हुए नाला से अतिक्रमण हटाने का समय जिला प्रशासन को मिला है.

अगर जिला प्रशासन इस तिथि के अंदर अतिक्रमण नही हटाता है तो NGT द्वारा जारी आदेश के अनुसार IPC की धारा 133 के तहत जिला प्रशासन पर वेटरन्स फोरम द्वारा क्रिमिनल केस दर्ज किया जाएगा.

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