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#छपरा में रेल डिब्बों को बनाया गया आइसोलेशन वार्ड, वाराणसी रेल मंडल में 32 डिब्बे बनेंगे आइसोलेशन वार्ड


वाराणसी: कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुई रेलवे प्रशासन द्वारा रेल डिब्बों को आइसोलेशन वार्ड में परिवर्तित किया जा रहा है.जिससे कि इस महामारी में साधन की कमी नही हो.

रेल मंत्री पीयूष गोयल के नेतृत्व एवं रेलवे बोर्ड के निर्देशानुसार प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में कोरोना वायरस की भयावहता देखते हुए कोरोना मरीजों के प्रबंधन एवं संक्रमण रोकने हेतु पूर्वोत्तर रेलवे के वाराणसी मंडल में व्यापक तैयारी की जा रही है. इस क्रम में वाराणसी मंडल के कैरेज एण्ड वैगन विभाग द्वारा मांडुवाडीह एवं छपरा कोचिंग डिपो में रेलवे 32 कोचों का रूप परिवर्तित करके उन्हें आइसोलेशन वार्ड /कवरेन्टाइन वार्ड के रूप में परिवर्तित किया जा रहा है.

 

इन परिवर्तित कोचों में 24X7 बिजली और पानी की सप्लाई मिलेगी तथा इन्हें लगातार अंदर और बाहर से सेनेटाइज किया जाएगा.

वाराणसी मंडल का पहला आइसोलेशन कोच मांडुवाडीह कोचिंग डिपो में बन कर तैयार कर लिया गया है.

रेल डिब्बों के आइसोलेशन वार्ड में मिलेगी ये सुविधाएं

रेलवे द्वारा एक कोच में 08 आइसोलेशन केबिन बनाये गए है. जो 16 कोविड-19 के मरीजों को नवीनतम सुविधाएं देने में सक्षम होंगे. एक कोच में एक डॉक्टर केबिन, एक स्टोर रूम, नवीनतम फिटिंग्स युक्त 03 टॉयलेट, नवीनतम फिटिंग्स के साथ एक बाथरूम एवं वाशबेसिनों से लैस है. इस कोच में प्रत्येक बेड के साथ वाटर बॉटल होल्डर, ऑक्सीजन गैस होल्डर, ड्रिप स्टैंड एवं डस्टबिन से युक्त होगा जबकि पहले से लगी टेबलों का प्रयोग वेंटिलेटर, ई सी जी मॉनिटर, प्लस एवं बी पी मॉनिटरों के लिए किया जाएगा. इसके साथ ही कोच के सभी खिड़कियों पर मच्छरों से बचने हेतु जाली( नेट) लगाया गया है जो मक्खियों और मच्छरों से मरीजों को सुरक्षित रखेगा.

छपरा में बन रहे आइसोलेशन वार्ड का कार्य अंतिम चरण में

छपरा कोचिंग डिपो में भी कोच परिवतर्न का कार्य प्रगति पर है जो जल्द ही उपयोग के लिए उपलब्ध हो जाएगा. इसका कार्य अंतिम चरण में है.

वाराणसी मंडल इस सप्ताह अपने सभी कोचिंग डिपो की मदद से 32 कोचों को परिवर्तित करने के लक्ष्य पर लगातार काम कर रहा है.

5 हजार रेल डिब्बो को आइसोलेशन वार्ड बनाने की है योजना

कोरोना वायरस के कारण उत्पन्न मेडिकल इमरजेंसी में तत्काल बेड उपलब्ध कराने हेतु भारतीय रेलवे पर अलग-अलग मंडलो द्वारा कुल 5000 कोचों को परिवर्तित का लक्ष्य दिया गया है.

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