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प्रशासनिक व्यवस्था की निकली हवा, लोग अर्थिक और श्रम दान से कर रहे है छठ घाट का निर्माण

Chhapra: आस्था के महापर्व छठ पर भी प्रशानिक दावों की पोल खुलती नज़र आ रही है. शहर से लेकर डोरीगंज, मांझी, रिविलगंज के कई नदी घाटों का निरीक्षण कर जिले के आलाधिकारी डीएम और एसपी ने अपने अधीनस्थ पदाधिकारी और कर्मचारियों को घाटों पर इन्तेजाम करने का निर्देश दिया था लेकिन यह निर्देश सिर्फ हवा में दिखता नज़र आ रहा है. थक हारकर लोगो ने खुद बीड़ा उठाया और आख़िरकार छठ घाट की सफाई सफाई और आने जाने के रास्ते तथा लाइट की व्यवस्था में जुट गए.

शहर से सटे बाबा धर्मनाथ मंदिर के दक्षिण नदी घाट, सीढ़ी घाट, साहेबगंज घाट जाने के लिए लोगो ने स्वयं परिश्रम शुरू कर दिया है.

घाट एवं सड़क बनाने एवं साफ सफाई का कार्य करने वाले लोगो का कहना है कि प्रत्येक वर्ष जिला प्रशासन द्वारा घाट का निरीक्षण किया जाता है, कर्मियों को निर्देश दिया जाता है लेकिन आलाधिकारियों के जाते ही वह दिशा निर्देश भी साथ चला जाता है कोई वापस देखने भी नही आता है.

प्रतिवर्ष आसपास के लोग ही आर्थिक और शारीरिक रूप से छठ घाट की साफ सफाई, आने जाने के रास्ते, लाइट, ध्वनि विस्तारक यंत्र की व्यवस्था करते है और छठ व्रतियों को किसी प्रकार की परेशानी ना हो इसका ध्यान रखते है.

लोगो का कहना है कि पर्व हमारा है और हमे खुद ही व्यवस्था करनी पड़ती है. प्रशासनिक व्यवस्था किसी से छिपी नही है. सिर्फ खानापूर्ति और लूट खसोट कर इसके नाम पर राशि का बंदरबांट होता है.

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