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जलजमाव से ‘बदरंग’ हुआ बजरंग नगर

Chhapra: गर्मी के दिन में सड़क पर जलजमाव की स्थिति देख कर चौकिये नही. यहां सालों भर कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिलता है. आसपास के लोगों के साथ साथ राहगीर भी अब इस नरक के आदि हो चुके है. हम बात कर रहे है शहर के एजुकेशन हब के रूप में जाने जाने वाले बजरंग नगर की. सुबह से शाम तक सैकड़ों बच्चे यहां विभिन्न कोचिंग संस्थानों में पढ़ने के लिए पहुंचते है. इन सभी को जलजमाव की बदत्तर हालात से जूझना पड़ता है. इसका असर इस रास्ते गुजरने वाले राहगीरों पर भी देखने को मिलता है. इसी रोड पर आगे चलकर छपरा का प्रतिष्ठित राजेन्द्र कॉलेज भी है.

इस समस्या से यहां के निवासी त्रस्त है. बावजूद इसके किसी ने इसके निजाद की पहल नही की. यहां तक कि कोचिंग संस्थानों के द्वारा बच्चों की समस्या के मद्देनजर भी कोई पहल नही किये जाने से समस्या भयावह रूप लेती जा रही है. प्रशासन, नगर निगम और जनप्रतिनिधि की भूमिका भी नकारात्मक रही है. बजरंग नगर छपरा नगर निगम के वार्ड 10 में आता है. यहाँ से रेखा देवी चौहान वार्ड पार्षद है. उनके द्वारा भी सफाई और जल निकासी की कोई व्यवस्था नही की जा रही है. इस समस्या पर जनप्रतिनिधियों से लेकर प्रशासन तक के लचर रैवैये से लोगों में रोष है.

शहर के एजुकेशन हब के रूप में जाना जाता है बजरंग नगर

हाल के दिनों में बजरंग नगर में सैकड़ों की संख्या में खुले कोचिंग संस्थानों के कारण यहाँ शहर का एजुकेशन हब बन गया है. सैकड़ों की संख्या में छात्र ट्यूशन पढने सुबह की पहली किरण के साथ ही यहाँ पहुँचने लगते है. यहाँ पढने आने वाले बच्चे बच्चियों को जलजमाव की परेशानी से दो चार होना पड़ता है. छात्रों की इस समस्या पर उन्हें शिक्षा देकर पैसा कमा रहे कोचिंग संस्थानों के संचालकों का भी ध्यान नहीं है.

जनप्रतिनिधियों को कई बार दिया आवेदन, नहीं हुई कार्रवाई 

स्थानीय लोग बताते है कि इस गंभीर समस्या को लेकर कई बार विधायक तक को आवेदन दिया गया पर किसी तरह की कोई पहल इसके समाधान के लिए फिलहाल नहीं हुई है. जनप्रतिनिधि भी चुप्पी साधे हुए है.       

क्या है कारण
मुहल्लेवासी बताते है कि जलजमाव का मुख्य कारण नाले के पानी का नही निकलना है. कई भवनों के निर्माण और सड़क के ऊंचा होने से नाले के पानी में बहाव नही होने से आसपास फैल जाता है जिससे जलजमाव हो जाता है.

स्थानीय लोग और कोचिंग संस्थान करें पहल

कुछ लोगों का कहना है कि यहाँ जलजमाव से छुटकारा मिल सकता है अगर स्थानीय लोग और कोचिंग संस्थान के संचालक एक साथ आये. सभी के सहयोग से बिना सरकारी सहयोग के भी इस जलजमाव से निजाद पाया जा सकता है पर किसी को इसकी सुध नही है. सभी नारकीय स्थिति में जीने को विवश है. या यूँ कहे तो दूसरे के पहल का इंतज़ार कर रहे है.   

बीमारियों का भी है खतरा
जलजमाव से गर्मी के दिनों में मच्छर पनपते है जिससे बीमारियों के फैलने का खतरा बना रहता है. आसपास पढ़ने आने वाले बच्चों से लेकर स्थानीय लोगों पर बीमारियों का खतरा मंडरा रहा है. वही दूसरी ओर इस जलजमाव से कुछ ही दूरी पर एक प्रतिष्ठित चिकित्सक का क्लीनिक भी है जहां रोज मरीज इलाज कराने पहुंचते है. इस जलजमाव की समस्या से स्थानीय लोगों को कब निजाद मिलती है देखने वाली बात होगी.

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