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10 वर्षो में 5 हजार युवक युवतियां प्रशिक्षण से हुए लाभान्वित: डॉ आनंद

Chhapra: शैक्षणिक योग्यता के साथ-साथ जीवन में कौशल आधारित शिक्षा का होना बेहद जरूरी है. वर्तमान समय में जिस तरीके से देश आगे बढ़ रहा है उसके अनुसार युवाओं का स्किल फुल होना जरूरी है. जिससे उनका सर्वांगीण विकास हो सके. उक्त बातें संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कुसुम फाउंडेशन के डॉक्टर आनंद कुमार ने कही.

डॉक्टर कुमार ने बताया कि आज से 10 वर्ष पूर्व जिले के नगरा स्थित कटेश्वर गांव में कुसुम फाउंडेशन के जरिए युवाओं को कंप्यूटर शिक्षा एवं महिलाओं को सिलाई कढ़ाई की शिक्षा देने का प्रयास शुरु किया गया.

10 वर्षों में 5000 से अधिक युवा युवती एवं महिलाऐ यहां से प्रशिक्षण लेकर अपना जीविकोपार्जन कर रही हैं.

लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि वर्तमान समय में जिस उद्देश्य के साथ भारत सरकार ने स्किल इंडिया के तहत युवाओं को स्वावलंबी बना रहे हैं उसी कार्य को 10 साल पूर्व से करते आ रहे कुसुम फाउंडेशन को मान्यता तक प्राप्त नहीं हो रही है. जिससे यहाँ से प्रशिक्षण कर रहे युवाओं को परेशानी हो रही है.

सभी अहर्ता को पूरा करने के बावजूद यह संस्था प्रयासरत है कि प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे युवाओं को एक बेहतर प्लेटफार्म मिले.

डॉक्टर कुमार ने बताया कि संस्थान द्वारा प्रतिदिन 200 छात्रों को कंप्यूटर एवं 150 से अधिक युवती एवं महिलाओं को सिलाई कढ़ाई फ्लावर मेकिंग का प्रशिक्षण दिया जाता है.

जिसके एवज में युवती और महिलाएं प्रत्येक 6 माह पर 50 रुपया एवं कंप्यूटर प्रशिक्षण के लिए 160 रुपया प्रतिमाह का सहयोग देते हैं.

ग्रामीण इलाकों में आज भी शिक्षा का स्तर नीचे है. बेहतर संस्थान की कमी आर्थिक रूप से कमज़ोर होना उन्हें शैक्षणिक गतिविधियों से दूर करता है.ऐसे में एक संस्थान के तहत डिजिटल रूप से युवाओं और युवतियों को स्वावलंबी बनाने का यह एक प्रयास है.

उनका कहना है कि वह संस्थान के मान्यता को लेकर कौशल विकास मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से मुलाकात करेंगे. साथ ही इसके विकास को लेकर वह प्रधानमंत्री को पत्र भी लिखेंगे.

इस दौरान ट्रस्टी रामाश्रय सिन्हा, राम रघुबीर प्रसाद सिन्हा, डॉ बिनोद कुमार सिंह, अवध किशोर मिश्रा, दीपक कुमार मौजूद थे.

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