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केंद्र द्वारा भुगतान के बाद भी राज्य सरकार नहीं बाँट रही मुआवजे की राशि: रुडी

छपरा: बिहार सरकार की अस्पष्ट व गलत नीतियों के कारण बिहार का विकास बाधित है. केन्द्र द्वारा राज्य के विकास के लिए हर संभव सहायता देने के बावजूद राज्य सरकार की विकास विरोधी कदम उठाने के कारण केन्द्रीय योजनाओं का लाभ जनता को नही मिल पा रहा है. यही कारण है कि मढ़ौरा रेल कारखाने के लिए अधिग्रहित जमीन के मुआवजा वितरण में सारण जिला प्रशासन अक्षम है. वहीं दूसरी ओर जिन किसानों की जमीनों का अधिग्रहण हुआ है, उसके मुआवजे के लिए वे अधिकारियों के चक्कर लगा रहे है. इसके चलते किसानों के मन में केन्द्र द्वारा राज्य सरकार को 73.85 करोड़ रुपये की भेजी गई मुआवजा राशि की राज्य सरकार द्वारा सही वितर पर संशय बना हुआ है. इसको लेकर किसानों में असंतोष व राज्य सरकार के प्रति गुस्सा भी व्याप्त है. उक्त बातें स्थानीय सांसद सह केन्द्रीय कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) राजीव प्रताप रुडी ने शुक्रवार को एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कही.

ज्ञात हो मढ़ौरा लोकोमोटिव की कार्ययोजना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोकसभा चुनाव के बाद घोषित की. इस विशाल रेल इंजन निर्माण कारखाने में 3000 करोड़ से भी अधिक की राशि निवेश की स्वीकृती मिली. कौशल विकास मंत्री राजीव प्रताप रुडी ने समय-समय पर स्थानीय प्रशासन, रेलवे के अधिकारियांे व रेलमंत्री से मिलकर इस कार्ययोजना को गति दी. केन्द्रीय मंत्री के अथक प्रयास ने स्थानीय रैयतो व किसानों की अधिग्रहित भूमि का मुआवजा तत्कालिन जमीन अधिग्रहण अधिनियम की जगह नये अधिनियम के तहत चार गुणा अधिक स्वीकृत करवाया.

केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि मुआवजे की राशि दो माह पूर्व ही राज्य सरकार को भेजी जा चुकी है, पर वितरण अत्यन्त मंद गति से हो रहा है. जो नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली बिहार सरकार के अकर्मन्यता का परिचायक है. उन्होने यह सवाल किया कि जिन जमीदाताओं को पहले से मुआवजा मिल चुका है उन्हीं रैयतों के बीच जमीन की बढ़ी हुई राशि राज्य सरकार के माध्यम से वितरित की जानी है जो केन्द्र की ओर से राज्य सरकार को मुहैया कराई गई है.

यह आश्चर्य है कि फिर किस कारण से उन रैयतों को बढ़ा हुआ मुआवजा राज्य सरकार नहीं दे रही है. विदित हो कि मढ़ौरा रेल कारखाने के लिए जिन किसानों या रैयतों की जमीने ली गई थी, उन्हंे जमीन अधिग्रहण अधिनियम के अनुसार मुआवजा मिलने में विलम्ब हो रहा है जिससे वे दुःखी है. ऐसे पीड़ित लोगांे की एक मात्र आस स्थानीय सांसद सह केन्द्रीय मंत्री श्री रुडी के प्रति जगी और उन्होने हालात से श्री रुडी को अवगत कराया.

केन्द्रीय मंत्री ने सारण के जिलाधिकारी को बकाया राशि जल्द से जल्द संबंधित रैयतों को भूगतान करने को कहा. और अन्य राज्य स्तरिय उच्च अधिकारियों से भुगतान में आने वाले अड़चनों को दूर कर शीघ्र भुगतान करने को कहा है. विलम्ब उन्होने कहा कि ऐसी केन्द्र प्रायोजित कार्यक्रम और परियोजनाएं है जिनका लाभ नीतीश कुमार अपने अहं भाव के कारण जनता तक नहीं पहुंचने दे रहे है. उन्होने केन्द्र की भाजपा नेतृत्व वाली सरकार का यह संकल्प दोहराया कि विकास के मामले में कोई राजनीति नही होनी चाहिए. राज्यों में किसी भी दल की सरकार हो तब भी केन्द्र सरकार उसे विकास के लिए समुचित राशि प्रदान करती रहती है.

फाइल फोटो 

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