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सत्तर घाट पुल को लेकर सियासी जंग, तेजस्वी यादव ने बताया संगठित भ्रष्टाचार, मंत्री बोले- झूठी खबर फैला रहे हैं नेता प्रतिपक्ष

PATNA: गोपालगंज जिले में नव निर्मित सत्तरघाट पुल के संपर्क पुल के पथ के बाढ़ में बहने का मामला अब तूल पकड़ चूका है. राजनितिक गलियारे में आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू है. इसी बीच एक ओर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इसे संगठित भ्रष्टाचार बताया है और बिहार के पथ निर्माण मंत्री को बर्खास्त करने की मांग की है.

उन्होंने ट्वीट किया है कि “263 करोड़ से 8 साल में बना लेकिन मात्र 29 दिन में ढ़ह गया पुल। संगठित भ्रष्टाचार के भीष्म पितामह नीतीश जी इस पर एक शब्द भी नहीं बोलेंगे और ना ही साइकिल से रेंज रोवर की सवारी कराने वाले भ्रष्टाचारी सहपाठी पथ निर्माण मंत्री को बर्खास्त करेंगे। बिहार में चारों तरफ लूट ही लूट मची है।”

वही दूसरी ओर पथ निर्माण मंत्री नन्द किशोर यादव ने तेजस्वी यादव पर प्रहार करते हुए कहा है कि नेता प्रतिपक्ष नेता प्रतिपक्ष सत्तर घाट पुल के क्षतिग्रस्त होने की झूठी खबर फैला रहे हैं. इस मामले में सही तथ्य यह है कि सत्तर घाट मुख्य पुल से लगभग दो किमी दूर गोपालगंज की ओर एक 18 मी लम्बाई के छोटे पुल का पहुँच पथ कट गया है. यह छोटा पुल गंडक नदी के बांध के अन्दर अवस्थित है. गंडक नदी में पानी का दबाव गोपालगंज की और ज़्यादा है. इस कारण पुल के पहुँच का सड़क का हिस्सा कट गया है. यह अप्रत्याशित पानी के दबाब के कारण हुआ है. इस कटाव से छोटे पुल की संरचना को कोई नुक़सान नहीं हुआ है. मुख्य सत्तर घाट पुल जो 1.4 किमी लंबा है वह पूर्णतः सुरक्षित है. उन्होंने कहा कि पानी का दबाव कम होते ही यातायात चालू कर दिया जाएगा. यह प्राकृतिक आपदा है.

आपको बता दें कि बिहार के गोपालगंज जिले के सत्तर घाट में गंडक नदी पर 264 करोड़ की लागत से पुल का निर्माण हुआ है. इसका उद्घाटन एक महीने पहले ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से की थी.

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