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राष्ट्रपति पुरस्कार के लिए सारण के रंजीत का चयन

Chhapra (Santosh kumar Banti ): समाज की सेवा सबसे बड़ा धर्म है और सच्चे मन से की गई सेवा का प्रतिफल स्वयं मिल जाता है.


सेवा कार्यो के लिए सारण की धरती एक बार फिर गौरवान्वित हुई है.वर्ष 2016-17 के लिए सारण की धरती के लाल रंजीत कुमार को राष्ट्रपति भवन में आगामी 25 सितम्बर को इंदिरा गांधी राष्ट्रीय सेवा योजना पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा.

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय सेवा योजना पुरस्कार के लिए रंजीत के नाम के चयन पर एनएसएस से जुड़े सभी छात्र-छात्राएं हर्षित हैं. सभी स्वयंसेवकों ने इस सम्मान की घोषणा के साथ ही रंजीत को शुभकामनाएं दी.

लगातार यह पांचवा वर्ष होगा जब जयप्रकाश विश्वविद्यालय के एनएसएस स्वयंसेवक को राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा.

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय सेवा योजना पुरस्कार 2017 की घोषणा किए जाने के बाद राष्ट्रीय सेवा योजना के जगदम कॉलेज इकाई के स्वयंसेवक रंजीत कुमार से छपरा टुडे डॉट कॉम के संतोष कुमार बंटी ने बातचीत की.

शहर से 7 किलोमीटर दूर सदर प्रखंड के मेंहियां गांव निवासी रामबाबू प्रसाद और सरिता देवी के पुत्र रंजीत अवार्ड के लिए चयन के बाद काफी उत्साहित हैं.

रंजीत बताते हैं कि बचपन से ही उनके अंदर समाज की सेवा करने की ललक थी. दूसरों को समाज की सेवा करते देख मन की जागृत भावना के कारण ही वह राष्ट्रीय सेवा योजना से जुड़े.

प्रारंभिक स्तर पर गांव के ही उत्क्रमित मध्य विद्यालय मेंहियां में पांचवी, फिर मध्य विद्यालय महमदा से आठवीं की शिक्षा लेने के बाद वह दसवीं की पढ़ाई के लिए लक्ष्मी नारायण ब्राम्हण उच्च विद्यालय छपरा और 12वीं की पढ़ाई के लिए वर्ष 2012 में विश्वेश्वर सेमिनरी के छात्र बने.

दसवीं की परीक्षा पास करने के बाद उनका सपना था कि वह जगदम महाविद्यालय के छात्र बने. महाविद्यालय में किए जाने वाले शैक्षणिक एवं सामाजिक गतिविधियों के कारण उनका आकर्षण इस महाविद्यालय के प्रति प्रारंभ से था. वर्ष 2012 में इंटर परीक्षा पास करने के बाद जगदम महाविद्यालय में गणित प्रतिष्ठा विषय में स्नातक छात्र बनने के साथ ही उनकी कल्पना ने मूर्त रूप पाया और इसी के साथ शुरू हुआ समाज सेवा का कार्य.

एनएसएस स्वयंसेवक बनने के लिए 2012 में आयोजित परीक्षा में रंजीत ने दूसरा स्थान हासिल किया. तब से अब तक वह एनएसएस के सक्रिय सदस्य के रूप में जाने जाते हैं.

तीन भाई बहन में सबसे बड़े रंजीत का समाज सेवा में सराहनीय योगदान रहा है.

दहेज प्रथा, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, स्वच्छता और पोलियो के साथ जनमानस के लिए जरूरी साक्षरता कार्यक्रम एवं उनके क्रियान्वयन में उनका योगदान सराहनीय है.

रंजीत गांव के ही बस्ती में ‘फेस ऑफ फ्यूचर इंडिया’ से जुड़कर छात्रों के बीच निःशुल्क शिक्षा का दान करते हैं. जिससे कि वह समाज की दिशा और दशा दोनों बदल सके. ‘एक घंटा देह को और एक घंटा देश को’ इसी लक्ष्य के साथ एक स्वच्छ, शिक्षित समाज की स्थापना करना ही रंजीत का लक्ष्य है.

आईजी एनएसएस अवॉर्ड की घोषणा पर एनएसएस के पूर्व समन्वयक सेवानिवृत डॉक्टर विद्यावाचस्पति त्रिपाठी ने रंजीत को अपनी शुभकामनाएं देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की हैं.

इसके अलावा जेपी विश्वविद्यालय के आईजी अवार्ड विनर प्रवीण कुमार, रितु राज, मंटू कुमार यादव, प्रीति कुमारी, स्वयसेवक मंकेश्वर पंडित और प्रिंस कुमार ने भी अपनी शुभकामनाएं दी हैं.

बताते चलें कि आगामी 25 सितंबर को राष्ट्रपति भवन में महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा समाज सेवा में उत्कृष्ट कार्य करने वाले राष्ट्रीय सेवा योजना से जुड़े देश के 30 स्वयंसेवकों को इंदिरा गांधी राष्ट्रीय सेवा योजना पुरस्कार 2017 से सम्मानित किया जाएगा.

पुरस्कार को लेकर जयप्रकाश विश्वविद्यालय की ओर से 4 स्वयंसेवकों का चयन किया गया था जिसमें से राज्य कार्यालय द्वारा दो स्वयंसेवक का चयन कर दिल्ली कार्यालय भेजा गया था. जहां से अंतिम रूप से बिहार में कुल 2 स्वयंसेवक का चयन इस पुरस्कार के लिए किया गया है.

जिसमें पटना के अनुग्रह नारायण सिंह महाविद्यालय के छात्र नीरज कुमार और जयप्रकाश विश्वविद्यालय के जगदम महाविद्यालय के छात्र रंजीत कुमार शामिल हैं.

इसके पूर्व जयप्रकाश विश्वविद्यालय के एनएसएस स्वयंसेवक

मोहम्मद जहांगीर को 2008 में,

प्रवीण कुमार को 2013 में,

ऋतुराज को 2014 में,

मंटू कुमार यादव को 2015 में और

प्रीति कुमारी को 2016 में सम्मानित किया जा चुका है.

www.chhapratoday.com की ओर से NSS स्वयंसेवक रंजीत कुमार को राष्ट्रपति पुरस्कार के लिए चयन पर हार्दिक बधाई.

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