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महात्मा गांधी सेतु के अप-स्ट्रीम लेन के सुपर-स्ट्रक्चर का नितिन गडकरी ने किया लोकार्पण

Patna: महात्मा गाँधी सेतु के अप-स्ट्रीम लेन के सुपर-स्ट्रक्चर का केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से लोकार्पण किया. 
  इस अवसर पर नितिन गडकरी ने कहा कि महात्मा गाँधी सेतु अति महत्वपूर्ण सेतु है. इसको नयी तकनीक से बनाया गया हैं. कंक्रीट के स्ट्रक्चर को हटा के स्टील का सुपर स्ट्रक्चर बनाया गया है. उन्होंने बताया कि बिहार के विकास के लिए जो भी जरुरी कार्य है उसे किया जा रहा है.

उन्होंने बताया कि गंगा पर नया चार लेन का ब्रिज तीन हज़ार करोड़ की लागत से बनेगा. 242 मीटर का स्पैन होगा. जहाज भी निचे से निकल जायेंगे. अक्तूबर में कार्य शुरू होगा और मार्च 2024 तक पूरा कर लेने का लक्ष रखा गया है. उन्होंने कहा कि वाराणसी से हल्दिया तक जलमार्ग चालू है. इससे सड़क और रेल मार्ग से जाने के किराये से कम खर्च में परिवहन हो सकता है. उन्होंने कहा कि मधुबनी की पेंटिंग, मुजफ्फरपुर की लीची और बिहार का आम विदेशों में बिके इसके लिए प्रयास हो रहे है.  

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सहयोग करें तो बिहार की सूरत बदल देंगे. बिहार के विकास के लिए पैसे की कोई कमी नहीं है. बिहार के औधोगिक और आर्थिक विकास समेत रोजगार के माध्यम विकसित करना सभी की प्राथमिकता है.

लोकार्पण कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि केंद्र और राज्य की सरकार विकास के कार्य कर रही है. केंद्र का सहयोग मिल रहा है. उन्होंने बक्सर से वाराणसी को जोड़ने के लिए सीधा रास्ता बनाने की मांग की. साथ ही मुजफ्फरपुर से बरौनी राष्ट्रीय राजमार्ग 28 को चौड़ा कर फोरलेन करने की मांग की. साथ ही कई सड़क को चौड़ा करने की मांग की.

उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि एनडीए के कार्यकाल के पूर्व गंगा नदी पर पहले मात्र 4 पुल थे. अब गंगा नदी पर 18 पुल हो जायेंगे. साथ ही कोशी और गंडक नदी पर भी पुल बन रहा है. इसके साथ ही कोइलवर में नया पुल बन के तैयार है जो डबल इंजिन की सरकार की ही देन है. केंद्र और राज्य का साथ बिहार को विकास की ओर ले जा रहा है.

इस अवसर पर बिहार सरकार के पथ निर्माण मंत्री नन्द किशोर यादव ने कहा कि सड़कों के विकास से ही राज्य का विकास हो सकता है. मुख्यमंत्री ने राज्य के हर क्षेत्र से 6 घंटे में लोगों को राजधानी पहुँचाने का निर्देश दिया था, केंद्र की पूर्व की सरकार महात्मा गाँधी सेतु के मरम्मती पर विशेष ध्यान नहीं देती थी पर 2014 में एनडीए की सरकार और नितिन गडकरी के नेतृत्व में महात्मा गाँधी सेतू के निर्माण के लिए 1742 करोड़ रुपये स्वीकृत करते हुए निर्माण शुरू हुआ जो स्वागत योग्य है. अगले डेढ़ साल में दूसरा लेन भी चालू कर दिया जायेगा.

इस अवसर पर वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद, खाद्य आपूर्ति मंत्री रामविलास पासवान, गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय, सड़क परिवहन राजमार्ग मंत्रालय के राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह, केन्द्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे, सांसद पशुपति नाथ पारस, राजीव प्रताप रूडी समेत कई सांसद और विधायक शामिल थे.

महात्मा गाँधी सेतु एक नजर
उत्तर बिहार को प्रदेश की राजधानी से जोड़ने वाला गाँधी सेतु पुल बहुत जल्द नए रूप में नजर आएगा. 1980 में बना यह पुल वर्षों से जर्जर हो गया था. जिसके बाद इसपर भारी वाहनों के परिचालन पर रोक लगा दी गयी थी.  अब इस पुल को नए सिरे से बनाया गया है, जो अब नए रूप में नजर आएगा.

महात्मा गांधी सेतु के पश्चिमी लेन को पूरी तरह से स्टील का बनाया गया है. नए लेन का निर्माण पुराने और जर्जर हो चुके सुपर स्ट्रक्चर को हटा कर किया गया है. सेतु के नई सिरे से मरम्मत करने के लिए 2014 में केंद्र और राज्य सरकार के बीच सहमति बनी थी. फिलहाल पश्चिमी लेन का निर्माण हुआ है. अगले महीने पूर्वी लेन का निर्माण कार्य शुरू होगा. सेतु के दोनों लेन के बन जाने के बाद जेपी सेतु और राजेंद्र पुल पर वाहनों का भार कम होगा. इसके साथ ही लोगों को जाम की समस्या से भी छुटकारा मिलेगा.

गाँधी सेतु का निर्माण 1980 में हुआ था. तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने इसका शिलान्यास किया था. 5.575 किलोमीटर लंबे इस पुल को एशिया के सबसे लम्बे पुल होने का गौरव भी प्राप्त था. वर्तमान में असम में लोहित नदी पर बन भूपेन हजारिका सेतु एशिया का सबसे लम्बा सेतु है. जिसकी लम्बाई 9150 मीटर है.

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