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अवैध शराब की भट्ठियों को ढूँढने निकला ड्रोन अबतक लापता, एक पखवारे से खोज जारी

Chhapra: बिहार में शराब बंदी के बाद सरकार ने अवैध शराब की भट्ठियों और धंधेबाजों को पकड़ने के लिए आधुनिक तकनीक का सहारा भी लिया है। जिसके तहत ड्रोन, स्कैनर और अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस की मदद ली जाती है। इसके लिए सरकार ने बड़ी राशि खर्च की है।

ऐसा ही एक अत्याधुनिक ड्रोन निकला तो शराब की अवैध भट्ठियों को ढूँढने था, लेकिन कंट्रोल रूप से संपर्क टूटने के बाद अब उसे ही ढूंढा जाने लगा है।

मद्य निषेध विभाग के फिक्स्ड विंग ड्रोन ने पटना से उड़ान भरी थी। इसका काम हवाई सर्वेक्षण करते हुए अवैध शराब की भट्ठियों की मैपिंग करना होता है। यह ड्रोन पटना स्थित कंट्रोल रूम से कंट्रोल किया जाता है। यह 100 किलोमीटर की रेंज तक हवा में उड़ते हुए मैपिंग करता है और पुनः डाटा संकलित कर वापस लौटता है। जिसके आधार पर जगह जगह छापेमारी की कार्रवाई की जाती है।

इस फिक्स्ड विंग ड्रोन ने 4 मई को पटना से उड़ान भरी थी। अपनी उड़ान में मैपिंग करते हुए जब यह सारण जिले मुख्यालय छपरा शहर के बिचला टेलपा के ऊपर था तो इसका संपर्क कंट्रोल से टूटने की बातें कही गई हैं।

जिसके बाद से ड्रोन गायब अब तक है। इसको खोजने के सभी प्रयास अबतक विफल साबित हुए हैं। जिस फिक्स्ड विंग ड्रोन पर अवैध शराब की भट्ठियों को ढूँढने का जिम्मा सौंपा गया था वह खुद ही गायब है और उसको भी 17 दिनों से नहीं ढूंढा जा सका है।

अब जब इसके खोजने के अभियान में बिहार पुलिस भी जुटी है। फिर भी अबतक ड्रोन का कोई पता नहीं चल सका है। मद्य निषेध विभाग ने लापता ड्रोन की सूचना देने वालों को इनाम देने की घोषणा भी की है।

अब देखने वाली बात होगी कि शराब बंदी को रोकने के लिए लाखों रुपये की लागत से खरीदे गए इस ड्रोन को कब तक खोजा जाता है। यदि मिल भी जाए तो सही हालत होगा या नहीं यह तो आने वाला समय ही बताएगा। लेकिन यह तो साथ है कि बिहार में पुलिस एक ड्रोन को भी नहीं खोज पा रही है।

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