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COVID: प्रतिदिन विशेषज्ञ डॉक्टर को 7 हजार, MBBS डॉक्टर को 4 हजार मानदेय, अन्य कर्मियों का भी मानदेय निर्धारित

Patna : कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच बिहार स्वास्थ्य विभाग ने डॉक्टरों और कर्मचारियों की बहाली का निर्णय लिया है. तीन महीने के लिए अस्थायी तौर पर यह नियुक्ति की जाएगी. इसके लिए जिला पदाधिकारी, मेडिकल कॉलेज एवं अस्पतालों के अधीक्षक और प्राचार्य के अलावा सिविल सर्जन को सूचित कर दिया गया है. नियुक्त होने वाले इन डॉक्टरों और नर्सों के मानदेय भी तय कर दिए गए हैं.

स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि कोरोना महामारी के बीच बिहार सरकार जिला स्वास्थ्य विभाग में अतिरिक्त मानव बल की अस्थायी नियुक्ति करने जा रही है. इस नियुक्ति से कोरोना मरीजों का बेहतर इलाज हो पाएगा. चयनित कर्मियों को मानदेय भी मिलेगा. मंगल पांडेय ने बताया कि तीन कैटेगरी में नियुक्तियां की जाएंगी. इनमें विशेषज्ञ डॉक्टर, सामान्य चिकित्सक और नर्स की कैटेगरी है.

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि तीन महीने के लिए अस्थायी तौर पर नियुक्त होने वाले विशेषज्ञ चिकित्सक (पीजी ) को 7,000 रुपये एवं डिप्लोमा को 5,000 रुपए प्रतिदिन मानदेय मिलेगा. जबकि, एमबीबीएस धारक डॉक्टर को 4,000 रुपए एवं बीएससी (नर्सिग) को 2,000, जीएनएम को 1,500 रुपये एवं एएनएम को 1,000 के रुपये प्रतिदिन मानदेय देने का निर्णय किया गया है. मंगल पांडेय ने कहा कि मानेदय का उपरोक्त दर कोरोना काल के परिप्रेक्ष्य में निर्धारित एक विशिष्ट दर है. इस दर को किसी अन्य उद्देश्य के लिए मानक दर नहीं माना जाएगा.

स्वास्थ्य विभाग की ओर से विशेष कार्य पदाधिकारी आनंद प्रकाश ने मानदेय से संबंधित पत्र सभी डीएम सिविल सर्जन और अस्पताल अधीक्षकों को भेज दिया है. इनके अलावा लैब टेक्नीशियन, वार्ड ब्वॉय, डाटा इंट्री ऑपरेटर, मल्टी टास्किंग स्टाफ आदि की सेवा भी पहले से निर्धारित दरों पर मासिक आधार पर ली जा सकती है. स्वास्थ्य विभाग द्वारा गठित समिति आवश्यक मानव बल की संख्या को निर्धारित करेगी.

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