संयुक्त राष्ट्र में आतंकवाद को राजनीतिक हथियार बनाने के खतरे के प्रति दुनिया को पीएम मोदी ने किया आगाह

संयुक्त राष्ट्र में आतंकवाद को राजनीतिक हथियार बनाने के खतरे के प्रति दुनिया को पीएम मोदी ने किया आगाह

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विश्व समुदाय को आगाह किया कि आतंकवाद, उग्रवाद और प्रतिगामी विचारधारा से पूरी दुनिया को खतरा है एवं आतंकवाद का राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल करने वाले देशों को इससे बाज आना चाहिए।

मोदी ने शनिवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा के 76वें अधिवेशन को संबोधित करते हुए पाकिस्तान का नाम लिये बिना कहा कि जो देश आतंकवाद का राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं, उन्हें यह समझना चाहिए कि आतंकवाद उनके लिए भी उतना ही बड़ा खतरा है। उन्होंने अफगानिस्तान के घटनाक्रम का उल्लेख करते हुए कहा कि यह सुनिश्चित होना चाहिए कि अफगानिस्तान की धरती का उपयोग आतंकवाद फैलाने और आतंकी हमलों के लिए नहीं हो।

प्रधानमंत्री मोदी ने अफगानिस्तान के घटनाक्रम पर संयुक्त राष्ट्र जैसी विश्व संस्थाओं की निष्क्रियता की आलोचना करते हुए कहा कि इससे उनकी प्रासंगिकता और विश्वसनीयता पर सवालिया निशान लगा है। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन, कोरोना महामारी और अफगानिस्तान के घटनाक्रम के संबंध में संयुक्त राष्ट्र कारगर भूमिका नहीं निभा सका।

प्रधानमंत्री ने कोरोना महामारी के उत्पत्ति के कारणों और उद्गम स्थल का पता लगाने में संयुक्त राष्ट्र की निष्क्रियता की आलोचना की। हालांकि मोदी ने महामारी के संभावित उद्गम स्थल के रूप में चीन का उल्लेख नहीं किया। मोदी ने कहा कि इससे एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र में सुधार और दुनिया के कामकाज की प्रणाली को मजबूत बनाने की आवश्यकता महसूस की जा रही है।

प्रधानमंत्री ने प्राचीन चिंतक चाणक्य को उद्धृत करते हुये कहा कि शासकों और नीति निर्माताओं को समय पर फैसला लेना चाहिए, जो समय पर फैसला नहीं करता, समय उसको समाप्त कर देता है।

प्रधानमंत्री मोदी ने दकियानूसी और उग्रवादी सोच के खतरे की ओर दुनिया का ध्यान आकृष्ट करते हुए कहा कि वर्तमान हालात में हमें विज्ञान और तर्क पर आधारित प्रगतिशील चिंतन को विकास का आधार बनाना होगा। भारत की सांस्कृतिक विविधता और लोकतांत्रिक प्रणाली का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा कि विविधता के कारण भारतीय लोकतंत्र लगातार जीवंत बना हुआ है। लोकतांत्रिक प्रणाली को एक सक्षम आधार बताते हुए उन्होंने कहा कि लोकतंत्र के जरिये सफलता और उपलब्धियां हासिल की जा सकती हैं। उन्होंने जोरदार शब्दों में कहा कि लोकतंत्र के जरिये सफलता और उपलब्धियां हासिल की गई हैं।

लोकतंत्र की विजय यात्रा के संबंध में प्रधानमंत्री ने स्वयं को एक उदाहरण के रूप में पेश किया। उन्होंने कहा कि रेलवे स्टेशन पर चाय की दुकान में अपने पिता की मदद करने वाला एक बच्चा कहां से कहां पहुंच गया। उन्होंने कहा कि वे गुजरात में सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहे तथा पिछले सात साल से दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के प्रधानमंत्री हैं। इस हैसियत से उन्होंने चार बार संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित किया है।

मोदी ने राष्ट्रवादी चिंतक और एकात्म मानववाद के प्रणेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय का उल्लेख किया, जिनकी आज जयंती है। उन्होंने कहा कि एकात्म मानववाद व्यक्ति को समाज, देश और पूरी मानवता से जोड़ता है। मोदी ने अंत्योदय के दर्शन पर जोर देते हुए कहा कि हमारे विकास का रास्ता इस लक्ष्य पर केंद्रित है कि कोई भी पीछे न छूटे।

अपने प्रधानमंत्री कार्यकाल के दौरान जनकल्याण की योजनाओं का ब्योरा पेश करते हुए मोदी ने कहा कि हम न्यायसंगत और समानता मूलक समाज निर्माण के लिए प्रयासरत हैं। हमारी नीतियां सर्व व्यापी, सर्व स्पर्शी, सर्व समावेशी और सर्व पोषक हैं।

मोदी ने समुद्री संसाधन के संरक्षण और समुद्री सुरक्षा पर जोर देते हुए कहा कि नौवहन, विश्व व्यापार की जीवन-रेखा है। समुद्री नौवहन अंतरराष्ट्रीय नियमों और कानूनों के अनुरूप होना चाहिए। उन्होंने चीन का नाम लिये बिना कहा कि हमें समुद्री क्षेत्र को विस्तारवादी प्रयास और एकाधिकार की प्रवृति से बचा कर रखना होगा।

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन का अंत गुरुदेव रविन्द्रनाथ ठाकुर की कविता की पंक्तियों से किया। पंक्तियों का भावार्थ था कि हम शुभ कर्मों पर निर्भरता पूर्वक चलें। हर प्रकार की दुर्बलताएं और शंकाएं समाप्त हो जाएंगी। इसी संदर्भ में उन्होंने कहा कि गुरुदेव की यह पंक्तियां पूरी दुनिया के लिए मार्गदर्शक हैं तथा इनके आधार पर विश्व शांतिपूर्ण, सुरक्षित और समृद्ध रह सकता है।

प्रधानमंत्री ने दुनियाभर में फैले भारत के पेशेवर लोगों की सफलता का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्होंने विज्ञान, प्रौद्योगिकी और लोकतांत्रिक मूल्यों में तालमेल कायम किया है।

0Shares
A valid URL was not provided.

छपरा टुडे डॉट कॉम की खबरों को Facebook पर पढ़ने कर लिए @ChhapraToday पर Like करे. हमें ट्विटर पर @ChhapraToday पर Follow करें. Video न्यूज़ के लिए हमारे YouTube चैनल को @ChhapraToday पर Subscribe करें