Patna, 24 सितंबर (हि.स.)। बिहार सरकार के नगर विकास एवं आवास मंत्री जिवेश कुमार ने कहा कि इस महीने के अंत तक पटना में मेट्रो रेल का परिचालन शुरू कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि पटना मेट्रो रेल परियोजना के प्रथम चरण में प्राथमिक कॉरिडोर में कुल पांच स्टेशनों आईएसबीटी, जीरो माइल, भूतनाथ, खेमनीचक एव मलाही पकड़ी के बीच परिचालन शुरू किया जा रहा है, जिसकी कुल लम्बाई 6.20 किलोमीटर है।

इस महीने के अंत में दौड़ने लगेगी पटना में मेट्रो रेल 

नगर विकास एवं आवास मंत्री जिवेश कुमार बुधवार को स्वच्छता ही सेवा-2025 कार्यक्रम के दौरान संवाददाताओं को सम्बोधित कर रहे थे। इस मौके पर उन्होंने नगर विकास एवं आवास विभाग की उपलब्धियों का ब्यौरा पेश करते हुए कहा कि कभी बजबजाती गंदगी और कचरों के अंबार को लेकर चर्चा में रहने वाले बिहार के विभिन्न शहर अब देशभर में अपनी स्वच्छता का परचम लहरा रहे हैं।

जिवेश कुमार ने कहा कि देशभर में 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक स्वच्छता पखवारा मनाया जा रहा है, लेकिन बिहार में त्योहारों के इस मौसम में यह 17 सितंबर से 29 अक्टूबर तक यह स्वच्छोत्स्व के रूप में करीब डेढ़ महीने तक मनाया जा रहा है।इस मौके पर नगर विकास एवं आवास विभाग के सचिव अभय कुमार सिंह, अपर सचिव विजय प्रकाश मीणा, संयुक सचिव अभिलाषा शर्मा और पटना के नगर आयुक्त अनिमेष कुमार पराशर मौजूद थे।

एम्स तथा कई अन्य महत्वपूर्ण स्थानों से जोड़ा जाएगा

नगर विकास मंत्री ने पटना मेट्रो रेल की चर्चा करते हुए कहा कि पटना मेट्रो रेल परियोजन के फेज-2 के तहत बिहटा, एम्स तथा कई अन्य महत्वपूर्ण स्थानों से जोड़ा जाएगा।

जिवेश कुमार ने दावा किया कि अगले एक वर्ष में बिहार पूरी तरह कचरा मुक्त राज्य होगा और राज्य के किसी भी कोने में कचरे का अंबार नहीं दिखेगा। वर्ष 2024 में केन्द्रीय स्तर पर कचरा मुक्त 100 शहरों की सूची में बिहार की राजधानी पटना और गया को थ्री स्टार रेटिंग तथा भागलपुर और सुपौल को वन स्टार रेटिंग प्रदान किया गया है। साथ ही, वर्ष 2024 में स्वच्छता सर्वेक्षण में गंगा टाउन श्रेणी में शामिल कुल 88 शहरों में पटना को देशभर में चौथा, भागलपुर को 15वां, छपरा को 19वां और मुंगेर को 20वां स्थान प्राप्त हुआ है।

उन्होंने कहा कि राज्य में शहरीकरण के विस्तार एवं बढ़ती आबादी के कारण विगत वर्षों में शहरी नागरिकों के लिए शुद्ध पेयजल का अभाव था। वर्ष 2011 के सर्वे के अनुसार राज्य के शहरी क्षेत्र में मात्र 3.26 लाख घरों को ही जलापूर्ति की जाती थी। लेकिन आज शुद्ध नल-जल योजना, मुख्यमंत्री शहरी शहरी पेयजल निश्चय योजना तथा अमृत योजना के तहत कई योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। जिसके परिणाम स्वरूप अब कुल 29.68 लाख घरों में शुद्ध पेयजल की आपूर्ति की जा रही है।

उन्होंने कहा कि नगर निकायों में नागरिकों की सुरक्षा के लिए मुख्यमंत्री सुरक्षित सुशासित शहर के तहत सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं। साथ ही नगर निकायों में बहुद्द्देश्यीय आयोजनों के लिए सम्राट अशोक भवन का निर्माण किया जा रहा है। इस मौके पर नगर विकास एवं आवास मंत्री ने शहरी क्षेत्र के विकास के लिए शुरू की गई दर्जनों योजनाओं का विस्तार से चर्चा की। जिसमें आधुनिक शवदाह गृह से लेकर नदी के तट पर बसे शहरों के विकास और जल-जीवन-हरियाली अभियान भी शामिल हैं।

Patna Metro: पटना की जनता के लिए बड़ी खुशखबरी है। जिस मेट्रो का इंतजार लोग लंबे समय से कर रहे हैं, उसका ट्रायल 20 अगस्त के बाद शुरू होने की संभावना है।

पहले 15 अगस्त से होना था ट्रायल

शुरुआती प्लान यह था कि मेट्रो का ट्रायल 15 अगस्त से शुरू किया जाए, लेकिन डिपो से जुड़े कुछ जरूरी काम पूरे न होने की वजह से यह टल गया। अब काम तेजी से पूरा किया जा रहा है और मेट्रो को ट्रैक पर उतारने की तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है।

सितंबर के अंत तक सेवा शुरू करने का लक्ष्य

पटना मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (PMRCL) ने लक्ष्य तय किया है कि अगर सबकुछ ठीक रहा तो सितंबर के आखिरी हफ्ते तक यात्रियों के लिए मेट्रो सेवा शुरू कर दी जाएगी।
ट्रायल रन के दौरान ट्रेन की स्पीड, सिग्नलिंग सिस्टम और ट्रैक की सुरक्षा की जांच की जाएगी। सफलता मिलने पर आम लोग भी इसका फायदा उठा पाएंगे।

कहां से कहां चलेगी पहली मेट्रो?

पहला ट्रायल प्रायोरिटी कॉरिडोर पर होगा, जो मलाही पकड़ी से न्यू आईएसबीटी तक बनाया गया है। इस रूट में कुल 5 स्टेशन होंगे—

  • न्यू आईएसबीटी
  • मलाही पकड़ी
  • खेमनीचक
  • भूतनाथ रोड
  • बाईपास

पटना में रोजाना जाम से लोग परेशान रहते हैं। मेट्रो चलने के बाद न सिर्फ सफर आसान होगा बल्कि ट्रैफिक और प्रदूषण दोनों से राहत मिलेगी। अब बस ट्रायल का इंतजार तेजी से चल रहे काम के बीच अब लोगों की नजरें सिर्फ पहले ट्रायल रन पर टिकी हैं। जैसे ही यह सफल होगा, पटना की जनता को अपनी पहली मेट्रो की सवारी करने का मौका मिल जाएगा।

पटना, 20 जुलाई (हि.स.)। बिहार की राजधानी पटना में तीन मेट्रो कोच रविवार को पुणे से पहुंच गए। मेट्रो के ये तीन कोच पुणे से विशेष 74 पहियों वाले ट्रकों पर रविवार को पटना लाए गए। 15 अगस्त से यहां मेट्रो का संचालन शुरू होगा।

इन्हें पटना-गया-डोभी रूट से राजधानी पहुंचने में लगभग 8 दिन लगे। तीनों कोचों को आईएसबीटी डिपो में रखा गया है, जहां अब इन्हें उतारने की प्रक्रिया शुरू होगी। उतारने के बाद, तकनीकी टीमें इन कोचों के अलग-अलग हिस्सों को जोड़कर ट्रायल से पहले उनकी अच्छी तरह जांच करेंगी।

पटना मेट्रों के अधिकारियों ने बताया कि ट्रायल रन आईएसबीटी से मलाही पकड़ी तक किया जाएगा। ट्रायल के दौरान, यह सुनिश्चित करने के लिए तकनीकी परीक्षण किए जाएंगे कि सब कुछ सुरक्षित और सुचारू रूप से काम कर रहा है। अगर कोई समस्या पाई जाती है, तो उसे तुरंत ठीक कर दिया जाएगा। अगस्त के पहले सप्ताह तक इन परीक्षणों को पूरा करने का लक्ष्य है ताकि 15 अगस्त से पटनावासियों को तोहफे के रूप में मेट्रो सेवाएं शुरू की जा सकें।

मेट्रो अधिकारियों ने बताया कि पहले चरण में बैरिया स्थित आईएसबीटी से मलाही पकड़ी तक 6.1 किलोमीटर लंबे रूट पर मेट्रो का परिचालन शुरू होगा। इस मेट्रो ट्रेन में तीन कोच होंगे और बैठने और खड़े होने की जगह मिलाकर लगभग 900 यात्री बैठ सकेंगे। इस रूट पर पांच स्टेशन बनाए गए हैं- आईएसबीटी, जीरोमाइल, भूतनाथ, खेमनीचक और मलाही पकड़ी। हालांकि, खेमनीचक स्टेशन अभी तैयार नहीं है, इसलिए ट्रायल रन के दौरान इसे छोड़ दिया जा सकता है।

इन मेट्रो कोचों के आने से बेहतर परिवहन सुविधाओं की प्रतीक्षा कर रहे पटना वासियों के लिए उम्मीद की किरण जगी है। चालू होने के बाद, पटना मेट्रो यातायात की समस्याओं को कम करने और हजारों लोगों के लिए दैनिक यात्रा को तेज़ और आसान बनाने में मदद करेगी।

Patna: राजधानी पटना में मेट्रो की सौगात जल्द ही मिलने वाली है. मेट्रो के लिए निर्माण का रास्ता भी साफ़ हो गया है. इसके लिए सूबे की नितीश सरकार जुलाई माह में पटना मेट्रो का डीपीआर केंद्र को भेज देगी. इससे पहले कैबिनेट से नगर विकास विभाग डीपीआर को पास करा लेगी. डीपीआर जाते ही केंद्र से निर्माण के लिए स्वीकृति जल्द मिलनी तय है.

हालाँकि राजधानी पटना में कई सालों से मेट्रो निर्माण को लेकर चर्चा हो रही है . लेकिन जमीनी स्तर पर अभी तक कार्य नही हुए थे. कई बार डीपीआर भी बना जिस पर करोड़ों राशि सरकार की खर्च हुई लेकिन जमीन पर काम नहीं उतर सका. उसके बाद केंद्र सरकार ने मेट्रो के लिए कई नए प्रावधान भी कर दिए. केंद्र के नये शर्तों के बाद फिर से डीपीआर बनाया गया है जिसे इसी महीने कैबिनेट से पास कराकर केंद्र सरकार को भेज दिया जाएगा.

नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव चैतन्य प्रसाद के अनुसार मुख्यमंत्री और विभागीय मंत्री ने केंद्र सरकार से बातचीत कर ली है डीपीआर जाते ही केंद्र से जल्द स्वीकृति मिल जाएगी.