नई दिल्ली: राष्ट्रपति चुनाव के लिए नाम के चयन में पक्ष और विपक्ष के बीच आम सहमति नहीं बनने के बाद पहले विपक्ष ने फिर सत्तारूढ़ एनडीए ने अपने-अपने प्रत्याशियों के नाम की घोषण मंगलवार को कर दी. 

राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की ओर से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राष्ट्रपति पद के लिए झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को अपना उम्मीदवार घोषित किया है।

भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा ने मंगलवार को यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि स्वंय वे और राजनाथ सिंह ने कांग्रेस नेतृत्व के संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) के घटक दलों के साथ बातचीत की। लेकिन सर्वसम्मति की बात नहीं हो पायी। संप्रग ने आज अपने उम्मीदवार के नाम का ऐलान कर दिया। नड्डा ने कहा कि संप्रग की घोषणा के बाद राजग के घटक दलों के साथ बातचीत हुई और भाजपा संसदीय बोर्ड में 20 नामों पर चर्चा हुई।

नड्डा ने बताया कि इस चर्चा में इस बात पर लोगों की सहमति बनी कि पूर्वोत्तर क्षेत्र से किसी जनजातीय समाज को इस पद के लिए चुना जाए। आज तक इस पद पर किसी जनजातीय समाज की महिला को नहीं बिठाया गया। इसी को ध्यान में रखते हुए द्रौपदी मुर्मू के नाम पर सहमति बनी। मुर्मू पेशे से शिक्षक भी रह चुकी है। इसके अलावा झारखंड की राज्यपाल भी रह चुकी हैं।

वही दूसरी ओर कांग्रेस समेत विभिन्न विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति चुनाव में यशवंत सिन्हा को संयुक्त उम्मीदवार घोषित किया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने यहां आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में यशंवत सिन्हा के नाम की घोषणा की। उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों ने सर्वसम्मति से फैसला किया है कि यशवंत सिन्हा राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्ष के उम्मीदवार होंगे।

विपक्षी दलों की आज हुई बैठक में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार, माकपा के सीताराम येचुरी, भाकपा के डी. राजा, समाजवादी पार्टी के प्रो रामगोपाल यादव, द्रमुक के त्रिची शिवा समेत विभिन्न विपक्षी दलों के नेता शामिल रहे।

जयराम रमेश ने कहा कि 15 जून को हुई बैठक में धर्मनिरपेक्ष विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति चुनाव में सर्वसम्मति से आम उम्मीदवार चुने जाने का निर्णय किया था। इसी क्रम में आज हुई बैठक में हमने आम सहमति से यशवंत सिन्हा को उम्मीदवार चुना है। यशंवत सिन्हा अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में वित्तमंत्री और विदेश मंत्री रह चुके हैं।

उल्लेखनीय है कि मौजूदा राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को समाप्त हो रहा है। राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन पत्र भरने की प्रक्रिया जारी है। 29 जून को नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि है। 

नई दिल्ली: राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की ओर से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राष्ट्रपति पद के लिए झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को अपना उम्मीदवार घोषित किया है।

भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा ने मंगलवार को यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि स्वंय वे और राजनाथ सिंह ने कांग्रेस नेतृत्व के संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) के घटक दलों के साथ बातचीत की। लेकिन सर्वसम्मति की बात नहीं हो पायी। संप्रग ने आज अपने उम्मीदवार के नाम का ऐलान कर दिया। नड्डा ने कहा कि संप्रग की घोषणा के बाद राजग के घटक दलों के साथ बातचीत हुई और भाजपा संसदीय बोर्ड में 20 नामों पर चर्चा हुई।

नड्डा ने बताया कि इस चर्चा में इस बात पर लोगों की सहमति बनी कि पूर्वोत्तर क्षेत्र से किसी जनजातीय समाज को इस पद के लिए चुना जाए। आज तक इस पद पर किसी जनजातीय समाज की महिला को नहीं बिठाया गया। इसी को ध्यान में रखते हुए द्रौपदी मुर्मू के नाम पर सहमति बनी।

मुर्मू पेशे से शिक्षक भी रह चुकी है। इसके अलावा झारखंड की राज्यपाल भी रह चुकी हैं।

उल्लेखनीय है कि मौजूदा राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को समाप्त हो रहा है। राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन पत्र भरने की प्रक्रिया जारी है। 29 जून को नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि है। विपक्षी दलों की ओर से संयुक्त उम्मीदवार को तौर पर पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा को मैदान में उतारा है।

Ekma: थाना क्षेत्र के नौतन बाजार बाजार निवासी एक युवक की हत्या का मामला प्रकाश में आया है. हत्या की जानकारी मिलने के बाद
आक्रोशित लोगों ने एकमा मांझी मुख्य पथ को जाम कर दिया. काफी मान मनौव्वल के बाद बीडीओ और सीओ की पहल पर यातायात बहाल किया गया.

घटना को लेकर बताया जाता है कि एकमा थाना क्षेत्र के नौतन गांव में विगत रात्रि पड़ोसियों द्वारा अवधेश प्रसाद के पुत्र बाबुल तरुण को बुलाकर हत्या कर दी गई. घटना के बारे में मृतक की मां सज्यवती ने बताया कि जमीनी विवाद को लेकर युवक की हत्या की गई है. जमीन के विवाद में विगत कई बार दोनो पक्षों में मारपीट एवं कहासुनी हुई थी. जिसमे प्रशासन की पहल पर मामला सुलझा हुआ था.

हत्या की जानकारी मिलने के बाद आक्रोशित लोगों ने एकमा मांझी मुख्य पथ को जाम कर दिया.

जलालपुर: योग व्यक्ति को स्वस्थ व समृद्ध बनाता है. उक्त बातें महाराजगंज सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल ने कही. वे जलालपुर प्रखंड के हरपुर शिवालय परिसर मे आयोजित 8 वे अन्तराष्ट्रीय योग दिवस पर योगाभ्यास कार्यक्रम मे बोल रहे थे.

उन्होने कहा कि आज के अवसर पर मैं देश के प्रधानमंत्री को हृदय से नमन और धन्यवाद करूंगा. जिन्होंने योग को दुनिया को मानने के लिए तथा इस मंत्र को दुनिया को स्वीकार करने के लिए बाध्य कर दिया. आज विश्व के 200से अधिक देशो मे योग को किया जा रहा है. लोगो ने जाति धर्म से ऊपर उठकर स्वस्थ रहने के लिए इसे अपनाया है. उन्होंने देशवासियों, राज्य वासियों, जिला और क्षेत्र वासियों से आग्रह किया कि आप चाहे जिस आयुवर्ग के हों, सभी योग करें. स्वस्थ व समृद्ध बने. समाज में भाईचारे के मजबूत बंधन को बनाए और देश को प्रगति के पथ पर आपसी सौहार्द को मजबूत बनाते हुए आगे बढाएं.

मौके पर संत दामोदर दासजी महाराज, संत गोविन्द जी महाराज, प्रमोद सिग्रीवाल, उमेश तिवारी, अनिल सिंह, नीलेश सिंह सहित सैकड़ों अन्य भी थे.

जलालपुर: प्रखंड क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर मंगलवार को प्रात: विभिन्न विद्यालयों में शिक्षकों और बच्चों ने योगाभ्यास किया. उत्क्रमित मध्य विद्यालय मंगोलापुर मठिया में देशभक्ति के धुनों पर बच्चों ने एक से बढ़कर एक योग मुद्राओं को प्रस्तुत कर सभी को प्रभावित किया.

योग की विभिन्न क्रियाओं सूर्य नमस्कार, चक्रासन, वज्रासन वृक्षासन, कपालभाति ,अनुलोम विलोम, भ्रामरी शीतली, शीतकालीन व हास्य योग का शिक्षकों व छात्रों ने अभ्यास किया.

विभिन्न विद्यालयों उत्क्रमित मध्य विद्यालय खोरोडीह, नव उच्च सह मध्य विद्यालय मझवलिया, उत्क्रमित मध्य विद्यालय देवरिया हसुलाही, उत्क्रमित मध्य विद्यालय बनकटा उत्क्रमित मध्य विद्यालय भटवलिया, मध्य विद्यालय कोपा, बेसिक स्कूल बंगरा, उत्क्रमित मध्य विद्यालय देवरिया, एस डी एस गलोबल पब्लिक स्कूल अनवल पियानो में भी शिक्षकों ने बच्चों के साथ योगाभ्यास किया.

नई दिल्ली: कांग्रेस समेत विभिन्न विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति चुनाव में यशवंत सिन्हा को संयुक्त उम्मीदवार घोषित किया है। मंगलवार को विपक्षी दलों की संसद भवन परिसर में हुई बैठक में यह फैसला लिया गया।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने यहां आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में यशंवत सिन्हा के नाम की घोषणा की। उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों ने सर्वसम्मति से फैसला किया है कि यशवंत सिन्हा राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्ष के उम्मीदवार होंगे।

विपक्षी दलों की आज हुई बैठक में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार, माकपा के सीताराम येचुरी, भाकपा के डी. राजा, समाजवादी पार्टी के प्रो रामगोपाल यादव, द्रमुक के त्रिची शिवा समेत विभिन्न विपक्षी दलों के नेता शामिल रहे।

जयराम रमेश ने कहा कि 15 जून को हुई बैठक में धर्मनिरपेक्ष विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति चुनाव में सर्वसम्मति से आम उम्मीदवार चुने जाने का निर्णय किया था। इसी क्रम में आज हुई बैठक में हमने आम सहमति से यशवंत सिन्हा को उम्मीदवार चुना है।

इससे पहले सिन्हा ने आज तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया था। आज सुबह ही उन्होंने ट्वीट कर कहा, “तृणमूल कांग्रेस ने मुझे जो सम्मान और प्रतिष्ठा दी, उसके लिए मैं ममता जी का आभारी हूं। अब समय आ गया है जब एक बड़े राष्ट्रीय उद्देश्य के लिए मुझे पार्टी से हटकर अधिक विपक्षी एकता के लिए काम करना होगा। मुझे यकीन है कि वह इस कदम को स्वीकार करती है ।”

उल्लेखनीय है कि यशंवत सिन्हा अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में वित्तमंत्री और विदेश मंत्री रह चुके हैं।

 

Chhapra: जिला दण्डाधिकारी राजेश मीणा द्वारा सभी अनुमंडल पदाधिकारियों को निदेष दिया गया है कि विधि व्यवस्था संधारण हेतु संपूर्ण जिला में पूर्व के दिनों से लागू दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा-144 के अन्तर्गत निषेधाज्ञा को 22 जून 2022 तक विस्तारित करेंगे.

असामाजिक तत्वों के द्वारा हिंसक गतिविधियों की स्थिति को ध्यान में रखते हुए जिला के सभी अनुमंडल पदाधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्र अंतर्गत दिनांक 17 से 20 जून 2022 तक प्र० सं० की धारा 144 के अन्तर्गत आदेश निर्गत किया गया था, जिसे दिनांक-22.06.2022 तक विस्तारित कर दिया गया है.

जिला प्रशासन ने ऐसी संभावना व्यक्त की है कि उपद्रवियों द्वारा असंवैधानिक ढंग से शांति भंग करने का प्रयास किया जा सकता है, जिससे सरकारी परिसम्पतियों का नुकसान एवं बाधा उत्पन्न हो सकती है

जिला दण्डाधिकारी के द्वारा बताया गया कि संपूर्ण जिला में सार्वजनिक स्थलों, धार्मिक स्थलों, सरकारी कार्यालयों, सार्वजनिक सम्पतियों, रेलवे स्टेशनों, बस स्टैंड, मैदानों सहित सम्पूर्ण जिला अंर्तगत संहिता की धारा 144 के प्रदत शक्तियों का प्रयोग करते हुए निषेधाज्ञा आदेश जारी किया गया है.

इस अवधि में उक्त क्षेत्रों के 500 मीटर के परिधि में कोई भी व्यक्ति अस्त्र-शस्त्र, अन्यत्र घातक हथियार या लाठी लेकर नही चलेगा. बगैर किसी परियोजन के पांच या पांच से अधिक व्यक्ति एक साथ नही होगें. किसी भी व्यक्ति के द्वारा सोशल मीडिया पर भ्रामक सूचना प्रसारित नहीं किया जायेगा, ऐसा पाये जाने पर उनके विरुद्ध विधि सम्मत कार्रवाई की जायेगी. बगैर किसी सक्षम अनुमति के कोई कार्यक्रम आयोजित नही की जायेगी. अन्यथा विधि सम्मत कारवाई की जायेगी एवं दण्ड के भागी होगें. किसी प्रकार उपद्रव करने वालों के साथ प्रशासन सख्ती से पेश आयेगी तथा प्रावधानिक दण्ड सुनिश्चित करेगी.

किसी भी परिस्थिति में नेशनल हाईवे एवं अन्य सड़क पर आवागमन बाधित नही किया जायेगा अगर बाधित किया जाता है तो नेशनल एवं अन्य समुचित प्रावधानों के तहत कानूनी कार्रवाई की जायेगी. कोई भी व्यक्ति उक्त अवधि में ऐसी गतिविधियों में लिप्त नही रहेगें, जिससे जाति, धर्म, समुदाय एवं भाषा के आधार पर तनाव उत्पन्न हो और आपसी भाईचारा एवं सौहार्द पर प्रभाव पड़े. शांतिपूर्वक एवं सम्मानपूर्वक जीने का नागरिक अधिकार किसी भी हाल में बाधित नही होना चाहिए. किसी भी परिस्थिति में किसी के द्वारा अनिवार्य सेवा बाधित नहीं किया जायेगा.

उक्त अवधि में अंकित स्थलों पर कोई भी पुतला दहन बिल्कुल निषिद्ध है. किसी के द्वारा भी लिखित पूर्वानुमति के किसी भी तरह का बैनर पोस्टर या अन्य प्रचार सामग्री का प्रयोग नही करेगे. बिना अनुमति के वाहनों या सार्वजनिक स्थलों पर लाउडस्पीकर का प्रयोग निषिद्ध है. यह निषेधाज्ञा आदेश प्रश्नगत कार्य में प्रतिनियुक्त पदाधिकारी पुलिस कर्मियों डियूटी पर तैनात कर्मियों पर लागू नहीं होगा. विधि व्यवस्था को दृष्य रखते हुए उपरोक्त अवधि के अन्तर्गत सभी कोचिंग संस्थान बंद रहेगें. उपरोक्त आदेश के उल्लंघन करने वाले व्यक्ति पर द०प्र०सं० एवं अन्य प्रवृत संबंधित अधिनियम की सुसंगत धाराओं, नियमों के अन्तर्गत आवश्यक कार्रवाई की जायेगी.

Patna: मोकामा से राजद के बाहुबली विधायक अनंत सिंह को AK-47 और ग्रेनेड रखने के मामले में कोर्ट ने 10 साल की सजा सुनाई है.

अनंत सिंह अपने घर से एके-47 और ग्रेनेड की बरामदगी के मामले में दोषी पाये गए थे.

मंगलवार को एमपी-एमएलए कोर्ट ने इस केस में अपना निर्णय सुनाया.

मोकामा के विधायक अनंत सिंह अभी पटना के बेऊर जेल में बंद हैं.

बात दें कि पटना पुलिस ने वर्ष 2019 में छापेमारी में अनंत सिंह के पैतृक आवास से आधुनिक हथियार एके 47 राइफल, कारतूस और हैंड ग्रेनेड बरामद किए थे.

इस मामले में 16 अगस्त 2019 को बाढ़ थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी.

पटना: भोजपुरी के प्रथम उपन्यासकार रामनाथ पांडेय की पुण्यतिथि पर 16 जून को पटना में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें डॉ.मयंक मुरारी और डॉ.जौहर शफियाबादी को प्रथम रामनाथ पांडेय शिखर सम्मान प्रदान किया गया। दोनों विद्वानों को स्मृति चिह्न, प्रशस्ति पत्र और शॉल से सम्मानित किया गया।

सारण भोजपुरिया समाज और जागृत प्रकाशन के तत्वावधान में मैत्री शांति भवन, अशोक राजपथ पर आयोजित इस कार्यक्रम में रामनाथ पांडेय की कालजयी रचना “महेन्दर मिसिर” का लोकार्पण भी हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता चंद्रकेतु नारायण सिंह ने किया। अन्य मंचासीन अतिथियों में डॉ.सुनील पाठक, पूनम आनंद, तैय्यब हुसैन पीड़ित, भगवती प्रसाद द्विवेदी थे। लोकार्पण के बाद रामनाथ पांडेय जी के व्यक्तित्व और कृतित्व पर उपस्थित विद्वतजनों ने प्रकाश डाला। व्याख्यान के बाद काव्य पाठ का भी आयोजन हुआ।

इसमें डॉ. मीना पांडेय, दिवाकर उपाध्याय, मधुरानी लाल, सुजीत सिंह सौरभ, श्याम श्रवण, सुधांशु कुमार सिंह ने अपनी रचनाओं का पाठ किया। अन्य उपस्थित अतिथियों में भोजपुरी साहित्य जगत से जुड़ी कई हस्तियां शामिल थीं, जिनमें शुभ नारायण सिंह शुभ, राजेंद्र गुप्त, प्रेमलता, यशवंत मिश्रा, प्रणव पराग, रवि प्रकाश सूरज आदि प्रमुख थे। धन्यवाद ज्ञापन रामनाथ पांडेय के ज्येष्ठ सुपुत्र बिमलेंदु भूषण पांडेय ने किया तथा मंच संचालन दिवाकर उपाध्याय ने किया।

8 जून से चल रहा आयोजन

हर वर्ष की तरह इस बार भी कार्यक्रमों का सिलसिला रामनाथ पांडेय की जयंती 8 जून से प्रारंभ हुआ। 8 जून को चंपारण में 100 से ज्यादा कलाकारों का सम्मान किया गया। इसके साथ ही सारण भोजपुरिया समाज के पेज से हर दिन लाइव कार्यक्रम का आयोजन हुआ। इसमें एक दर्जन से ज्यादा विद्वानों भोजपुरी साहित्य व रामनाथ पांडेय की कृतियों पर अपने विचार व्यक्त किए।

Chhapra: उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक छपरा क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर “योग शिविर” का आयोजन किया गया। जिसमे क्षेत्रीय प्रबंधक राजन कुमार गुप्ता, लीड बैंक प्रबंधक प्रदीप कुमार, जीविका सलाहकार अजीत राय, वित्तीय सलाहकार चंद्रभूषण प्रसाद, क्षेत्रीय कार्यालय के राहुल रंजन, संदीप कुमार, निशांत कुमार समेत अन्य शाखाओं एवं जीविका के करीब 40 सदस्यों ने भाग लिया।

अंतरराष्ट्रीय योगा दिवस 21 जून को हर वर्ष पूरे विश्व मे बनाया जाता है।
इस साल का ध्येय “मानवता के लिए योग” (Yoga for humanity) है।

शिविर मे अनुलोम विलोम, भृमरि, कपाल भाती, मंडुकासन, सूर्य नमस्कार समेत अन्य कई योगाभ्यास कराया गया।

क्षेत्रीय प्रबंधक ने उपस्थित सभी अधिकारियों को योग की महत्ता बताते हुए यह संदेश दिया की इस तनाव के माहौल मे सभी अपने शरीरिक मानसिक भावनात्मक स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दें, और समाज मे एक अच्छे नागरिक के रूप मे खुद को स्थापित करें।

भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की भगीरथ कोशिशों के बाद संयुक्त राष्ट्र ने 11 दिसम्बर, 2014 को ’21 जून’ को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया। अगले साल 21 जून 2015 को पहला अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया। पहले अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर भारत ने दो शानदार रिकॉर्ड बनाए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नई दिल्ली के राजपथ पर 35 हजार से ज्यादा लोगों के साथ योग किया। पहला रिकॉर्ड 35,985 लोगों के साथ योग करना और दूसरा रिकॉर्ड 84 देशों के लोगों का इस समारोह में हिस्सा लेना रहा।

पूरी दुनिया मंगलवार (21 जून, 2022) को ‘अंतरराष्ट्रीय योग दिवस’ मनाएगी। पांच हजार वर्ष से योग भारतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा रहा है। योग न केवल शरीर को रोगों से दूर रखता है बल्कि मन को भी शांत रखता है। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल से हुई। 27 सितंबर, 2014 को प्रधानमंत्री मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में एकसाथ योग करने का आह्वान किया। इसके बाद महासभा ने 11 दिसंबर, 2014 को इस प्रस्ताव को स्वीकार किया। तभी से अंतरराष्ट्रीय योग दिवस अस्तित्व में आया।

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 21 जून को ही क्यों मनाया जाता है? इसके पीछे खास वजह है। दरअसल 21 जून उत्तरी गोलार्द्ध का सबसे लंबा दिन होता है। इसे कुछ लोग ग्रीष्म संक्रांति कहते हैं। भारतीय परंपरा में ग्रीष्म संक्रांति के बाद सूर्य दक्षिणायन हो जाते हैं। मान्यता है कि सूर्य के दक्षिणायन का समय आध्यात्मिक सिद्धियां प्राप्त करने में लाभकारी होता है। इसी वजह से 21 जून को ‘अंतरराष्ट्रीय योग दिवस’ मनाया जाता है।

महत्वपूर्ण घटनाचक्र
1947ः कनाडा की संसद ने शरणार्थियों को देश से बाहर करने का कानून पास किया।
1948ः सी. राजगोपालाचारी भारत के अंतिम गर्वनर जनरल बने।
1949ः राजस्थान हाई कोर्ट की स्थापना।
1957ः एलेन फेयरक्लो ने कनाडा की पहली महिला कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली।
1963ः कार्डिनल जियोवानी बैट्टिस्टा मोन्टिनी पोप पॉल षष्ठम चुने गए।
1975ः वेस्टइंडीज ने पहला क्रिकेट वर्ल्ड कप जीता।
1977ः मुस्तफा बुलेंट एसविट ने तुर्की में सरकार का गठन किया।
1991ः पीवी नरसिम्हाराव भारत के प्रधानमंत्री बने।
1998ः भारत-रूस ने तमिलनाडु के कुडनकुलम में परमाणु ऊर्जा केंद्र स्थापित करने के लिए 2.5 अरब डॉलर के समझौते पर हस्ताक्षर किए।
1999ः मनमोहन सिंह भारत के वित्तमंत्री बने।
2001ः पाकिस्तान के राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने आतंकवादी विरोधी कानून बहाल किया।
2002ः यूरोपियन यूनियन के 15 राष्ट्राध्यक्षों की सेविलिया (स्पेन) में बैठक।
2004ः चीन ने भारत और पाकिस्तान वार्ता का समर्थन किया।
2005ः डोनाल्ड त्यांग हांगकांग के प्रशासक बने।
2008ः फिलिपींस में तूफान। सैकड़ों लोगों की मृत्यु।
2009ः भारत की बैडमिंटन स्टार खिलाड़ी सायना नेहवाल ने सुपर सीरीज बैडमिंटन टूर्नामेंट का खिताब जीता। ऐसा करने वाली वह पहली भारतीय महिला हैं।
2012ः ऑस्ट्रेलिया में नौका डूबने से 90 शरणार्थियों की मौत।
2012ः भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने 11 सीमेंट कंपनियों को व्यापार संघ बनाकर कीमत का निर्धारण करने का दोषी ठहराते हुए 6000 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया।
2013ः पाकिस्तान के पेशावर में मस्जिद में बम विस्फोट। बड़ी संख्या में लाेगों की मौत।
2015ः पहली बार अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया।

जन्म

1905ः नोबेल पुरस्कार (साहित्य) विजेता ज्यां-पाल सार्त्र।
1912ः प्रसिद्ध हिन्दी साहित्यकार, नाटककार और कहानीकार विष्णु प्रभाकर।
1927ः मैग्सेसे पुरस्कार सम्मनित पत्रकार बी.जी.वर्गीज।
1933ः भारत के प्रसिद्ध लेखक, उपन्यासकार, नाटककार, आलोचक तथा व्यंग्यकार मुद्राराक्षस।
1953ः पाकिस्तान की प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो।
1967ः थाईलैंड की प्रथम महिला प्रधानमंत्री यिंगलक शिनावात्रा।
1970ः इंडोनेशिया के प्रथम राष्ट्रपति सुकर्णो।

निधन
1527ः इटली के राजनयिक,राजनीतिक दार्शनिक, संगीतज्ञ, कवि एवं नाटककार निकोलो मैकियावेली।
1932ः आधुनिक युग के श्रेष्ठ ब्रजभाषा कवि जगन्नाथदास रत्नाकर।

दिवस
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस
विश्व संगीत दिवस

प्रभुनाथ शुक्ल

योग हमारा आध्यात्मिक और वैज्ञानिक ज्ञान है। योग की सार्थकता को दुनिया के कई धर्मों ने स्वीकार किया है। योग सिर्फ व्यायाम का नाम नहीं है बल्कि मन, मस्तिष्क, शारीरिक और विकारों को नियंत्रित करने का माध्यम भी है। जब समाज अच्छा होगा तो देश की प्रगति में हमारा अहम योगदान होगा। आज पूरी दुनिया योग और प्राणायाम की तरफ बढ़ रही है। योग भारत के लिए आने वाले दिनों में बड़ा बाजार साबित हो सकता है। विश्व के लगभग 200 से अधिक देश भारत की इस गौरवशाली वैदिक परंपरा का अनुसरण कर रहे हैं। योग को अब वैश्विक मान्यता मिल गई है। कोरोना संक्रमण काल में भी योग हमारे लिए संजीवनी साबित हो रहा है। हम योग को अपना कर इस महामारी में भी अपने स्वस्थ रख सकते हैं। भगवान कृष्ण ने गीता में कहा है-‘योगः कर्मसु कौशलम’ यानी हमारे कर्मों में सर्वश्रेष्ठ योग है। योग यज्ञ है और यज्ञ कर्म है। योग जीवात्मा और परमेश्वर के मिलन का साधन मात्र ही नहीं बल्कि ईश साधना का भी साध्य भी है। योगेश्वर भगवान कृष्ण ने योग को सर्वोपरि बताया है। उन्होंने कहा है कि ‘योगस्थः कुरु कर्माणि’ इसका तात्पर्य है कि योग में स्थिर होकर ही सद्चित कर्म संभव है। गीता का छठवां अध्याय योग को समर्पित है।

भारत में योग की परंपरा 5000 हजार साल पुरानी है। 11 दिसम्बर, 2014 को इसका प्रस्ताव भारत ने संयुक्त राष्ट्र में दिया था। अमेरिका और यूरोप समेत दुनिया के 177 देशों ने भारत के पक्ष में वोट किया था, जिसके बाद भारत दुनिया का विश्वगुरु बन गया। संयुक्त राष्ट्र संघ ने 90 दिनों के भीतर पीएम मोदी के प्रस्ताव को मंजूर किया। हम योग के 21 आसनों को अपनाकर अपनी जिंदगी को सुखी, शांत और निरोगी बनाकर खुशहाल जीवन जी सकते हैं। जब हम तन और मन से स्वस्थ रहेंगे तो राष्ट्र निर्माण और उसके विकास में अपनी अहम भूमिका निभा सकते हैं। योगगुरु बाबा रामदेव योग को वैश्विक मान्यता मिलने पर इसे भारत की जीत बताया था। दुनिया योग को अपने जीवन की दिनचर्या बना लिया है। योग संपूर्ण जीवन और चिकित्सा पद्धिति बन गया है। दुनिया में शांति युद्ध से नहीं योग से आएगी। भारत के साथ दुनिया में 20 करोड़ से अधिक लोग योग साधना का लाभ उठा रहे हैं। आधुनिक युग की व्यस्त दिनचर्या में योग हमारे लिए अमृत है। अपनी जिंदगी को खुशहाल और डिप्रेशन मुक्त बनाने के लिए योग हमें खुला आकाश देता है। हम धर्म, जाति, भाषा, संप्रदाय के साथ बंधकर स्वयं के साथ देश का अहित करेंगे।

योग शास्त्र का इतिहास गौरवशाली उपलब्धि से अटा पड़ा है। हमारे यहां लययोग, राजयोग का भी वर्णन है। योगशास्त्र का इतिहास गौरवशाली उपलब्धि से अटा पड़ा है। हमारे यहां लययोग, राजयोग का भी वर्णन है। चित्त की निरुद्ध अवस्था लययोग में आती है। राजयोग सभी योगों से श्रेष्ठ बताया गया है। महर्षि पतंजलि की योग परंपरा भारत में अधिक समृद्धशाली है। योगगुरु बाबा रामदेव आज पतंजलि योग व्यवस्था के संवाहक बने हैं। दुनिया भर में योग की महत्व स्थापित करने में पतंजलि योग संस्थान ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है।योग और आयुर्वेद को उन्होंने वैश्विक स्वीकारोक्ति बना दिया है। पतंजलि योग साधना के आठ आयाम हैं। जिसमें यम, नियम, आसन, प्रणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान और समाधि है। योग का संबंध सिंधु घाटी सभ्यता से भी है। प्राचीन काल की कई मूर्तियां योग मुद्रा में स्थापित हैं।

भगवान शिव को योग मुद्रा में देखा जा सकता है। बुद्ध की मूर्तियां भी योग साधना में स्थापित हैं। बौद्ध और जैनधर्म में भी योग की महत्ता पर काफी कुछ है। बौद्ध और धर्म के अलावा ईसाई और इस्लाम में सूफी संगीत परंपरा में भी योग की बात आई हैं। भारत की योग व्यस्था को पटल पर लाने में योग गुरु बाबा रामदेव और बीकेएस अंयगर के योगदान को नहीं भूलाया जा सकता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल से संयुक्तराष्ट्र संघ ने भी योग के महत्व को स्वीकार किया है। प्रधानमंत्री मोदी योग को लेकर स्वयं बेहद जागरूक है। वह योग करते हुए अपने कई वीडियो सोशल मीडिया पर साझा करते रहते हैं। फिट इंडिया, हिट इंडिया उनका मूलमंत्र है। इसके साथ वह लोगों से अपील करते हैं कि आप योग के जरिए अपने मन, मस्तिष्क और शरीर को स्वस्थ रखें, जिससे आपका सहयोग देश के विकास में अच्छे तरीके से हो। विज्ञान और विकास के बढ़ते कदम तनाव की जिंदगी दे रहा है। जिंदगी की गति अधिक तेज हो चली है। लोगों के जीने का नजरिया बदल रहा है। काम का अधिक दबाव बढ़ रहा है इससे हाईपर टेंशन, और दूसरी बीमारियां फैल रही हैं। तनाव का सबसे बेहतर इलाज योग विज्ञान में हैं, वहीं लोगों में सुंदर दिखने की बढ़ती ललक भी योग और आयुर्वेद विज्ञान को नया आयाम देगी। यह पूरे भारत के लिए गर्व का विषय है। आम आदमी के जिंदगी में तनाव तेजी से बढ़ रहा है।

पूरी जिंदगी असंयमित हो गई है, जिसकी वजह से परिवार में तनाव और झगड़े होते हैं। लोगों के पास आज पैसा है लेकिन शांति नहीं है, जिसकी वजह से परिवार में संतुलन गायब है। लोग खुद से संतुष्ट नहीं है। इस स्थिति से निकालने के लिए योग सबसे बेहतर उपाय हो सकता है। इसलिए भागदौड़ की जिदंगी को अगर संयमित और संतुलित करना है तो मन को स्थिर रखना होगा। जब तक हमें मानसिक शांति नहीं मिलेगी तब तक हम जीवन के विकारों से मुक्त नहीं हो सकते हैं। उस स्थिति में योग ही सबसे सरल और सुविधा युक्त माध्यम हमारे पास उपलब्ध है। हमारी हजारों साल की वैदिक परंपरा को वैश्विक मंच मिला है। योग का प्रयोग अब दुनिया भर में चिकित्सा विज्ञान के रूप में भी होने लगा है, उसे स्थिति हमें अपने जीवन के साथ जीने का नजरिया भी बदलना होगा। योग से संबंधित यूनिवर्सिटी, शोध संस्थान, आयुर्वेद मेडिसिन उद्योग नई उम्मीदें और आशाएं लेकर आएगा। भारत और दुनिया भर में योग के लिए संस्थान स्थापित हुए हैं। योग को पर्यटन उद्योग के रूप में विकसित किया जा सकता है। योग स्वस्थ दुनिया की तरफ बढ़ता कदम है।

(लेखक, स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)