Chhapra: छपरा नगर निगम की मेयर प्रिया सिंह के खिलाफ विपक्षी पार्षदों के द्वारा लाया गया अविश्वास प्रस्ताव पास हो गया है. जिससे मेयर प्रिया सिंह अपनी कुर्सी बचाने में नाकामयाब रही.

अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 23 और विपक्ष में 2 मत पड़े. वही 4 मत अमान्य करार दिए गए. 

https://www.facebook.com/408219679233862/posts/3317007611688373/

छपरा नगर निगम की पहली मेयर अपनी कुर्सी बचाने में नाकामयाब रही, मेयर के अविश्वास प्रस्ताव को लेकर नगर निगम में 2 महीने से गहमा गहमी चल रही थी. इसके बाद आखिरकार मंगलवार को वोटिंग की गई और नगर निगम की मेयर  बहुमत साबित करने में नाकामयाब रहीं.

साल 2017 में पहली बार नगर निगम बनने के बाद प्रिया सिंह छपरा की पहली मेयर बने. इसके बाद 2019 में पार्षदों द्वारा उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया. लेकिन उन्होंने बहुमत साबित कर दिया. हालांकि इस बार मेयर अपनी कुर्सी हार गयी.

नगर निगम परिसर में गहमागहमी
मंगलवार को सुबह से नगर निगम परिसर में गहमागहमी देखी गई. सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे. दोपहर 11:30 बजे के आसपास मेयर नगर निगम पहुंची इसके बाद पक्ष और विपक्ष के पार्षद भी नगर निगम पहुंचने लगे. इसके बाद वरीय पदाधिकारियों की उपस्थिति में अविश्वास प्रस्ताव को लेकर चर्चा शुरू हुई. इस दौरान काफी गहमागहमी भी चली. लगभग 3 घंटे बैठक होने के बाद मतदान प्रक्रिया शुरू हुई. इस दौरान मेयर के पक्ष में सिर्फ 2 वोट पड़े और विपक्ष में 23 वोट पड़े. वही 4 मत अमान्य रहे. अविश्वास प्रस्ताव लाने वाले पार्षद काफी खुश नजर आये. पार्षदों ने कहा कि छपरा नगर निगम में काफी अनियमितता थी. जिससे तंग आकर पार्षदों ने मेयर प्रिया सिंह के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया था जो आज पास हो गया.

Chhapra: मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छपरा में जलापूर्ति योजना के प्रथम फेज के कार्य का लोकार्पण किया. इस योजना के तहत छपरा में हजारों परिवारों को 24 घंटे पानी की सप्लाई मुहैया कराई जाएगी. उद्घाटन को लेकर छपरा के पुलिस लाइन में बुडको द्वारा कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. जिसमें छपरा के डीएम, एसपी समेत कई गणमान्य लोग मौजूद थे.

61 करोड़ की लागत से छपरा में जलापूर्ति योजना के प्रथम फेज का कार्य संपन्न हुआ है. इसके तहत छपरा के श्याम चौक, गंडक कॉलोनी, पुलिस लाइन आदि स्थानों पर पानी का टंकी का निर्माण और पूरे शहर में पाइप लाइन बिछाने का काम चल रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के इस जलापूर्ति योजना के फर्स्ट फेज कार्य का उद्घाटन किया.

PM  ने अपने संबोधन में कहा कि शहरी क्षेत्र में बिहार के लाखों लोगों को शुद्ध पानी के कनेक्शन से जोड़ने का काम चल रहा है. अमृत योजना के तहत बिहार के 12 लाख परिवारों को शुद्ध पानी देने का लक्ष्य है. 6 लाख परिवारों को ये सुविधा मिल गई है.

उन्होंने कहा कि आज जिन चार परियोजनाओं का उद्घाटन हुआ है इससे शहरी गरीबों का जीवन आसान बनाने की दिशा में नई सुविधाएं मिली हैं. इस मौके पर छपरा में उद्घाटन कार्यक्रम में छपरा की मेयर प्रिया सिंह ज़ जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन, एसपी धूरत सायली, बीजेपी विधायक सीएन गुप्ता, बेजेपी जिलाध्यक्ष रामदयाल शर्मा, जदयू जिलाध्यक्ष अल्ताफ़ आलम राजू  समेत कई लोग मौजूद थे.

Chhapra: छपरा नगर निगम सभागार में मंगलवार को बोर्ड की बैठक का आयोजन किया गया. जिसकी अध्यक्षता मेयर प्रिया सिंह ने की. बैठक में सफाई का मुद्दा पार्षदों ने मुख्य रूप से उठाया. निगम पार्षदों नर शहर में सफाई व्यवस्था को पूरी तरह से लचर बताया और निगम अधिकारियों और सफाई कर्मियों पर व्यवस्था ध्वस्त करने का आरोप लगाया. निगम पार्षदों ने कहा कि छपरा शहर में साफ सफाई पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है न वार्ड में सफाई करने कोई आ रहा है और ना ही कचरे वाली गाड़ी वार्ड में कचरा उठाने आ रही है, वार्ड पार्षदों ने सिटी मैनेजर पर फोन नहीं उठाने का आरोप लगाया. वहीं वार्ड की पार्षद नीलू कुमारी ने कहा कि यदि वार्ड में सफाई व्यवस्था दुरुस्त नहीं हुई तो वह अनशन पर बैठ जाएंगी.

इस मौके पर सभी 45 वार्ड में निगम द्वारा कचरा उठाने के लिए ठेला देने की बात कही गई. वही 15 दिन में इसकी व्यवस्था करा दी जाएगी. बैठक में कई और फैसले लिए गए, इसके तहत शहर में नल जल योजना को जल्द पूरा करने, एलईडी लाइट लगाने, साफ सफाई के साथ-साथ कचरा उठाने के लिए छोटा जेसीबी मशीन खरीदने पर सहमति बनी. मेयर प्रिया सिंह ने बताया कि जो भी योजनाएं अधूरी है उन्हें पूरा करने का कार्य किया जा रहा है. निगम अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि शहर में बेहतर ढंग से काम करें और विकास की योजनाओं को जल्द से जल्द पूरा करे. मेयर ने कहा कि शौचालय योजना, आवास योजना सहित अन्य योजनाओं का चयन तेजी से हो तथा टैक्स कलेक्शन भी तेजी से किया जाए. इस मौके पर छपरा नगर निगम के तमाम पदाधिकारी समेत सशक्त स्थाई समिति के सदस्य मौजूद थे.


बागी पार्षदों ने बोर्ड की बैठक पर उठाए सवाल

छपरा नगर निगम के बागी पार्षदों ने मेयर के खिलाफ अभियान खोल दिया है, बोर्ड की बैठक को लेकर पार्षदों ने नगर आयुक्त को चिट्ठी लिखकर कहा है कि बोर्ड की बैठक बुलाना का कोई औचित्य नहीं है. पार्षदों ने लिखा है कि बीते 19 अगस्त को भी बोर्ड की बैठक बुलाई गई थी, फिर इतनी जल्दी बोर्ड की बैठक बुलाना समझ से परे है. पार्षदों ने कहा कि मेयर प्रिया सिंह ने अपना बहुमत खो दिया है, जिस पर मत की जुगाड़ में इतनी जल्दी-जल्दी बैठक बुलाई जा रही है. पार्षदों ने कहा कि पूर्व में इतने कम अंतराल में कभी बैठक नहीं बुलाई गई. बागी पार्षदों में मुख्य रुप से पूर्व डिप्टी मेयर अमितांजली सोनी, रंजना सिंह, अनिता देवी, विकास कुमार सैनी, मीरा देवी समेत कई पार्षद शामिल है.

Chhapra: छपरा शहर में कोरोनावायरस के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं. गुरुवार को आई रिपोर्ट में छपरा टाउन के तीन लोग कोरोना संक्रमित पाए गए हैं. जिसमें एक महिला भी शामिल है. छपरा के सिविल सर्जन ने बताया कि रूपगंज में 60 साल की महिला, उमा नगर में 25 साल का युवक और बड़ा तेलपा में 22 साल का युवक कोरोनावायरस से संक्रमित पाया गया है. यह सभी किसी ना किसी संक्रमित के संपर्क में आए थे.

सारण में मिले 7 नये मरीज 

इसी तरह सारण में गुरुवार को कुल 7 कोरोनावायरस संक्रमित मरीज मिले. जिसमें छपरा शहर में तीन और विभिन्न प्रखंडों में 4 मरीज मिले. इसमें दरियापुर में दो, गरखा में एक और सोनपुर के राहर दियारा में 9 साल की बच्ची में कोरोनावायरस संक्रमण की पुष्टि हुई है.

हालांकि सारण में रिकवरी रेट भी काफी बेहतर है. सारण में अब तक 6 लोगों की मौत हो चुकी है. हर रोज नए केस मिलते जा रहे हैं. सीएस ने बताया कि आईजीआईएमएस से तीन लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आया है. वही छपरा में हो रही जांच से चार रिपोर्ट पॉजिटिव आया है.

Chhapra: (Chhapra Nagar Nigam) छपरा नगर निगम ने शहर के विभिन्न चौक चौराहों व बाजारों में यूरिनल लगाना शुरू कर दिया है. मंगलवार को छपरा शहर के थाना चौक, एकता भवन समेत अन्य इलाकों में यूरिनल लगाया गया.

आपको बता दें कि छपरा शहर में मुख्य बाजारों में सड़क किनारे यूरिनल नहीं होने से लोगों को काफी समस्या होती थी. लेकिन अब नगर निगम ने शहर के 10 स्थानों को चिन्हित करके यूरिनल लगाने का काम शुरू कर दिया है. 2 से 3 दिनों में सभी स्थानों पर यूरिनल लगा दिया जायेगा.

60 हज़ार रुपये है कीमत

यूरिनल को लेकर छपरा नगर निगम की मेयर प्रिया सिंह ने बताया कि फिलहाल निगम ने 10 यूरिनल खरीदें हैं जो अलग-अलग जगहों पर लगाया जा रहा है. प्रत्येक यूरिनल की कीमत लगभग 60 हज़ार रुपये के आसपास की है. जिसमें 2 केबिन है एक पुरुष और एक महिला के लिए. सबसे ज्यादा समस्या बाजार आने वाली महिलाओं को होती थी. इसलिए महिलाओं को ध्यान में रखते हुए ऐसा यूरिनल दो केबिन वाला यूरिनल खरीदा गया है ताकि महिलाओं को बाजार जाने का दौरान कोई समस्या ना हो.

इसमें बुडको द्वारा वाटर सप्लाई दी जाएगी. साथ ही इसमें 250 लीटर की पानी टंकी भी मौजूद है. जिसमें 2 केबिन हैं. एक पुरुष के लिए और दूसरा महिलाओं के लिए.

मंगलवार को छपरा नगर निगम ने थाना चौक महिला थाना, एकता भवन, हथुआ मार्केट आदि जगहों पर फाउंडेशन बनाकर यूरिनल लगा दिया.

इन स्थानो पर लग रहा यूरिनल

वही नगर आयुक्त ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि हथुआ मार्केट में दो यूरिनल लगाना है. थाना चौक पर एक, महिला थाना में एक, एकता भवन के पास एक, दरोगा राय चौक पर एक, अस्पताल के पास एक, साहेबगंज में एक, योगिनियां कोठी समीप एक यूरिनल समेत शहर के दस अलग-अलग स्थानों पर या यूरिनल लगाया जाएगा. ताकि लोग सड़कों पर पेशाब ना करें और महिलाओं को बाजार आने में दौरान कोई समस्या ना हो.

3 साल बाद निगम ने लिया एक्शन

आपको बता दें कि छपरा नगर निगम क्षेत्र के किसी भी बाजार में यूरिनल और शौचालय की व्यवस्था नहीं थी. नगर निगम बनने के 3 साल बाद छपरा नगर निगम ने शहर में यूरिनल लगवाने का कार्य किया है. वहीं दूसरी तरफ शहर के विभिन्न स्थानों पर स्थित सामुदायिक शौचालयों की हालत बेहद खराब है. मेंटेनेंस के अभाव में यह सभी शौचालय जर्जर अभाव में है. वही निगम द्वारा कभी इनकी मरम्मत ही भी नहीं करायी जाती है. कई जगहों पर शौचालय में लोगों ने अतिक्रमण भी कर रखा है.

शहर में यूरिनल नहीं होने से हथुआ मार्केट से लेकर अन्य जगहों पर लोग सड़क पर पेशाब करते थे. जिस कारण गंदगी फैलती थी. यही नहीं बदबू से लोगों को आना जाना भी मुश्किल होता था लेकिन यूरिनल लगने के बाद यह सभी समस्याएं दूर होंगी साथ ही साथ निरंतर अंतराल पर नगर निगम द्वारा इसका मेंटेनेंस भी किया जाएगा.

Chhapra: जलजमाव व अन्य समस्याओं को लेकर नगर निगम की मेयर प्रिया सिंह ने अपने कार्यालय में स्टैंडिंग कमेटी की विशेष बैठक बुलाई. बैठक में मेयर ने डबल डेकर पुल निर्माण के दौरान गांधी चौक व अन्य इलाकों में हो रहे जलजमाव को लेकर पुल निर्माण निगम के कार्यपालक अभियंता से सवाल-जवाब किया. मेयर ने निर्देश दिया कि जल्द से जल्द पूरे इलाके के पानी को निकाला जाए और वापस इलाके में पानी ना लगे इसके लिए पुल निर्माण निगम उपाय करे.

इस पर कार्यपालक अभियंता ने कहा कि जल्द ही समर्सिबल लगाकर इलाके से पानी को निकाला जाएगा और भिखारी चौक की ओर से नाले का निर्माण शुरू हो चुका है. आपको बता दें कि डबल डेकर पुल निर्माण के कारण छपरा शहर के कई इलाके महीनों से जलमग्न हो गए हैं? जिसके बाद लोग काफी नाराज हो गए हैं. लोगों के सामने यह समस्या महीनों से थी. फिर लेकिन मेयर ने स्टैंडिंग कमेटी की बैठक बुलाकर इस समस्या का निदान करने के लिए पुल निर्माण निगम के कार्यपालक अभियंता को विशेष निर्देश दिया.

नालों की सफाई के लिए अलग से रखे जाएंगे 50 मज़दूर

स्टैंडिंग कमेटी की बैठक में शहर की समस्याओं को लेकर कई और निर्णय लिया गया. इसके तहत मेयर ने बताया कि शहर में नालों की सफाई के लिए अब 50 से अलग से मजदूर रखे जाएंगे ताकि कहीं भी पानी ना लगे. इसके लिए सिटी मैनेजर को विशेष निर्देश दिया गया है अलग से मजदूरों को रख कर जल्द से जल्द नालों की उड़ाही का कार्य किया जाय ताकी शहर वासियों की समस्या कम हो सके.

नालों को जोड़ने के लिए पूल-पुलिया का होगा निर्माण

इसके अलावे मेयर ने बताया कि छपरा शहर में मुख्य सड़कों पर जहां जहां जरूरत है. वहां पुल पुलिया का निर्माण होगा. इसके लिए निर्णय ले लिया गया है. भगवान बाजार से लेकर ब्रह्मपुर तक जहां जहां जरूरत होगी वहां पुल पुलिया का निर्माण किया जाएगा, ताकि नाले एक दूसरे से कनेक्ट हो सके. इस फैसले के बाद भगवान बाजार, गुदरी आदि इलाकों में पानी नहीं लगेगा.

खनुआ नाले के जीर्णोद्धार को लेकर हुई चर्चा

कमेटी की बैठक में खनुआ नाले के जीर्णोद्धार को लेकर चर्चा हुई. इस दौरान बुडको के अधिकारी भी मौजूद थे. निगम की ओर से निर्देश दिया गया कि सलुइस गेट की ओर से पानी निकाला जाए साथ ही साथ विशेश्वर सेमिनरी के पास भी डी वाटरिंग करायी जाय. ताकि इन इलाके के लोगों को जलजमो से मुक्ति मिले.

जल जल योजना जल्द पूरा करने का निर्देश

नल जल योजना को लेकर स्टैंडिंग कमिटी ने संबंधित पदाधिकारियों को सवाल जवाब किया. वही नल जल योजना में काम धीरे होने से मेयर ने नाराजगी जाहिर की. मेयर ने कहा कि जनवरी के बाद कहीं काम नजर नहीं आ रहा है. जिस पर संबंधित पदाधिकारी ने कहा कि 10 से 12 वार्डों में कार्य पूरा हो चुका है. पुनः कार्य शुरू कर के नल जल योजना के कार्य को पूरा कर लिया जाएगा.

वेंडरों व सफाईकर्मियों को मास्क व ग्लव्स का होगा वितरण

वही स्टैंडिंग कमेटी के निर्णय की जानकारी देते हुए वार्ड पार्षद उदय प्रताप सिंह ने बताया कि शहर में निगम द्वारा ग्लव्स व मास्क का वितरण किया जा रहा है. ठेले खोमचे व सब्जी बेचने वाले वेंडरों को निगम लगातार ग्लव्स व मास्क का वितरण कर रहा है। इसके अलावे निगम अपने सफाई कर्मियों को भी लगातार ग्लव्स व मास्क वितरण कर रहा है. ताकि किसी भी प्रकार से संक्रमण से बचाया जा सके.

समिति की बैठक में नगर निगम की मेयर प्रिया सिंह के साथ स्टैंडिंग कमेटी के सभी सदस्य, नगर आयुक्त, उप नगर आयुक्त ,पुल निर्माण निगम के अधिकारी, बुडको को के अभियंता समेत तमाम अधिकारी मौजूद थे.

Chhapra: नगर निगम क्षेत्र के वार्ड 38 के जलजमाव की समस्या को आपके छपरा टुडे डॉट कॉम पर प्रमुखता से प्रकाशित किये जाने के बाद स्थानीय विधायक डॉ सीo एनo गुप्ता एक्शन में दिख रहे है. जलजमाव की समस्या को लेकर स्थानीय विधायक ने गुरुवार को नगर निगम में नगर आयुक्त, पुल निर्माण के कार्यपालक अभियंता अरविन्द कुमार, बुडको के कार्यपालक अभियंता श्याम सुन्दर पंडित के साथ बैठक की. विधायक ने शहर के उन सभी जगहों का जिक्र किया जहाँ जलजमाव रहता है. साथ ही वार्ड 38 में अधिकारियों के साथ जाकर निरीक्षण भी किया. 

इसे भी पढ़ें: हादसों का हॉटस्पॉट बन गया है वार्ड 38 का जलजमाव, ना जनप्रतिनिधि सुनते है ना अधिकारी

शहर के जलजमाव वाले हिस्से को अविलम्ब जलजमाव से मुक्त करने का दिया निर्देश
इस दौरान विधायक ने अधिकारियों से कहा की आप लोगों ने एक दूसरे पर दोषारोपण करके शहर को नरक बना दिया है. शहर की उन्नति के लिए अगर बुडको और पुल निर्माण निगम कार्य करवा रहा है तो जहाँ जहाँ काम से रुकावट आकर नाला जाम हो रहा है उसको क्यों छोड़ दिया जा रहा है? इस पर सभी विभाग मिलकर काम क्यों नहीं कर रहा? विधायक ने कहा की पुलिस लाइन हो, गुदरी बाज़ार,थाना रोड, दलदली बाज़ार आखिर वहां के लोगों को जलजमाव से मुक्ति दिलाने का प्रयत्न क्यों नहीं हो रहा है. शहर के हर इलाके में यही समस्या है.

खनुवा नाला निर्माण कार्य में तेजी लाने का निर्देश भी विधायक ने दिया. पुल निर्माण के अभियंता को निर्देशित करते हुए विधायक ने कहा की आपके काम से जहाँ भी नाला का मार्ग अवरुद्ध हो रहा है अपने कर्मियों से उसको अविलंब उसी समय ठीक कराये ताकि लोगों को अपने ही घर से निकलने में जलजमाव कारण न बने.

नगर निगम से पूछा क्या इसके जिम्मेदार जनप्रतिनिधि है?
विधायक ने स्पष्ट निर्देश देते हुए अधिकारियों को कहा की जलजमाव की समस्या के लिए लोग सीधे जनप्रतिनिधि, विधायक सांसद को दोषी मानते है जो आप सभी के लचर कार्य का नतीजा है, जो अब बर्दास्त नहीं किया जाएगा. अतः आपसी तालमेल से विभाग कार्य करें और जनसुविधा पर ध्यान दे.

इसके बाद विधायक, नगर आयुक्त और पुल निर्माण कंपनी के अधिकारियों के साथ पुलिस लाइन के पास वार्ड 38 पहुंचे और निरीक्षण कर  समस्या का समाधान शीघ्र निकालने का निर्देश दिया. इस दौरान स्थानीय लोगों ने अपनी समस्याओं से विधायक को रूबरू कराया.

एक वर्ष पहले भी विधायक ने किया था वार्ड 38 का निरीक्षण
आपको बता दें कि इस क्षेत्र में पिछले एक वर्ष से जलजमाव की समस्या है. पिछले वर्ष भी विधायक के द्वारा इस क्षेत्र का निरीक्षण किया गया था और जल्द निराकरण का आश्वासन दिया गया था. इस वर्ष बरसात के पहले ही जलजमाव से लोगों का जीना मुहाल है ऐसे में जल्द कदम नहीं उठाये गए तो मानसून के आते ही स्थिति और भयावह हो जाएगी.

Chhapra: शहर के गांधी चौक के समीप छोटा तेलपा जाने वाली सड़क इन दिनों हादसों का हॉटस्पॉट बनकर उभरी है. जलजमाव के कारण प्रतिदिन इस तीन मुहाने पर दर्जनों साईकल, बाइक, रिक्शा चालक, ऑटो इस स्पॉट पर आकर फंसते है और पलट जाते है. जलजमाव के कारण पानी का अंदाजा लगाना बेहद मुश्किल है और ऐसे में दुर्घटनाएं हो रही है.

इसे भी पढ़ें: विधायक कोष से बन रही सड़क 5 महीनों से अधर में है लटकी, जलजमाव से जूझ रहे मुहल्लावासी

आसपास के लोग किसी तरह मुसीबत में फंसे वाहन चालकों की मदद करते है और खुद के यहाँ रहने पर अफसोस कर रहे है. हालांकि जलजमाव की समस्या से कभी कभार निजात मिल जाती है. लेकिन पिछले एक वर्ष से यह स्थिति बनी है. सिर्फ यही नही इस मुख्य सड़क के अंदर गलियों का भी यही हाल है. वाहन तो नही लेकिन इस वार्ड के निवासी घुटने भर नाले के गंदे पानी में चलकर अपने घर जाने को विवश है.

छपरा नगर निगम द्वारा प्रतिदिन लाखों रुपये सफाई के नाम पर खर्च करने की क़वायद यहां से कोसों दूर है. हालात यह है कि अब इस रास्ते से ना वार्ड पार्षद जाती है, ना मेयर और ना ही विधायक और सांसद. बाकी प्रशासनिक पदाधिकारियों ने तो इधर नज़र दौड़ाना भी बंद कर दिया है. कभी कभार सफाई वाले आते है तो जलजमाव की गंभीर स्थिति देखकर कुछ घंटे के प्रयास के बाद वह भी चले जाते है. जनता का अपना घर है सो इस सड़क से जाना उनकी मजबूरी है.

क्या है जलजमाव का कारण
वार्ड 38 के इस क्षेत्र में जलजमाव की स्थिति पहले नही थी. डबल डेकर ब्रिज के निर्माण के कारण कई स्थानों पर नाला क्षतिग्रस्त हो गया. एक ओर से दूसरे ओर पानी निकलने का रास्ता बंद होने से निचले इलाकों में पानी जमा हो गया. लोकमान्य उच्च विद्यालय के मैदान में क्षेत्र का पानी पहले से भरा हुआ है. मुक्कल व्यवस्था नही होने के कारण घरों से निकलने वाला पानी और बरसात का पानी दोनों ने अपना रास्ता खुद बना लिया और निचले इलाकों, सड़को पर रुक गयीं. हालांकि कई बार नगर निगम द्वारा जलजमाव हटाने का प्रयास किया गया लेकिन उचित सफाई नही होने से यह स्थिति जस की तस है.

कमर भर पानी में रहने को विवश है मोहल्लावासी

क्या कहते है मुहल्लावासी
मुहल्लावासियों का कहना है कि प्रतिदिन इस सड़क पर दर्जनों वाहन पलट जाते है. जिससे वाहन और यात्री दोनों को निकाला जाता है. जलजमाव के कारण रास्ता स्पष्ट नही दिखता. जिससे नाले के अंदर स्लैब से इधर उधर दुर्घटना हो जाती है. किसी ना किसी दिन बड़ी घटना घट सकती है तभी प्रशासन की नींद खुलेगी.

उनका कहना है कि नगर निगम साफ सफाई के नाम पर खाना पूर्ति कर चला जाता है. अगर वह नालियों से कचड़ा निकाल ले और समय समय पर सफाई करें तो जलजमाव समाप्त हो जाएगा.

मुहल्लावासियों की नाराज़गी जनप्रतिनिधियों से है. उनका कहना है कि जनप्रतिनिधि सिर्फ वोट मांगने आते है. जलजमाव और वाहनों के पलटने की जानकारी कई बार विधायक और मेयर से कही गयी. लेकिन किसी ने पहल नही की. ब्रिज निर्माण के कारण रास्ता बंद है सो इस रास्ते से अब वह गुजरते भी नही है. वही प्रशासन ने भी इस ओर आना बंद कर दिया है. लोगो का कहना है कि उन्हें चुनाव का इन्तजार है जिससे कि नेता उनके पास आये.

बहरहाल बारिश का मौसम शुरू है और ऐसे में छपरा के लगभग सभी इलाकों में जलजमाव की स्थिति आम बात है. सफाई के नाम पर लाखों रुपये प्रतिदिन खर्च करने वाले नगर निगम द्वारा ना नियमित रूप से डोर टू डोर कचड़ा लिया जा रहा है और ना ही बरसात को देखते हुए चिन्हित स्थानों की सफाई की जा रही है. जिससे कि आमजनता को परेशानियों का सामना न करना पड़े.

Chhapra: कोरोना वायरस को लेकर पूरे देश में लॉक डाउन है. इस दौरान केंद्र और राज्य सरकार साफ सफाई पर ज्यादा जोर दे रही है. शहर से लेकर गांव तक सैनिटाइजर का छिड़काव किया जा रहा है. जिससे की इस बीमारी के प्रसार को रोका जा सके.

छपरा नगर निगम ने भी शहरी क्षेत्र के 45 वार्डों में सैनिटाइजर का छिड़काव दूसरे चरण के लॉक डाउन से प्रारंभ किया है. नगर निगम आयुक्त के अनुसार रोस्टर के अनुरूप शहर में सैनिटाइजर का छिड़काव कराया जा रहा है. हालांकि यह कार्य वही किया जाएगा जहां उनका वाहन जा सकता है.

एक घंटे में 326 लोगों ने फेसबुक पर रखी अपनी बात

शहर में सैनिटाइजर छिड़काव को लेकर छपरा टुडे द्वारा अपने फेसबुक पेज के माध्यम से शहर के मोहल्ले में किए जा रहे सैनिटाइजर छिड़काव की जानकारी ली गई. इस पोस्ट के 1 घंटे के अंतराल में कुल 326 फेसबुक यूजर ने अपने कमेंट दिए. यूजर ने कॉमेट में अपने मोहल्ले, वार्ड के नाम के साथ अपना उत्तर दिया. जो चौकाने वाला है. खबर लगाये जाने तक 914 लोगों के कमेंट हमें मिले है.   

इन वार्ड के लोगों ने किये कमेंट

शहर में कुल 45 वार्डोमें से करीब 30 वार्ड में रहने वाले लोगों के साथ अन्य लोगों ने अपनी राय दी. जिसमे वार्ड 1, 2, 3, 4, 5, 7, 9, 10, 11, 12, 13, 14, 15, 16, 17, 18, 20, 22, 23, 25, 26, 27, 32, 34, 37, 38, 40, 41, 43, 45 में रहने वाले लोग शामिल है. लगभग 95% लोगों ने यह कहा कि उनके मोहल्ले में सेनेटाइजर के छिड़काव का कार्य नहीं हुआ है.वहीं कुछ लोगों ने यह भी कहा कि छिड़काव हुआ है. हालांकि इससे यह प्रमाणित नहीं होता कि नगर निगम ने छिड़काव नहीं किया है. आम लोगों का यह भी कहना है कि शहर के कई वार्डों में सफाई कार्य भी नहीं चल रहा है. 

2 लाख से अधिक की आबादी, करीब डेढ़ लाख लोगों का घर संकीर्ण गलियों में

वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार छपरा नगर निगम के 45 वार्डों में 2 लाख से अधिक लोग रहते हैं. 9 वर्ष बीत जाने के बाद नगर निगम क्षेत्र में एक अनुमान के मुताबिक जनसँख्या में 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. छपरा पुराना शहर है, जिसके वार्ड एक ब्रह्मपुर से लेकर वार्ड 45 रौजा तक अगर मुख्य मार्ग को छोड़ दें तो लगभग सभी सड़कें संकीर्ण और तंग गलियां ही हैं. नगर निगम का यह कहना कि सैनिटाइजिंग का काम वही होगा जहां गाड़ी जा सकती है. ऐसे में करीब डेढ़ लाख की आबादी जो खासकर शहरी क्षेत्र के उन गलियों में बसती है वहाँ रहने वाली बड़ी आबादी, वह गालियां इस कार्य से वंचित रहेगी. 

एक गाड़ी और दो कर्मी के सहारे छिड़काव

एक गाड़ी और दो कर्मी शहर पूरे शहर को सैनेटाइज करने में जुटे हैं. वाहन के अंदर से ही बाहर की सड़कों पर फुहारे लगाते हुए सरपट गाड़ी दौड़ रही है. लगता है मानों शहरवासियों की सुरक्षा के नाम पर सिर्फ कोरम पूरा किया जा रहा हो. हालांकि इस पर भी निगम कर्मियों की अपनी प्रतिक्रिया है. नगर निगम के कर्मी यह कह रहे है कि सिर्फ सड़कों पर छिड़काव किया जा रहा है. इसे भी पढ़ें: अंततः नगर निगम की खुली नींद, शुरू हुआ सेनेटाइजिंग का काम

उधर कुछ एक वार्ड पार्षद का कहना है कि मुख्य मार्ग पर छिड़काव के बाद नगर निगम के कर्मियों द्वारा गलियों में भी छिड़काव की योजना बन रही है. इसे भी पढ़ें: शहरवासियों ने पूछा आख़िर कब होगा शहर सैनेटाइज, नगर निगम सिर्फ फॉगिग से भगा रहा कोरोना

बहरहाल कोरोना वायरस को लेकर 3 मई तक लॉक डाउन है. पहले चरण में 21 दिन के लॉक डाउन में नगर निगम ने सिर्फ ब्लीचिंग पाउडर एवं एंटी लार्वा का छिड़काव कर शहरवासियों की कोरोना वायरस से सुरक्षा की. वही दूसरे चरण के 19 दिन के लॉक डाउन में सिर्फ वाहन जाने वाली सड़कों पर सरपट वाहनों को दौड़ाकर कर एक बार फिर से लोगों की सुरक्षा कर रही है.

Chhapra: कोरोना वायरस को लेकर सभी पिछले 12 दिनों से लॉक डाऊन का पालन करते हुए अपने घरों में है. प्रशासन द्वारा जारी निर्देशो के अनुरूप अपने अपने घरों की साफ सफाई में ध्यान दे रहे है. लेकिन घर के बाहर की स्थिति को लेकर उन्हें अब अपने स्वास्थ्य की चिंता सता रही है.

खासकर अब जब जिले में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज का जानकारी लोगों को मिली है, तब यह चिंता और बढ़ गयी है. कोरोना वायरस संक्रमण का पहला मरीज जिले में मिलने के बाद जिले के छोटे छोटे प्रखंडों को सैनेटाइज करने का काम स्थानीय सरकारी कार्यालयों द्वारा प्रारंभ कर दिया गया है लेकिन छपरा नगर निगम सिर्फ फॉगिग से ही कोरोना वायरस भगाने के प्रयास में है.

रिविलगंज नगर पंचायत, मढ़ौरा नगर पंचायत और इसुआपुर, बनियापुर के पंचायतों में भी सैनेटाइज करने का काम शुरू हो चुका है. लेकिन छपरा नगर निगम इस बात पर चिर निद्रा में सोई है.

शहर के लोगों का कहना है कि नगर निगम बनने के बाद सफाई के नाम पर एक वर्ष में करोड़ों रुपये खर्च किये जाते है. लेकिन वर्तमान परिस्थिति में इस वैश्विक महामारी के रोकथाम को लेकर कोई योजना फिलहाल नही दिखती है.

नगर निगम द्वारा जिलाधिकारी के निर्देश पर फॉगिग कराई लेकिन वह सिर्फ दिखाने के लिए कुछ मिनटों में पूरे वार्ड में फॉगिग का कार्य समाप्त हो जा रहा है. घरों में फोगिंग नहीं हो रही है. गाड़ी आती है और तेजी से निकल जाती है.  लोगों का कहना है कि उसमें भी केमिकल की बजाय किरोसिन तेल की स्मैल ज्यादा आती है. एक बार के बाद फॉगिग का कार्य भी नही हुआ. खासकर गलियों की स्थिति और बद्दतर है जहां ना सफाई होती है ना ही फॉगिग.

शहर को सैनेटाइज करने के सवाल पर नगर निगम के कर्मियों का कहना है कि नगर निगम द्वारा शहर की सफाई कराई जा रही है. सभी वार्डो में मच्छरों से बचाव को लेकर एन्टी लार्वा का छिड़काव कराया गया है. साथ ही ब्लीचिंग पाउडर का भी छिड़काव कराया गया है. हालांकि ये कार्य कहा हो रहे है यह नगर निगम के पदाधिकारी ही बता पाएंगे क्योंकि आम लोग तो अभी भी अपने शहर के सैनेटाइज करनी की मांग करते नजर आ रहे है.  

बहरहाल कोरोना महामारी ने सारण में दस्तक दी है. अभी स्थिति सामान्य है. जिला प्रशासन की मुस्तैदी निश्चित तौर ओर इस महामारी पर विराम चिन्ह लगाएगी. लेकिन नगर निगम की स्थिलता आम जनता को अपनी सुरक्षा के प्रति चिंता करने पर विवश कर रही है.

Chhapra: शहर के तीन स्थानों पर वेंडिंग जोन निर्माण की स्वीकृति मिली है. इसके लिए 1 करोड़ 34 लाख की राशि स्वीकृत की गयी है.

शहर में फुटपाथ और ठेला विक्रेताओं के यत्र तत्र दूकान लगाने से जहां एक ओर यातायात संचालन में असुविध होती थी वहीं दूसरी ओर इससे शहर की छवि पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता था.

इसे भी पढ़ें : जहानाबाद से गिरफ्तार हुआ भड़काऊ बयान का आरोपी शरजील इमाम

जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने अपने पदस्थापन के बाद से ही इसे एक चुनौती के रूप में लिया तथा छपरा शहर के विभिन्न स्थानों पर वेंडिंग जोन बनाने के लिये कार्रवाई प्रारंभ किया. सर्वप्रथम इसका डीपीआर तैयार करा कर संबंधित विभागों से अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त किया गया एवं विभाग में भेजे गए प्रस्ताव को जिलाधिकारी के स्तर से लगातार एक वर्ष तक बात-चीत के बाद नगर विकास एवं आवास विभाग ने छपरा शहर के तीन स्थानों पर भिखारी ठाकुर चौक के दोनों ओर कुल लागत 39,74,400 रूपया, राजेन्द्र सरोवर के दक्षिण में सड़क के किनारे कुल लागत 54,47,300 रूपया और राजेन्द्र सरोवर के दक्षिण दीवाल से सटे कुल लागत 39,79,400 रूपया की लागत से वेंडिंग जोन निर्माण की स्वीकृति प्रदान की है.

विभाग ने इस योजना के क्रियान्वयन हेतु प्राक्कलित राशि का 50 प्रतिशत छपरा नगर निगम को उपलब्ध करा दिया है. कार्यपालक अभियन्ता, वुडको को अविलंब निविदा का निष्पादन कर कार्य प्रारंभ करने हेतु आवश्यक निदेश दिया गया है. इस कार्य के 15 फरवरी के बाद कार्य प्रारंभ होने की सम्भावना है. अगले 2 से 3 माह में तीन सुसज्जित वेंडिंग जोन शहर को मिल जायेगा.

जिलाधिकारी ने बताया कि वेंडिंग जोन बन जाने से जहां एक ओर फुटपाथ, ठेला विक्रताओं को सुविधा होगी. वहीं दूसरी ओर शहर के यातायात और साफ-साई सुचारू रूप से कराई जा सकेगी.

Chhapra: शहर के काशी बाज़ार में जलजमाव और नाली की सफाई नहीं होने की शिकायत बिहार प्रदेश जदयू नेता डॉ विशाल सिंह राठौर द्वारा लोक शिकायत निवारण में मामला दर्ज कराया गया था. जिसके आलोक में अपर समाहर्ता लोक शिकायत निवारण ने सुनवाई करते हुए नगर निगम के पदाधिकारी और कर्मचारियों को आदेश दिया है कि 4 अक्तूबर को सफाई कराकर समस्या का निराकरण करें.

MUST READ: पिछले 5 दिनों से गरखा में BSNL मोबाइल सेवा ठप

इसे लेकर डॉ विशाल सिंह राठौर ने बताया कि स्थानीय काशी बाजार में विगत 10 वर्षो से नाला की सफाई नही करायी गयी है. जिसको लेकर मामला दायर किया गया था. जिसमे अतिशीघ्र नालो की सफाई नही होने पर बारिश के मौसम में हज़ारों घरों में पानी घुस जाने की बात कही गयी थी. जिससे दशहरा पूजा में आम जनमानस को परेशानी होगी. बावजूद इसके नगर आयुक्त द्वारा इस पर कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया.

ज़िलाधिकारी सारण के निर्देश पर अपर समाहर्ता लोक शिकायत निवारण ने नगर निगम के पदाधिकारी और कर्मचारियों को 4 अक्तूबर को वस्तु स्थिति को समझने और निराकरण करने का आदेश दिया है. इस मामले की अगली सुनवाई 16 अक्तूबर को होगी.

इसे भी पढ़ें : प्रभुनाथ नगर हाउसिंग कॉलोनी में युवक का शव बरामद, पुलिस जांच में जुटी

A valid URL was not provided.