देश की आजादी में सारण की महत्वपूर्ण भूमिका रही है. कलम और बन्दूक दोनों के परस्पर सहभागिता ने आजाद भारत की नीव रखी. सारण की धरती पर एक ऐसे ही युगपुरुष का जन्म हुआ जिन्होंने अपनी लेखनी और बुद्धिमता के बल पर अंग्रेजों को नाको चने चबाने पर मजबूर कर दिया.READ MORE CLICK HERE