सारण में बनेगी ऐसी फोरलेन सड़क जिसपर उतर सकेगा लड़ाकू विमान, 2023 से शुरुआत होकर 2 वर्षो में होगी पूर्ण, भूमिअधिग्रहण कार्य की सांसद ने की समीक्षा

छपरा: पूर्व केंद्रीय मंत्री और सारण लोकसभा क्षेत्र के सांसद राजीव प्रताप रुडी अपने क्षेत्र में जनहित की परियोजनाओं को शीघ्र पूरा कराकर जनता को उसका लाभ दिलाने का प्रयास किया जा रहा है. इसी क्रम में रुडी ने 2200 करोड़ की लागत से बाकरपुर-डुमरियाघाट फोर लेन ग्रीनफिल्ड परियोजना पर जिले के पाँच अंचलों के अंचलाधिकारियों के साथ विशेष बैठक की.

सारण में हुई इस बैठक में अमनौर विधायक मंटू सिंह, अमनौर के अंचलाधिकारी मृत्युंजय कुमार, मकेर के चंद्रशेखर कुमार, परसा के अखिलेश चौधरी, दरियापुर के अनिल कुमार चौबे और तरैया की अंचलाधिकारी अनू गुप्ता शामिल हुई.

बैठक में सांसद ने भूमि अधिग्रहण के कार्य में गति लाने और इसे शीघ्र पूरा करने की बात कही. इस संदर्भ में सांसद ने कहा कि कार्य की गति को देखते हुए यह उम्मीद की जाती है कि यह परियोजना अगस्त माह तक निविदा की प्रक्रिया में आ जायेगी और वर्ष 2023 की शुरूआत में ही निर्माण कार्य आरंभ हो जायेगा.

सांसद रुडी के प्रयास से भारतमाला परियोजना का हिस्सा बनी इस परियोजना के तहत बाकरपुर- डुमरियाघाट फोर लेन हाईवे के निर्माण मे भूअर्जन के लिए गजट का प्रकाशन पहले ही हो चुका है. सारण जिले के मशरख, पानापुर, तरैया, अमनौर, मकेर, परसा, दरियापुर के साथ गोपालगंज जिला के सिधवलिया, बैकुंठपुर तालुका के लिए गजट का प्रकाशन किया गया है और सारण जिला के 88 व गोपालगंज के 30 गाँवों में भूमि अधिग्रहण का कार्य चल रहा है.

इस संदर्भ में सांसद रुडी ने बताया कि यह हाईवे एक्सेस कंट्रोल हाईवे होगा, जहां लड़ाकू विमान भी उतारा जा सकेगा. उन्होंने कहा कि इस राजमार्ग के बनने से यात्रा के समय में काफी कमी आएगी और गति सीमा 120 किलोमीटर प्रति घंटा होगी.

उन्होंने बताया कि इसका निर्माण दो वर्ष में पूरा किया जायेगा जिससे सारण प्रमंडल को एक नई कनेक्टिविटी मिलेगी और राज्य के सबसे सुदूरवर्ती इलाके के लोगों को सुविधा हो जाएगी और जिससे व्यापारिक दृष्टिकोण से भी इसकी महत्ता बढ़ जाएगी.

Chhapra: जिले के मरहौरा स्टेशन रोड में बाढ़ के पानी से क्षतिग्रस्त रोड के कारण सीमेंट लदा ट्रक पलट गया. ट्रक पलटने के कारण घर के बाहर सोए दादी और पोते की जान बाल बाल बची.घटना के बाद चालक फरार है.

इस संबंध में मरहौरा स्टेशन रोड निवासी साह ने बताया कि सुबह करीब 4 बजे सीमेंट लदा ट्रक गुजर रहा था. जो अनियंत्रित होकर पलट गया. इस घटना में घर के दरवाजे पर सोई उनकी माँ और बेटे की जान बाल बाल बच गयी.

उन्होंने बताया कि बाढ़ के पानी के कारण सड़क क्षतिग्रस्त हो गयी है. ओवरलोड होने के कारण अचानक ट्रक पलट गया जो बिछाई गई खाट से एक फिट के अंतर पर पलटा.

श्री साह का कहना है कि चालक फरार है लेकिन ट्रक मालिक द्वारा धमकी दी जा रही है साथ ही सीमेंट की चोरी का आरोप लगाने की बात कही जा रही है.

Chhapra: शहर की सभी सड़कें सोमवार को जाम से कराहती नजर आई. भगवान बाजार से लेकर थाना चौक रोड सहित अन्य सड़कों पर भी वाहने जस की तस पड़ी रही वही यातायात व्यवस्था को प्रतिनियुक्त पुलिस बल सड़कों से नदारद दिखे.

सोमवार को दिन चढ़ने के साथ ही दोपहर 12 बजे अचानक सड़कों पर जाम की स्थिति बन गयी. भगवान बाजार, दारोगा राय चौक, अस्पताल चौक, मलखाना चौक सहित थाना चौक रोड तक वाहनों की कतारें लगी रही.

सड़कों पर अनाधिकृत रूप से अतिक्रमण और अवैध वाहन पार्किंग से उत्पन्न जाम की स्थिति धीरे धीरे बढ़ती गयी. आगे बढ़ने और पहले निकलने के चक्कर मे दोपहिया, तीनपहिया और चार पहिया वाहनों की दो से तीन लाइन एक तरफ से लग गयी. वही बाइक वाले जहां जगह मिला वहां से निकलते गए और जाम लगता गया.

आलम यह था कि गलियों में भी ऑटो और बाइक वालो के कारण जाम लग गया. स्थिति इतनी बद्दतर थी कि पैदल चलने तक की जगह नही दिख रही थी. वही दारोगा राय चौक पर एक भी पुलिस बल नही था जो यातायात व्यवस्था को सुचारू कर सकें.

धूप और गर्मी से लोग सड़कों पर पसीने से लथपथ थे. इसी बीच मलखाना चौक के समीप गर्मी के कारण एक वृद्ध मरीज को रिक्शे से नीचे उतारकर सड़क पर लिटाया गया था. इलाज के लिए मरीज तड़प रहा था और परिवार वाले जाम हटाने के प्रयास में थे.

वही सदर अस्पताल से निकल रहा एम्बुलेंस भी इस जाम में फंसा दिखा. जिसे आस पास के लोगों द्वारा किसी तरह रास्ता निकालकर आगे बढ़ाया गया. हालांकि इस जाम लगने के आधे घंटे बाद भगवान पुलिस दारोगा राय चौक पहुंची और यातायात व्वयस्था शुरू करने की पहल की. लेकिन जाम की भयावहता के कारण उन्हें भी काफी मेहनत करनी पड़ी.

सड़को के किनारे लगे ठेले और खोमचे वालो पर लाठियां भी गिरी. काफी देर बाद गाड़ियों की कतार बढ़ने लगी तो लोगों ने राहत की सांस ली.

Chhapra: अगर आप छपरा शहर की सड़कों पर चल रहे हैं तो आप अपने साथ पानी का बोतल जरूर रखें, जिससे कि प्यास लगने के दौरान आपकी प्यास बुझ सकें. खासकर यह जिम्मेवारी तब और बढ़ जाती है जब आपके साथ कोई छोटा बच्चा या फिर बुजुर्ग साथ मे हो. क्योकि छपरा शहर के किसी भी सड़क और आपको पानी के लिए चापाकल नही मिलेगा. अगर आपको कही चापाकल दिख भी गया तो उसमें से पानी नही निकलता है. हालांकि यह बात सिर्फ गर्मी के दिनों की नही है जाड़े और बरसात के दिनों में भी यह समस्या बनी होती है. लेकिन इस गंभीर समस्या पर ना तो नगर निगम और ना ही जिला प्रशासन कुछ कर रहा है. बीते दिनों नगर निगम द्वारा गर्मी के कारण पेयजल की आवश्यकता को देखते हुए शहर के चिन्हित 2 से 4 स्थानों पर मटका रखकर लोगो को पानी पिलाया जा रहा था, लेकिन यह हिंदी के उस कहावत के अनुसार थी कि ‘ऊँट के मुँह में जीरा के फोरन’ अब यह मटका पेयजल स्टॉल भी दिखाई नही दे रहा है. जनता प्यास और गर्मी से त्रस्त है और पदाधिकारी तथा नेता एसी और आरओ का पानी पीने में मस्त है.

भिखारी चौक…

छपरा शहर के मुख्य मार्ग के किनारों और चौक चौराहों पर पेयजल की समस्या आम बात है. शहर के पूर्वी छोड़ भिखारी ठाकुर चौक से शहर की शुरुआत होती है. शहर और ग्रामीण क्षेत्र का मिलाजुला परिवेश होने के कारण सड़क के किनारे और घर तथा दुकानों के सामने चापाकल मिल जाएगा जहाँ से आपकी प्यास बुझ जाएगी. लेकिन यह समस्या गांधी चौक से शुरू होती है.

गांधी चौक…एक

गांधी चौक पर सरकारी चापाकल देखने को तो मिलेगा लेकिन पानी शायद ही मिल जाये. इस चौराहें पर दिघवारा, डोरीगंज, भेल्दी, मकेर और गरखा जाने के लिए वाहन स्टैंड है जो अवैध है. लोगों की भीड़ और स्टैंड होने के कारण खाने पीने की दुकानों की संख्या ज्यादा है और सभी जगह दुकानों में चापाकल है जो आनेजाने वाले लोगो की प्यास बुझाते है. शाम होते ही दुकाने बंद और साथ साथ मिलने वाले पानी की व्यवस्था भी बंद. लेकिन सरकारी स्तर पर यहाँ ऐसा कुछ नही है जिससे कि इस रास्ते से होकर गुजरने वाले को चापाकल दिखे और वह अपनी प्यास बुझा ले.

मेवा लाल चौक…शून्य

यहाँ से यातायात व्यस्था के लिए एकल मार्ग शुरू होता है. मुमकिन है कि लोग भी अपनी सुविधा के लिए गाड़ी छोड़ पैदल यात्रा शुरू करते है. चौक संकीर्ण है बावजूद इसके यहाँ तीनों दिशाओं में कही भी एक चापाकल नही है. जिससे कोई पानी की जरूरत की पूरा करे. यहाँ तक कि इस चौक पर ड्यूटी करने वाले पुलिस कर्मियों को भी इस गर्मी में किसी दुकान से ही पानी मिलने की उम्मीद बनी रहती है. अगर दुकाने बंद रही तो किसी ना किसी घर से ही पानी को मांगकर अपनी प्यास बुझानी पड़ेगी.

मौना चौक…एक

मौना चौक शहर का व्यवसायिक केंद्र जहाँ पूरे दिन करोड़ो का कारोबार होता है. फल, सब्जी, मसाला और न जाने कितनी ऐसी चीजें जो यहाँ खरीदी और बेची जाती है. पूरे जिले से लोग खुदरा और थोक खरीददारी के लिये यहाँ पहुंचते है. लेकिन पानी का जरूरत सिर्फ एक चापाकल से पूरी होती है. चापाकल सरकारी जरूर है लेकिन इसकी देखभाल स्थानीय लोग अपने पैसे के सहयोग से करते है. यही कारण है कि इस पूरे बाजार में जहाँ सुबह 5 बजे से लेकर रात के बारह बजे तक लोग आते जाते है यह एक अकेला चापाकल लोगो की प्यास बुझाता है.

सलेमपुर चौक…एक

सलेमपुर चौक को मुख्य रूप से लोग कोर्ट कचहरी जाने के लिए प्रयोग करते है. भीड़ भी ज्यादा है. एक सरकारी चापाकल है जिससे कभी पानी निकलता है तो कभी नही.

नगरपालिका चौक…एक चापाकल

नगरपालिका चौक शासन प्रशासन का केंद्र स्थल यानी कि पूरा प्रशासनिक महकमा ही इस चौक के इर्द गिर्द दिखता है. नगर निगम कार्यालय भी इसी चौक पर है. प्रतिदिन इस चौक से होकर हजारों लोग आनाजाना करते है.धरना प्रदर्शन और राजनीतिक चर्चा भी इसी चौराहे पर होती है लेकिन सबो के बीच एक चापाकल ही लोगों की प्यास बुझाता है.

थाना चौक…शून्य

शहर का केंद्र बिंदु, नगर थाना, महिला थाना, कंट्रोल रूम, आयुक्त कार्यालय, पुलिस उपमहानिरीक्षक कार्यालय सब इसी चौक पर है. शहर का मुख्य मार्केट हथुआ मार्केट भी यही है लेकिन चापाकल की संख्या यहाँ एक भी नही है. चारों दिशाओं में किसी भी सड़क पर कई मीटर दूर तक यहाँ एक चापाकल नही है जिससे लोग अपनी प्यास बुझा सकें.

साहेबगंज चौक…शून्य

शहर का व्यवसायिक हब साहेबगंज चौक जो कपड़ो के मार्केट के रूप में जाना जाता है.थोड़ी दूर पर सोनारपट्टी भी है जिसके कारण यह खास केंद्र है.सरकारी स्तर पर यहाँ एक भी चापाकल नही है. यहाँ के मंदिर के बगल में एक चापाकल सरकारी है भी तो वह खराब अवस्था मे होने के कारण लोगो ने वहाँ अपनी दुकानें लगा दी.

साढा ढाला चौक… शून्य

ग्रामीण क्षेत्रों से आनेजाने की लिए एक मात्र चौक लेकिन सरकारी चापाकल की संख्या शून्य. यहाँ आने वाले लोगों की प्यास मिठाई दुकान के आगे लगे चापाकल से बुझती है.

योगिनियां कोठी चौक… शून्य

रेल ओवर ब्रिज बनने के बाद यह चौक शहर के लिए एक लाइफ लाइन की तरह काम करता है. ग्रामीण क्षेत्रों और बायपास सड़क से शहर में आने के लिए इसी चौक से गुजरना होता है. चौक पर मंदिर और मंदिर के बगल में एक चापाकल यही एक चापाकल लोगो की उम्मीद है जिससे उनकी प्यास बुझती है.

अस्पताल चौक और दारोगा राय चौक… शून्य

अस्पताल चौक पर भी सरकारी चापाकल की संख्या शून्य है. यहाँ से गुजरने वाले लोग या तो अस्पताल में लगे एक चापाकल या फिर पीर बाबा के मजार से ही पीने का पानी ले सकते है. दरोगा राय चौक की भी स्थिति यही है यहाँ भी सरकारी चापाकल नही है. इस चौक से पुराने पोस्टमार्टम घर जाने वाली सड़क में एक चापाकल है जो इस चौक पर बने नर्सिंग होम में ईलाज कराने आने वाले लोगो की प्यास बुझाता है.

प्रतिवर्ष लाखों खर्च के बाद भी नही हुई मुक्कमल व्यवस्था

शहर में पेयजल आपूर्ति के नाम पर प्रतिवर्ष नगर निगम द्वारा लाखों रुपये का खर्च किया जाता है. भीषण गर्मी को देखते हुए हाल ही में जिलाधिकारी ने सभी सरकारी चापाकल की मरम्मती और प्रत्येक वार्ड में चापाकल लगाने का निर्देश दिया था लेकिन यह निर्देश शायद फ़ाइल तक ही सीमित रह गया. शहर के मुख्य सड़क से गुजरने वाले लोग पेयजल समस्या से जूझ रहे है. अंदर मुहल्लों की हालत तो और खराब है. किसी तरह लोग पानी की खरीददारी कर अपना जीवन व्यतीत कर रहे है. सरकार और प्रशासनिक तंत्र जमीनी हक़ीक़त को जानने का प्रयास नही कर रही है और ना ही अपने दिए आदेशों पर हुई करवाई की जांच कर रही है.

बहरहाल जनता को ही अपने हक के लिये सरकार और महकमें को जगाना होगा, उन्हें जमीनी हकीकतों से रूबरू कराना होगा, तभी जाकर चौक चौराहों और गलियों में पीने का पानी सरकारी चापाकलों से मिल सकता है.

रिवीलगंज: शनिवार की सुबह छपरा-सिवान पथ पर तेज़ रफ़्तार स्कार्पियो की चपेट में आने से एक वृद्ध की मौत हो गई. घटना रिवीलगंज थाना क्षेत्र के मेठवालिया गांव के समीप की है. जहां सड़क पार कर रहे एक वृद्ध को तेज रफ्तार स्कार्पियो ने टक्कर मार दी. जिससे मौके पर ही उसकी मृत्यु हो गई.

मृतक रिविलगंज थाना क्षेत्र के औली गांव निवासी 55 वर्षीय दूधनाथ साह बताये जा रहे हैं. जिन्हें सुबह किसी कार्य से जाने के दौरान सड़क पार करते वक्त स्कार्पियो ने कुचल दिया.

घटना के बाद ग्रामीणों ने स्कॉर्पियो चालक की जमकर धुनाई कर दी. घटना की सूचना पर पुलिस घटना स्थल पर पहुंच कर शव को अपने कब्जे में ले लिया.

Garkha:शुक्रवार को गरखा थाना क्षेत्र के महमदा जासोसती फोर लेन ओवर ब्रिज पर तेज़ रफ़्तार इंडिका कार ने विपरीत दिशा से आ रहे बाइक को ज़ोरदार टक्कर मार दी. इस टक्कर में बाइक सवार दो लोग गंभीर रूप से घायल हो गये. घटना स्थल पर पहुंची पुलिस ने घायलों को उपचार के लिए छपरा सदर अस्पताल भेज दिया. घायल रणजीत चौधरी(30) मुफस्सिल थाना क्षेत्र के घेघटा निवासी स्व कृष्णा चौधरी का पुत्र बताया जा रहा है. वहीं दूसरा घायल भी इसी गाँव के बुद्धू साह का पुत्र है. दोनों का इलाज सदर अस्पताल छपरा में चल रहा है.

परिजनों ने बताया कि रंजीत अपने गाँव के ही एक व्यक्ति जालिम कुमार के साथ गरखा अपनी बुआ के यहाँ गया था. जिसके बाद आज वह दोनों बाइक से एक साथ घेघटा लौट रहे थे. आने के क्रम में महमदा ओवरब्रिज पर तेज़ रफ़्तार कार ने इनकी बाइक को टक्कर मार दी जिससे दोनों बुरी तरह घायल हो गये.

 

Chhapra: सड़क सुरक्षा सप्ताह के पहले दिन छपरा की सड़कों पर जागरूकता का एक अलग नजारा देखने को मिला जब पुलिस द्वारा हेलमेट नही पहनने वालो को गुलाब का फूल दिया गया. पुलिस के द्वारा ऐसा लोगों को अपनी गलती का अहसास कराने के लिए किया गया.

पुलिस अधीक्षक हरकिशोर राय ने बताया कि सड़क सुरक्षा सप्ताह के पहले दिन पुलिस ने लोगों को जागरूक किया और जो लोग ट्रैफिक नियम का पालन नही कर रहे दिखे उन्हें गुलाब का फूल दिया गया ताकि उन्हें अपनी गलती स्वयं अहसास हो. उन्होंने कहा कि अगले दिन से वाहनों की सघन जांच और जागरूकता के लिए अन्य कार्यक्रम भी किये जायेंगे.

इससे पहले जिलाधिकारी हरिहर प्रसाद और पुलिस अधीक्षक हरकिशोर राय के नेतृत्व में शहर में जागरूकता रैली निकाली गई जिसमें स्कूली बच्चों ने भी भाग लिया. रैली समाहरणालय परिसर से शुरू हुई और डाकबंगला रोड, दरोगा राय चौक, बस स्टैंड, नगरपालिका चौक होते हुए पुनः समाहरणालय पहुँच समाप्त हो गयी. इस दौरान भगवान बाजार थानाध्यक्ष सुरेन्द्र कुमार, नगर थानाध्यक्ष राजीव नयन, डीटीओ समेत प्रशासनिक, पुलिस पदाधिकारी और जवानों के साथ स्कूली बच्चे भी शामिल थे.

Chhapra: राष्ट्रीय राजमार्ग 19 छपरा शहर के बीचो बीच गुजरती है. राष्ट्रीय राजमार्ग पर शहर के गुदरी मोड़ से ब्रह्मपुर पुल तक जर्जर एवं जानलेवा सड़क तथा सड़क पर उड़ती धूल से निजात दिलाने के लिए स्थानीय लोगों ने जिलाधिकारी हरिहर प्रसाद से गुहार लगाई है.

स्थानीय लोगों ने जिलाधिकारी को सौंपे ज्ञापन में कहा है कि सड़क के दोनों किनारे रहने वाले लोगों को धूल-प्रदूषण से रोज दो चार होना पड़ता है. NH 19 स्थित श्यामचक से ब्रह्मपुर पुल तक की सड़क पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है. आए दिन छोटे बड़े वाहन दुर्घटनाग्रस्त होते रहते हैं. इस कारण यहां दिन में जाम भी लगा रहता है.

इस सड़क से प्रतिदिन सैकड़ों वाहन गुजरते हैं. सड़क खराब होने से सड़क किनारे रहने वाले लोग और दुकानदारों को धूल से दो चार होना पड़ता है. जिलाधिकारी से गुहार लगाते हुए लोगों ने कहा है कि इसका समाधान निकालें तथा NH 19 एवम NH 101 को मिलाने वाले लिंक रोड पर भारी वाहनों के परिचालन से लिंक रोड भी जर्जर हो चुकी है. जिस पर पैदल चलने लायक भी नहीं है.

 

File Photo  

छपरा: सूबे के दूरस्थ जिले से राजधानी पटना अधिकतम 5 घंटे में पहुँचने के मद्देनजर पथ निर्माण विभाग के द्वारा सारण जिलान्तर्गत 

स्वीकृत पथों और पुल, पुलियों के निर्माण कार्य का उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव कार्यारम्भ करेंगे. स्थानीय राजेन्द्र स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री 21 पथों और 5 पुल, पुलियों के निर्माण का कार्यारम्भ करेंगे.

कार्यक्रम की अध्यक्षता बिहार सरकार के परिवहन मंत्री चन्द्रिका राय करेंगे. वही खान एवं भूतत्व मंत्री मुनेश्वर चौधरी मुख्य अतिथि होंगे.

छपरा: जिले में इन दिनों अगलगी की घटनाओं में बढ़ोत्तरी हुई है. गर्मी और तेज पछुआ हवाओं के चलने से छोटी से चिंगारी भयानक रूप लेते हुए फसल और घर को अपने चपेट में ले ले रही है.

ऐसे में अग्निशमन विभाग की जबाबदेही भी बढ़ गयी है. प्रतिदिन अग्निशमन वाहन शहर की सड़कों पर आते जाते देखे जा सकते है. अग्निशमन कर्मियों को घटनास्थल पर पहुँचने की हड़बड़ी होती है. ऐसे में सड़क पर लगा जाम उनकी राह में बाधा उत्पन्न करता है. कर्मियों को आग के साथ साथ सडकों पर लगने वाले जाम से भी जूझना पड़ रहा है.  

सोमवार को भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला जब थाना चौक से भगवान बाजार की ओर जा रहा अग्निशमन वाहन घंटों जाम में फंसा रहा. अग्निशमन वाहन के चालक समेत पुलिसकर्मी जाम से निकलने की कोशिश करते दिखे. उस वक़्त शहर में आंगनवाड़ी सेविकाओं की रैली निकली थी. काफी मशक्कत के बाद वाहन को जगह मिल सका.

सड़कों पर लगने वाले जाम के चलते अग्निशमन वाहनों को घटनास्थल पर पहुँचने में होने वाली देरी से उन्हें स्थानीय लोगों के गुस्से से जूझना पड़ता है. ऐसे में जब कभी भी आप सड़क पर वाहन चला रहे हो तो आपको चाहिए कि अग्निशमन वाहन को रास्ता देते हुए उनके लिए मार्ग को खाली करने की कोशिश करें.

जाम में फंसा अग्निशमन वाहन