Chapra: एक बार फिर बेटी ने छपरा को गौरवान्वित करने का कार्य किया है. हाल ही छपरा के विष्णुपुरा निवासी वीके सिंह की पुत्री कामनी सिंह का चयन दिल्ली स्थित आर्मी कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंस में MBBS की पढ़ाई के लिए हुआ है. कामिनी को नीट द्वारा 2018 में आयोजित राष्ट्रीय स्तर की मेडिकल प्रवेश परीक्षा में बढ़िया प्रदर्शन करने के बाद आर्मी कॉलेज में डॉक्टर बनने के लिए दाखिला मिला है.

आपको बता दें कि कामिनी ने सेना में लेफ्टिनेंट की नौकरी छोड़ डॉक्टर बनने का फैसला लिया है. उन्होंने सेना में एमएनएस की नौकरी के लिए 2018 में ही परीक्षा दी थी. जिसके बाद बतौर लेफ्टिनेंट पद पर योगदान देने के लिए कामिनी को जोइनिंग लेटर भी मिला था. इसी बीच कामिनी का दाखिला MBBS के लिए हो गया. नौकरी को लेकर उन्होंने कहा कि सेना के लिए योगदान तो मैं ज़रूर देंगी लेकिन डॉक्टर बनके दूंगी. जिसके बाद कामिनी ने डॉक्टर बनने के सेना की नौकरी को ठुकरा दिया.

कामिनी ने छपरा के खलपुरा स्थित एएनडी पब्लिक स्कूल में छठी कक्षा तक पढ़ाई की है. जिसके बाद आगे की पढ़ाई के लिए वो झांसी चली गयी. कामिनी के पिता वीके सिंह सेना में हवलदार हैं. साथ ही माता सीमा सिंह गृहणी है.

बेटी के इस दोहरी सफलता था पूरे परिवार में खुशी का माहौल है. कामिनी के पिता का कहना है कि उनकी बेटी अब डॉक्टर बनकर सेना में योगदान देगी जो छपरा के लिए गौरव की बात है.

Manjhi: मांझी पश्चमी पंचायत की काशिफा शकील ने मेडिकल की राष्ट्रीय पात्रता व प्रवेश परीक्षा (यूजी) में सफलता हासिल कर पूरे जिले का नाम रौशन किया है. काशिफा को इबीसी में 139 रैंक हासिल हुआ है.

काशिफ़ा का चयन एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए हुआ है. वो मांझी के मियां पट्टी गांव निवासी शिक्षक शकील अहमद की पुत्री है. उनके इस सफलता ने पूरे जिले में उनका नाम रौशन किया है.

घर पर की तैयारी

आज के जमाने मे किसी भी प्रवेश परीक्षा की तैयारी के लिए कोचिंग क्लासेस का ट्रेंड चल रहा है. बिना कोचिंग गये तैयारी करना, ये तो बीते जमाने की बात हो गयी है. लेकिन इन सब के विपरीत काशिफ़ा ने बिना किसी कोचिंग क्लास गये मेडिकल पात्रता परीक्षा में सफलता प्राप्त कर एक मिसाल कायम की है.

इंटर के बाद डॉक्टर बनने की हुई इच्छा

घर से लगभग डेढ़ किलोमीटर दूरी पर स्थित आदर्श मध्य विद्यालय से आठवीं तक कि पढ़ाई कर दलन सिंह उच्च विद्यालय से वर्ष 2013 में मैट्रिक के बाद मांझी इंटर कालेज से वर्ष 2015 में इंटर की पढ़ाई पूरी की. जिसके बाद उनकी डॉक्टर बनने की इच्छा जगी तो घर पर ही तैयारी कर यूजी की परीक्षा में सफलता हासिल कर ली.

माता-पिता एक ही स्कूल में शिक्षक है.

काशिफा के माता पिता स्थानीय आदर्श मध्य विद्यालय में शिक्षक हैं. उसी स्कूल से काशिफा ने पढ़ाई की है. काशिफा की तीनों छोटी बहनें भी उसी विद्यालय में पढ़ती हैं. वे भी पढ़-लिख कर डॉक्टर बनना चाहती हैं.