Chhapra: मैट्रिक परीक्षा के दौरान छपरा में एक अजीबोगरीब स्थिति उत्पन्न हो गई. छपरा शहर के सेंट्रल पब्लिक स्कूल परीक्षा केंद्र पर एक ही दिन एक ही समय पर CBSE और बिहार बोर्ड के दसवीं की परीक्षा आयोजित की गई. हालांकि इस दौरान स्कूल मैनेजमेंट ने सूझबूझ से दोनों बोर्ड परीक्षा बिना किसी परेशानी के आयोजित करा ली गई. 20 फरवरी को बिहार बोर्ड मैट्रिक परीक्षा का अंग्रेजी का पेपर था वही CBSE 10th का IT का पेपर था.

सुबह से ही बिहार बोर्ड और CBSE के दसवीं के परीक्षार्थी CPS पहुंचने लगे. एक दूसरे को देख परीक्षार्थियों को पहले कुछ समझ नहीं आया फिर बाद में उन्हें जानकारी दी गई. इस दौरान बिहार बोर्ड के परीक्षार्थियों की तादाद ज्यादा थी. लेकिन स्कूल प्रशासन के बेहतर मैनेजमेंट के कारण दोनों बोर्ड की परीक्षाएं आसानी से हो गई.

सेंट्रल पब्लिक स्कूल के मैनेजर विकास कुमार ने बताया कि बिहार बोर्ड के परीक्षार्थियों के लिए बायीं ओर के बिल्डिंग में परीक्षा ली गई. वही दायीं और स्थित बिल्डिंग में CBSE के बच्चों ने परीक्षा दी. छुट्टी हुई तो दोनों परीक्षार्थी एक साथ बाहर निकलते नजर आए.

हालांकि परीक्षाएं बिल्कुल शांति वातावरण में पूर्ण हुई. स्कूल के निदेशक ने बताया कि जिला शिक्षा पदाधिकारी को इस बात की जानकारी दे दी गई थी कि की दोनों बोर्ड की परीक्षाएं एक ही दिन एक ही सेंटर पर हैं.

Chhapra: शैक्षणिक सत्र 2017-19 के लिए इण्टर में पंजीयन की अंतिम तिथि 13 सितम्बर है. गुरुवार के बाद पंजीयन का कार्य बंद हो जाएगा.

हालांकि इस तिथि का विस्तार वैसे विद्यार्थियों के लिए किया गया था जिन स्कूल- कॉलेजों में सीटों की वृद्धि की गई थी. उन कॉलेजों के छात्र 13 सितंबर तक विलंब शुल्क के साथ पंजीयन करा सकते हैं. पूर्व में इन कॉलेजों के लिए 11 सितंबर को अंतिम अवधि निर्धारित की गई थी, लेकिन कई छात्र अब तक पंजीयन नहीं करा पाए हैं.

बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष आनंद किशोर ने बताया कि विस्तारित अवधि में किए गए पंजीयन का शुल्क ई-चालान के माध्यम से स्कूल के प्राचार्य द्वारा 14 से 16 सितंबर के बीच जमा किया जाएगा.

इन परीक्षार्थियों का डमी पंजीयन कार्ड बाद में जारी किया जाएगा. जिन अभ्यर्थियों ने पूर्व में पंजीयन करा लिया है. उनका डमी पंजीयन कार्ड बोर्ड की वेबसाइट पर अपलोड है. ऐसे परीक्षार्थियों को सुधार के लिए 12 सितंबर तक अवधि निर्धारित की गई थी. जिसे छात्र हित में 15 सितंबर तक विस्तारित किया गया है. छात्र एवं स्कूल के प्रधान 15 सितंबर तक डमी में सुधार कर सकते हैं.

इस मौके के बाद भी सुधार नहीं किया गया तो इसके लिए पूरी तरह से स्कूलों के प्राचार्य जिम्मेदार होंगे.