नई दिल्ली, 26 दिसंबर (हि.स.)। खो खो विश्वकप 2025 की स्टार पावर में लगातार इजाफा हो रहा है। गुरुवार को बॉलीवुड सुपरस्टार टाइगर श्रॉफ भी सह-ब्रांड एंबेसडर के तौर पर खो खो विश्वकप प्रतियोगिता से जुड़ गए हैं। ऐसे में खो खो फेडरेशन ऑफ इंडिया (केकेएफआई)) अभिनेता टाइगर श्रॉफ का स्वागत किया और इस खेल के प्रति लोगों के झुकाव को लेकर इसके बेहतर भविष्य के प्रति आश्वस्तता जताई।
भारतीय खो-खो महासंघ ने कहा कि यह घोषणा करते हुए वो रोमांचित है कि बॉलीवुड के युवा सुपरस्टार टाइगर श्रॉफ उद्घाटन खो-खो विश्व कप के ब्रांड एंबेसडर के रूप में सलमान खान के साथ शामिल हो गए हैं। यह आयोजन 13 जनवरी से 19 जनवरी, 2025 तक नई दिल्ली में होने वाला है। यह ऐतिहासिक टूर्नामेंट वैश्विक दर्शकों के लिए भारत के पोषित खेल का सार प्रदर्शित करेगा।
फिटनेस के कट्टर समर्थक टाइगर ने स्वस्थ जीवन शैली विकसित करने में खेल की भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि “किसी के भी जीवन में फिटनेस अंतिम लक्ष्य होना चाहिए और खेल इसे हासिल करने का सबसे बड़ा साधन है। खो-खो फिटनेस, रणनीति और भावना का एक आदर्श मिश्रण है और मुझे उम्मीद है कि मैं लोगों को इसे अपनाने के लिए प्रेरित करूंगा।“
खो-खो को लेकर टाइगर ने कहा कि यह सिर्फ एक खेल नहीं बल्कि ऐसी भावना है जो भारत की मिट्टी से गहराई से जुड़ी हुई है। उन्होंने कहा, “हमारी संस्कृति में अपनी जड़ों से लेकर वैश्विक सनसनी बनने तक, यह खेल ताकत, चपलता और गति का उदाहरण देता है। मैं इतने प्रतिष्ठित मंच पर खो-खो का प्रतिनिधित्व करने और दुनिया भर में इसकी समृद्ध विरासत को बढ़ावा देने के लिए रोमांचित हूं।
केकेएफआई के अध्यक्ष सुधांशु मित्तल ने टाइगर श्रॉफ के सहयोग के लिए आभार व्यक्त करते हुए कहा, “टाइगर खो-खो के मूल मूल्यों: ताकत, दृढ़ता और जुनून का प्रतीक है। इस यात्रा में उनका हमारे साथ शामिल होना हमारे लिए सम्मान की बात है। उनका उत्साह और पहुंच खेल की प्रतिष्ठा को ऊपर उठाएगी और इसे लाखों लोगों के दिलों के करीब लाएगी।”
बतादें कि खो-खो विश्व कप में 24 देशों की 21 पुरुष और 20 महिला टीमों के साथ एक सप्ताह तक चलने वाली कड़ी प्रतिस्पर्धा देखने को मिलेगी। यह भव्य आयोजन खेल के क्षेत्र में भारत की सांस्कृतिक पदचिह्न को फिर से परिभाषित करने के लिए तैयार है। प्रतिष्ठित इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में होने वाले इस टूर्नामेंट का उद्देश्य समावेशिता और उत्कृष्टता की भावना का प्रदर्शन करते हुए पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए एक समान मंच प्रदान करना है।