Chhapra: इंटरनेशनल क्यूकुशिन कराटे डो यूनियन सारण द्वारा एक दिवसीय क्योकुशिन काता सेमिनार सह चैंपियनशिप का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में शहर के दर्जनभर से ज्यादा स्कूलों के साथ ही पटना के के भी बच्चों ने हिस्सा लिया.
कार्यक्रम का उद्घाटन जेपी विश्वविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना के समन्वयक डा. प्रोफेसर हरीश चंद्र तथा पूर्व समन्वयक डा. बी बी त्रिपाठी ने संयुक्त रूप से किया. अपने संबोधन में एनएसएस के समन्वयक डॉ. हरीश चंद्र ने बच्चों के कौशल की सराहना करते हुए, उन्हें भविष्य में अच्छे नागरिक बनने की शुभकामना दिया. वहीं पूर्व समन्वयक डॉक्टर त्रिपाठी ने वर्तमान समय में लड़कियों के लिए कराटे के प्रशिक्षण को जरूरी बताया.
उन्होंने कहा कि जब हम शारीरिक रूप से सशक्त वह आत्मविश्वास से लबरेज होंगे तो किसी भी तरह की कठिनाई का सामना करने के साथ ही दूसरों की मदद भी कर सकेंगे. आगत अतिथियों का स्वागत करते हुए स्कूल के डायरेक्टर एयर वेटरन अमृत प्रियदर्शी ने बच्चों का उत्साह बढ़ाते हुए कहा कि आगे भी इस तरह के आयोजन को जारी रखा जाएगा.
इस मौके पर सुरेश प्रसाद श्रीवास्तव, पटना से आए आईकेकेडो यूनियन बिहार के स्टेट प्रेसिडेंट सह टेक्निकल डायरेक्टर सेंसई दीपक कुमार के नेतृत्व में छपरा व पटना के करीब 70 से ज्यादा बच्चों ने क्योकुशीन कराटे के काता की बेसिक तकनीक के साथ ही इसके विभिन्न पहलुओं से रूबरू होते हुए इसका जमकर अभ्यास किया. उधर कार्यक्रम के दौरान कराटे का स्पेशल बेल्ट ग्रेडिंग एग्जाम भी आयोजित किया गया. जिसमें पटना के श्लोक व अर्थ व को व्हाइट से यलों तथा साहिल एवं अक्स को यलो से ग्रीन बेल्ट में प्रमोशन दिया गया.
समृद्धि, मुकुल, साहिल व दृष्टि को मिला गोल्ड
सेमिनार के बाद आयोजित क्यू कुशिन काता कंपटीशन के सीनियर बॉयज ग्रुप में पटना के मुकुल को गोल्ड, छपरा के विज्ञान को सिल्वर तथा छपरा के ही शिवसागर को ब्रांज मेडल दिया गया. वही सीनियर गर्ल्स ग्रुप में छपरा की समृद्धि सूर्यवंशी को गोल्ड, दिव्या सिंह को सिल्वर, आकांक्षा पांडे एवं आकांक्षा को को ब्रांज, जूनियर बॉयज ग्रुप में पटना के साहिल को गोल्ड, छपरा के मोहित को सिल्वर तथा छपरा के ही रिशु एवं अक्षत को ब्रांज जूनियर गर्ल्स ग्रुप में छपरा की दृष्टि राज को गोल्ड, आकृति को सिल्वर तथा प्रशंसा एवं कौशिकी को ब्रांज एवं सब जूनियर बॉयज ग्रुप में आदित्य को गोल्ड, आर्यन को सिल्वर तथा शिवम को ब्रांज मेडल दिया गया. इसके साथ ही और अर्णव एवं अनन्या को सांत्वना पुरस्कार से सम्मानित किया गया.